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Jammu Kashmir Election 2024: रियासी सीट पर मझधार में कांग्रेस, एक ओर BJP तो दूसरी ओर पुराने साथी बने चुनौती

Jammu Kashmir Assembly Election 2024 जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 में रियासी जिले (Reasi Assembly Seat) में कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। एक तरफ भाजपा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से मजबूती मिली है तो दूसरी तरफ जिले की तीन में से दो सीटों पर कांग्रेस को अपने ही पुराने साथियों से कड़ी टक्कर मिल रही है।

By rohit jandiyal Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 20 Sep 2024 02:21 PM (IST)
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रियासी की राह कांग्रेस के लिए आसान नहीं (जुगल किशोर शर्मा व एजाज खान- फाइस फोटो)
राज्य ब्यूरो, जम्मू। Jammu Kashmir Assembly Election 2024: रियासी जिले में इस बार राजनीतिक समीकरण बहुत बदल चुके हैं। सबसे अधिक कांग्रेस ही फंसी नजर आ रही है।

कांग्रेस को एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली से मजबूत हुई भाजपा से लड़ना है तो दूसरी ओर जिले की तीन में से दो सीटों पर अपने ही पुराने साथियों से कड़ी टक्कर मिल रही है। इन तीनों ही सीटों पर दूसरे चरण में मतदान होना है।

रियासी जिले में पहले तीन विधानसभा क्षेत्र रियासी, गुलाबगढ़ और गूल-अरनास थे। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को दो और भाजपा को यहां से एक सीट पर जीत मिली थी, लेकिन दस वर्ष में यहां पर बहुत बदलाव आया है। अब गूल-अरनास सीट के स्थान पर श्री माता वैष्णो देवी तीसरी सीट बना दी गई है।

एजाज खान निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में

यही नहीं वर्ष 2014 के चुनाव में गूल-अरनास से कांग्रेस की सीट पर चुनाव जीतने वाले एजाज खान इस बार निर्दलीय प्रत्याशी हैं।

वहीं रियासी से कांग्रेस की सीट पर चुनाव लड़ चुकने वाले जुगल किशोर शर्मा भी इस बार निर्दलीय मैदान में उतरे हैं। रियासी से वर्ष 2014 में निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले मौजूदा जिला विकास परिषद के चेयरमैन सराफ सिंह भाजपा में चले गए हैं।

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नेताओं के पाला बदलने से कमजोर हुई कांग्रेस

कांग्रेस को रियासी जिले में काफी मजबूत माना जाता था। भाजपा सिर्फ रियासी सीट पर ही अधिक मजबूत थी, लेकिन परिसीमन और नेताओं के पाला बदलने के बाद अब स्थिति बदल गई है।

गूल-अरनास से तीन बार वर्ष 2002, 2008 और 2014 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत चुके एजाज खान पहले जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी में चले गए थे, लेकिन इस बार वह गुलाबगढ़ से निर्दलीय लड़ रहे हैं।

यहां से कांग्रेस ने अपने गठबंधन सहयोगी नेशनल कान्फ्रेंस के खुर्शीद अहमद को समर्थन दिया है। भाजपा के मोहम्मद अकरम और पीडीपी के मोहम्मद फारूक यहां से चुनाव लड़ रहे हैं।

इसी तरह रियासी से कांग्रेस ने इस बार वर्ष 2014 में गुलाबगढ़ से चुनाव जीतने वाले मुमताज खान को पार्टी उम्मीदवार बनाया है। उनका सीधा मुकाबला भाजपा के कुलदीप राज दुबे से है।

माता वैष्णो देवी सीट से भूपेंद्र सिंह को दिया टिकट

इसी तरह नई श्री माता वैष्णो देवी सीट पर कांग्रेस ने इस बार भूपेंद्र सिंह को टिकट दिया है, लेकिन उन्हें एक ओर जहां भाजपा के बलदेव राज शर्मा से मुकाबला करना पड़ रहा है तो दूसरी ओर कांग्रेस के ही पूर्व विधायक रहे जुगल किशोर शर्मा से।

वह कांग्रेस छोड़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी में चले गए थे। लेकिन इस बार श्री माता वैष्णो देवी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।

प्रदेश की राजनीतिक के जानकार सुरेंद्र शर्मा का कहना है कि रियासी जिला कांग्रेस का जनाधार वाला जिला था, लेकिन इस बार कांग्रेस ने तीन में से दो ही सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।

पुराने नेताओं के निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने के कारण इस बार कांग्रेस के लिए चुनौती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अब कटड़ा में रैली की है। ऐसे में कांग्रेस-नेकां गठबंधन के लिए राह बहुत मुश्किल भरी है।

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