Jammu Kashmir Exit Polls: सरकार बनाने की तैयारी में जुटी कांग्रेस, पार्टी छोड़कर गए नेताओं से कर रही संपर्क
कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनाने की तैयारी में जुट गई है। पार्टी ने नेशनल कांफ्रेंस के साथ गठबंधन किया है लेकिन कुछ वरिष्ठ नेताओं के निर्दलीय चुनाव लड़ने से कांग्रेस को झटका लगा है। अब पार्टी इन निर्दलीय उम्मीदवारों से संपर्क कर रही है जिनके जीतने की संभावना है। चुनाव पूर्व हुए गठबंधन में कांग्रेस की प्रमुख सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने से पहले कांग्रेस सक्रिय हो गई है ताकि नेकां के साथ सरकार गठन में उसकी भूमिका अहम हो। चुनाव पूर्व हुए गठबंधन में कांग्रेस की प्रमुख सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ कुछ नेता कांग्रेस छोड़ कर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े उम्मीदवारों के साथ संपर्क बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ये वो नेता जिनकी जीतने की संभावना है। मुख्य तौर पर जीएम सरूरी और जुगल किशोर ने कांग्रेस को छोड़कर गुलाम नबी आजाद की पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी का दामन थाम लिया था।
उसके बाद संसदीय चुनाव में डीपीएपी की हालत देख कर इन नेताओं ने निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया। हालांकि इन दोनों की कांग्रेस में वापसी की कोशिशें सफल नहीं हो पाई थी। पार्टी सूत्रों ने बताया कि अगर नेकां-कांग्रेस की सरकार बनती है तो इन नेताओं की कांग्रेस वापसी मुश्किल नहीं होगा। हालांकि यह फैसला पार्टी हाईकमान ही करेगी।
जम्मू कश्मीर के तीन चरणों के चुनाव एक अक्टूबर को संपन्न हुए हैं और आठ अक्टूबर को परिणाम आना है। पूर्व मंत्री अब्दुल मजीद वानी भी कांग्रेस को छोड़कर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी में चले गए थे। उन्होंने डोडा से डीपीएपी की तरफ से चुनाव लड़ा है। वह भी संभावित विजयी उम्मीदवार के तौर पर देखे जा रहे हैं। लंबे अर्से तक वह कांग्रेस में रहे हैं।
उनकी वापसी होती है तो यह भी हैरानी नहीं होगी। वहीं चुनावी परिणामों की घोषणा से पहले कांग्रेस की अपनी बैठक होगी जिसमें परिणामों पर भी मंथन करेगा। इसमें पार्टी के जम्मू कश्मीर प्रभारी भरतसिंह सोलंकी भी जम्मू आ सकते हैं। पार्टी किसी भी हाल में नेशनल कांफ्रेंस और समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाने के प्रयास में हैं।
दो दिन पूर्व ही प्रदेश प्रधान तारिक हमीद करा भी यह कह चुके हैं कि अगर कांग्रेस-नेंका गठबंधन को बहुमत नहीं मिलता है तो जरूरत पड़ने पर समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ ही नहीं बल्कि निर्दलीयाें का सहयोग भी लिया जाएगा। इससे यह संकेत मिल रहे है कि कांग्रेस व नेकां गठबंधन सरकार गठन की राह को आसान बनाने के लिए निर्दलीय व कांग्रेस छोड़कर निर्दलीय से सहयोग हासिल करने से पीछे नहीं हटेगी।
इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कोई वरिष्ठ नेता सार्वजनिक तौर पर बयान देने के लिए तैयार नहीं है अलबत्ता नेता यह कह रहे है कि परिणाम आने दो, फिर देखते हैं। वहीं पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रविंद्र शर्मा का दावा है कि जम्मू कश्मीर में नेकां-काग्रेस गठबंधन सरकार ही बनेगी और बाद में निर्दलीय से समर्थन लेने या नेताओं की वापसी का फैसला हाईकमान ने ही करना होता है, इसमें अभी कुछ कहा नहीं जा सकता।
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