जम्मू-कश्मीर चुनाव गठबंधन के मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेस को फ्री हैंड, हाईकमान ने अपने स्तर पर फैसला लेने का दिया अधिकार
जम्मू-कश्मीर में 30 सिंतबर से पहले विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टियों ने चुनाव को लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। ऐसे में कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश कांग्रेस को इस संदर्भ में खुद फैसला लेने की अनुमति दे दी है कि वे गठबंधन करे या नहीं। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच 2-3 सीटों पर अलायंस हुआ था।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू कश्मीर में चुनाव पूर्व या चुनावी प्रक्रिया संपन्न होने बाद में गठबंधन करने के मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेस फैसला कर सकेगी। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल से गठबंधन के मुद्दे पर कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश कांग्रेस को अपने स्तर पर निर्णय लेने का अधिकार दिया है।
प्रदेश में चुनाव की तैयारी जारी है। सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर से पहले चुनाव प्रक्रिया संपन्न कर लेने का आदेश दिया है।
हालांकि, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जम्मू संभाग की दो सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जो हार गए थे। लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले में करीब दस प्रतिशत वोट बढ़ने से कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-एनसी के बीच हुआ था गठबंंधन
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस की कश्मीर की तीन सीटों पर समर्थन किया था। वहीं नेशनल कांफ्रेंस ने जम्मू संभाग की दो सीटों पर कांग्रेस का समर्थन किया था।
हाईकमान के साथ प्रदेश के नेताओं की 27 जून को बैठक हुई थी जिसमें विधानसभा चुनाव की तैयारियां पर चर्चा हुई थी।
अभी चुनाव की घोषणा तो नहीं हुई है मगर सितंबर में चुनाव होने की संभावना को देखते हुए अन्य पार्टियों की तरह कांग्रेस ने गतिविधियों को बढ़ा दिया है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि हाईकमान चाहती है कि प्रदेश नेतृत्व स्वयं ही कार्यकर्ताओं, वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करके फैसला करें क्योंकि जमीनी हकीकत के बारे में प्रदेश के नेताओं को अधिक जानकारी है।
इसके लिए जिला, ब्लॉक, तहसील स्तर पर जल्द ही बैठकें होगी। यह तो तय है कि नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन होगा। लेकिन यह चुनाव पूर्व होगा या बाद में इस पर फैसला लिया जाएगा।
साल 2008 में बनी थी गठबंधन सरकार
साल 2008 में नेकां-कांग्रेस गठबंधन सरकार बनी थी जो पूरे छह साल तक चली थी। पार्टी ने कांग्रेस छोड़कर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी में गए नेताओं के लिए भी दरवाजे खुले रखे हैं। इतना ही जिस तरह से चौधरी लाल सिंह कांग्रेस में वापस आए हैं। उस तरह से छोटी क्षेत्रीय पार्टियों के नेता भी कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं।
यह सारी तेजी तब आएगी जो चुनाव की घोषणा हो जाएगी। प्रदेश स्तर पर सारी मंथन करने के बाद इसकी जानकारी हाईकमान को दी जाएगी जिसमें विशेष रूप से राष्ट्रीय प्रधान के अलावा राहुल गांधी व प्रियंका गांधी भी शामिल होंगे।
कांग्रेस करेगी गठबंधन को लेकर मंथन
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता और वरिष्ठ उप प्रधान रविंद्र शर्मा का कहना है कि पार्टी हाईकमान ने हम से गठबंधन करने को लेकर जानकारी मांगी है। हमें कहा गया कि प्रदेश कांग्रेस मंथन करके बताए कि किस पार्टी के साथ गठबंधन करना है। यह गठबंधन चुनाव पूर्व होना या बाद में।
किस तरह से फायदा होगा क्योंकि जमीन पर हम काम कर रहे हैं। हम ही बता सकते है कि नेशनल कांफ्रेंस समेत किन पार्टियों से गठबंधन कर सकते हैं।
पहले हमारी अपनी बैठकें होगी जिसमें विचार विमर्श किया जाएगा उसके बाद ही गठजोड़ वाली पार्टियों से बातचीत होगी। हम फैसला करके रिपोर्ट हाईकमान को सौंप देंगे मगर आखिरी मुहर तो हाईकमान ही लगाएगी।
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