Jammu Kashmir Election 2024: 'आतंक के आंकड़ों पर बात के लिए हम भी तैयार', भाजपा की चुनौती को NC-PDP ने किया स्वीकार
जम्मू कश्मीर विधानसभा 2024 (Jammu Kashmir Election 2024) की तैयारियों के बीच भाजपा ने आतंकी हिंसा और जम्मू कश्मीर के सुरक्षा माहौल पर नेकां पीडीपी और कांग्रेस को खुली बहस की चुनौती दी है। भाजपा के चुनौती को नेकां और पीडीपी ने स्वीकार कर लिया है। नेकां और पीडीपी ने कहा कि पीछे कौन हटता है आकंड़ों पर बात होनी चाहिए।
तरुण चुग ने बहस की दी चुनौती
गुरुवार को जम्मू में भाजपा के वार रूप के शुभारंभ के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं जम्मू-कश्मीर प्रभारी तरुण चुग ने कहा कि भाजपा आतंक व आम लोगों की हत्याओं को बर्दाश्त नहीं करेगी। स्पष्ट है कि इस चुनाव में भाजपा कांग्रेस समेत विपक्ष के दलों को आतंक के मुद्दे पर घेरने की तैयारी कर चुकी है।घाटी के युवाओं में अब लैपटॉप
तरुण चुग ने कहा कि कश्मीर के युवाओं के हाथ में अब पत्थर के बजाय लैपटॉप है। नेकां, कांग्रेस व पीडीपी के सत्ता के समय हर साल आतंकी हमलों में औसतन 60-70 लोगों की हत्या होती थी। अब देखिये, वर्ष 2018 में यह 55 थी जो 2023 में घटकर 23 तक पहुंच गई। इस साल अब तक आतंकी वारदात में सिर्फ 14 लोगों की जान गई है। वर्ष 2018 में 228 आतंकी घटनाएं हुईं जो 2023 में कम होकर 46 हो गई। इस साल अब तक महज 11 ऐसी घटनाएं हुई हैं। यह भी पढ़ें: महबूबा मुफ्ती पर उमर अब्दुल्ला का पलटवार, कहा- विधानसभा सशक्त बनाने के लिए चुनाव लड़ना जरूरीआतंकी मुठभेड़ में आई कमी, पत्थरबाजी खत्म
उन्होंने कहा कि आतंकी मुठभेड़ की 2018 में 189 घटनाएं हुईं जो 2023 में कम होकर 48 हुईं और इस साल 24 मुठभेड़ हुई। वर्ष 2018 में 91 सुरक्षाबल जवानों की शहादत हुई जो 2023 में कम होकर 23 तक पहुंची और इस साल 14 जवान बलिदान हुए। नेकां, कांग्रेस व पीडीपी की सरकार में पत्थरबाजी की करीब 1,328 घटनाएं हुईं जो 2023 में पूरी तरह से शून्य रही। चुग ने कहा कि भाजपा लोगों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।यह भी पढ़ें: Jammu Kashmir Election 2024: चुनाव की तैयारियों के बीच रुठों को मनाने में जुटी भाजपा, पूर्व नेताओं के घर पहुंचे बीजेपी दिग्गजभाजपा की चुनौती से कौन पीछे हटता है। अनुच्छेद 370 और 35ए के निरस्तीकरण से पहले जम्मू-कश्मीर में समाज कल्याण और विकास के मानदंडों पर कहां था और आज कहां है, यह सभी जानते हैं। बीते पांच वर्ष में यहां बेरोजगारी और भ्रष्टाचार बढ़ा है। उन इलाकों में आतंकी हिंसा शुरू हो गई है, जहां आतंक का खात्मा हो चुका था। हम तो तैयार हैं। भाजपा वाले सिर्फ तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं।
- एडवोकेट रत्न लाल गुप्ता, नेकां के जम्मू संभाग के प्रधान
हम तो खुली बहस के लिए तैयार हैं। आंकड़ों के आधार पर बात होगी तो भाजपा की पोल खुल जाएगी। अगर अनुच्छेद 370 जम्मू कश्मीर में आतंकी हिंसा का कारण है तो फिर आज यहां स्थिति पूरी तरह सामान्य होनी चाहिए।
यह भी पढ़ें: J&K Election 2024: अपनी पार्टी ने जारी की 24 उम्मीदवारों की सूची, अल्ताफ बुखारी छन्नपोरा से लड़ेंगे चुनाव-- फिरदौस टाक, पीडीपी प्रवक्ता और पूर्व एमएलसी