धारा 370 हटने के बाद बदल गई जम्मू-कश्मीर की तस्वीर, जमकर हुआ औद्योगिक विकास; मिले 1 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir News) में धारा 370 समाप्त होने के पांच साल पूरे हो चुके हैं। इस दौरान यहां जमकर विकास देखने को मिले हैं। जम्मू-कश्मीर में नई औद्योगिक नीति से औद्योगिक विकास को काफी ज्यादा बढ़ावा मिला है। अब तक 126582 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिले चुके हैं। वहीं हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग का निर्यात दोगुना हुआ है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद पांच साल में जम्मू कश्मीर में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिला है। नई औद्योगिक नीति को लागू किया गया है। अब तक 1,26,582 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं।
इनमें 18,185 करोड़ रुपये के निवेश से 889 यूनिट पर जमीन स्तर पर काम शुरू हुआ है, जिसमें 46,857 लोगों को रोजगार मिला है। साल 2024-25 में 9538 करोड़ रुपये के निवेश से 324 यूनिट उत्पादन शुरू कर देंगे।
जम्मू-कश्मीर में बन रहे 46 नए एस्टेट
नई केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत 28,000 करोड़ रुपये के औद्योगिक विकास का पैकेज मिला है। जम्मू कश्मीर में 46 नए औद्योगिक एस्टेट बनाए जा रहे हैं, जिसके लिए 10,398 कनाल भूमि मंजूर की गई है।
इस पहल से एक लाख लोगों को रोजगार मिलेंगे। 40 एस्टेट के विकास पर काम शुरू हो चुका है। जम्मू कश्मीर में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए 14 नीतियां अधिसूचित की गई है।
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हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग का निर्यात हुआ दोगुना
सिंगल विंडो पोर्टल के जरिये 185 ऑनलाइन सेवाएं जोड़ी गई है। जम्मू कश्मीर पहले केंद्र शासित प्रदेश है, जिसमें सिंगल विंडो पोर्टल को नेशनल सिंगल विंडो पोर्टल के साथ एकीकृत किया है।
हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग सेक्टर में साल 2021-22 में निर्यात 563 करोड़ था जो साल 2023-24 में दोगुना होकर 1162.29 करोड़ पहुंच गया है।
साल 2020 में निर्यात प्रमोशन सूचकांक 35 था जो 2022 में सुधर कर 17 के स्तर पर पहुंच गया है। 10 उत्पादों की जीआई-टैगिंग की गई है। 12 उत्पाद पाइपलाइन में है। इतना ही नहीं एक जिला एक उत्पाद योजना को शुरू किया गया है। इसमें 21 की पहचान की गई है।
आत्मनिर्भर भारत के दिशा में जम्मू-कश्मीर
जम्मू कश्मीर ने आत्मनिर्भर भारत उत्सव 2024 में बी कैटेगरी में गोल्ड मेडल हासिल किया है। जिला निर्यात कार्य योजना सभी 20 जिलों में मंजूर की जा चुकी है। विभिन्न जिलों में आर्गेनिक प्रमाण पत्र अभियान शुरू किया गया है, जिसमें कुपवाड़ा व राजौरी में अखरोट, रामबन में शहद, पुलवामा और किश्तवाड़ में केसर, कुलगाम में लहसुन, जम्मू में बासमती चावल, डोडा में लैवेंडर और राजमा शामिल है।
जम्मू कश्मीर में सहकारिता उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। जम्मू कश्मीर में 5682 सहकारिता समितियां पंजीकृत की गई है, जबकि साल 2019 में मात्र 300 थी। इनमें 1800 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। बुनकरों के लिए क्रेडिट कार्ड योजना, सहकारिता सोसाइटियों व सेल्फ ग्रुप के लिए वित्तीय सहायता और अन्य योजनाएं लाई गई हैं।