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Jammu Kashmir: हर घर का होगा डिजिटल नंबर, गूगल मैप दिखाएगा राह, भटकेंगे नहीं अतिथी

जम्मू स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर के सभी 75 वार्डों के करीब दो लाख से ज्यादा घरों में डिजिटल डोर नंबर (डीडीएन) लगाया जाएगा। डीडीएन के आधार पर हर मकान दुकान या किसी अन्य प्रतिष्ठान की बिल्डिंग पर यूनिक डिजिटल प्लेट लगाई जाएगी

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Sat, 07 Jan 2023 02:45 PM (IST)
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हर घर का होगा डिजिटल नंबर, गूगल मैप दिखाएगा राह
जम्मू, जागरण संवाददाता : जम्मू स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर के सभी 75 वार्डों के करीब दो लाख से ज्यादा घरों में डिजिटल डोर नंबर (डीडीएन) लगाया जाएगा। डीडीएन के आधार पर हर मकान, दुकान या किसी अन्य प्रतिष्ठान की बिल्डिंग पर यूनिक डिजिटल प्लेट लगाई जाएगी, जिसमें क्यूआर कोड के अलावा जम्मू स्मार्ट सिटी लिमिटेड और जम्मू नगर निगम का लोगो व हेल्पलाइन नंबर अंकित रहेगा।

क्यूआर कोड स्कैन करने से मकान मालिक ई गवर्नेंस माड्यूल से जुड़ी संपत्तिकर, डोर टू डोर कचरा संग्रहण, बिजली-पानी के कनेक्शन, नामांतरण समेत 30 सेवाओं के साथ ही पुलिस, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड की आपातकालीन सेवाएं घर बैठे हासिल कर सकेंगे। इसके लिए हर मकान मालिक को एक यूनिक आइडी मुहैया करवाई जाएगी।

डीडीएन नंबर होने पर घर पहुंचने में होगी आसानी 

इसको लागिन करने पर मकान में रहने वाले लोगों की संख्या, मकान का आकार समेत अन्य जानकारियां मिल जाएंगी। डीडीएन और यूनिक आइडी होने पर शहर के किसी गली-मुहल्ले में बने मकान तक पहुंचना आसान हो जाएगा। हर मकान की जियो टैगिंग होने से मकान की सही लोकेशन मिलेगी। यदि किसी व्यक्ति का मकान पुराने शहर की भूलभुलैया वाली किसी गली में है तो वहां तक पहुंचने में अभी बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। कूरियर वाले को किसी सामान की डिलीवरी करने, गैस सिलिंडर पहुंचाने, कोई घटना होने पर वहां पुलिस के पहुंचने में अभी बहुत परेशानी होती है, लेकिन डीडीएन नंबर होने पर यह परेशानी खत्म हो जाएगी।

डीडीएन के जरिए दी जाने वाली सेवाएं भी बढ़ती जाएंगी

कोई भी इस डीडीएन नंबर को गूगल मैप पर सर्च कर आसानी से संबंधित मकान तक पहुंच सकेगा। वहीं, यदि किसी गली में सफाई नहीं हुई है तो संबंधित मकान मालिक क्यूआर कोड को स्कैन कर नगर निगम से शिकायत कर सकेगा। अभी लोगों को नगर निगम में फोन करना पड़ता है और अक्सर अधिकारियों के फोन नहीं उठते हैं, लेकिन डीडीएन नंबर मिलने के बाद पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो जाएगी। जम्मू में जैसे-जैसे विभिन्न सरकारी विभागों का डाटा डिजिटल होता जाएगा, डीडीएन के जरिए दी जाने वाली सेवाएं भी बढ़ती जाएंगी।

जोरो पर चल रहा सर्वे का काम 

इस समय शहर में लोगों मकान/प्रतिष्ठान के बारे में डेटा एकत्र करने के लिए सर्वे का काम जोरों पर चल रहा है। इसका पचास प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है। मार्च माह तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है। इसके बाद पूरा डेटा डिजिटल किया जाएगा। इसके बाद यूनिक डिजिटल प्लेट में डिजिटल डोर नंबर और क्यूआर कोड दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हितेश गुप्ता, असिस्टेंट चीफ एग्जीक्यूटिव आफिसर, जम्मू स्मार्ट सिटी लिमिटेड

जानकारी एकत्र करने के लिए सर्वे का 50 प्रतिशत काम पूरा

शहर में बने घरों के बारे में डेटा एकत्र करने के लिए नगर निगम की टीमें गूगल मैप का एक बड़ा प्रिंट लेकर सर्वे कर रही हैं। इससे घरों को चिह्नित किया जा रहा है। सर्वे का डाटा डिजिटल होने पर डीडीएन नंबर के आधार पर कोई भी गूगल मैप की मदद से संबंधित मकान को आसानी से सर्च कर सकेगा। सर्वे का 50 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। शहर के करीब दो लाख घरों का डेटा एकत्र करना है। करीब 80 हजार घरों का रिकार्ड अपडेट कर लिया गया है। शेष कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने में नगर निगम की टीमें लगी हुई हैं।

हर गली में लगाया जाएगा संकेतक

शहर के हर मकान, दुकान का डीडीएन नंबर जारी करने के साथ विभिन्न मुहल्लों की गलियों में संकेतक लगाए जाएंगे। इस पर गली में कितने नंबर तक मकान बने हैं, इसकी जानकारी होगी। ऐसे में उस गली में पहुंचते ही यह पता चल सकेगा कि संबंधित मकान कहां है।

वाटर प्रूफ होगी यूनिक डिजिटल प्लेट

यूनिक डिजिटल प्लेट जीआइ शीट से बनी होगी, जिसके ऊपर यूवी पेंट होगा। इसी पेंट से क्यूआर कोड और डीडीएन नंबर लिखा जाएगा। यह प्लेट इस तरह डिजाइन की जाएगी कि इस पर मौसम व पानी का कोई असर नहीं होगा। इतना ही नहीं, इस पर यदि किसी नुकीली चीज से खरोंचा भी नहीं जा सकेगा।

2007-08 में पारित हुआ था प्रस्ताव

वर्ष 2007-08 में जम्मू नगर निगम के जनरल हाउस की बैठक में शहर में हाउस नंबरिंग के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई थी। तब इस प्रोजेक्ट के लिए 65 लाख रुपये भी निर्धारित किए गए थे। उस समय प्रत्येक नंबर प्लेट पर 350 रुपये खर्च आने का अनुमान था। ईरा को यह प्रोजेक्ट सौंपा गया था। ईरा ने जियोग्राफिकल इंफारमेशन सिस्टम मैपिंग भी करवाई थी, लेकिन यह प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ा। अब जम्मू स्मार्ट सिटी लिमिटेड इसे और बेहतर ढंग से करने का प्रयास कर रहा है।

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