गणतंत्र दिवस पर दिखेगी जम्मू-कश्मीर की धाक, पुंछ की अनामिका करेंगी कर्तव्यपथ पर परेड तो बारामुला के इशफाक को मिलेगा बाल पुरस्कार
दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह (Republic Day) में जम्मू कश्मीर की भी धाक रहेगी। जम्मू के पुंछ की एनसीसी कैडेट अनामिका बाली (NCC cadet Anamika Bali) गणतंत्र दिवस समारोह की मुख्य परेड में शामिल होंगी। कश्मीर में करीरी बारामुला के इश्फाक हमीद बट को वर्ष 2024 के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए चुना गया है।
जागरण टीम, जम्मू/राजौरी। Republic Day 2024: दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह (Republic Day) में जम्मू कश्मीर की भी धाक रहेगी। जम्मू के पुंछ की एनसीसी कैडेट अनामिका बाली (NCC cadet Anamika Bali) गणतंत्र दिवस समारोह की मुख्य परेड में शामिल होंगी।
इसके अलावा कश्मीर में करीरी बारामुला के इश्फाक हमीद बट को वर्ष 2024 के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए चुना गया है। यह सम्मान कला एवं साहित्य की श्रेणी में उनकी योग्यता और प्रतिभा के लिए प्रदान किया जा रहा है।
बारामुला के इश्फाक को मिलेगा राष्ट्रीय पुरस्कार
वह 22 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से यह पुरस्कार प्राप्त करेंगे। पुंछ की एनसीसी कैडेट अनामिका हॉकी की भी खिलाड़ी हैं। वह कृष्ण चंद्र डिग्री कालेज पुंछ में पढ़ाई कर रही हैं। बता दें कि अनामिका राजौरी-पुंछ जिलों की पहली लड़की हैं जो गणतंत्र दिवस परेड में भाग ले रही हैं।
अनामिका ने एनसीसी में शामिल होकर कई शिविरों में भाग लिया। इससे वह अपने क्षेत्र में बेहतर कैडेट के तौर पर उभर कर सामने आईं। इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड के लिए शिविर का आयोजन हुआ, जिसमें अनामिका को भी भेजा गया।
गणतंत्र दिवस परेड के लिए क्यों चुनी गई अनामिका?
शिविर में अनामिका का प्रदर्शन देखकर उन्हें गणतंत्र दिवस परेड के लिए चुना गया। अनामिका दिल्ली में रिहर्सल कर रही हैं। वह एनसीसी के दल का हिस्सा होंगी।
अनामिका कहती है कि इस समय रिहर्सल पर पूरा जोर दिया जा रहा है ताकि हम बेहतर प्रदर्शन कर सके। मेरे लिए इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। पूरे देश से चंद कैडटरें को परेड में भाग लेने के लिए चुना जाता है उनमें से वह भी है।
वाद्ययंत्र रबाब और मटका बजाते हैं इशफाक हमीद
अनामिका के परिवार में खुशी का माहौल है। इशफाक हमीद वाद्ययंत्र रबाब और मटका बजाते हैं। रबाब पर उनकी पकड़ पूरे कश्मीर में लाजबाव मानी जाती है।
उनके पिता भी रबाब के जाने माने कलाकार हैं। उनके दादा भी अपने जमाने में रबाब बजाने वाले कश्मीर के प्रतिष्ठित व दिग्गज संगीतकारों में एक थे। इश्फाक पिता संग न सिर्फ जम्मू कश्मीर में बल्कि देश विदेश में कई जगह रबाब की संगीतमय प्रस्तुतियां दे चुके हैं।
गुरु नानक देवी जी 550वें प्रकाशोत्सव में दिखाई थी इश्फाक ने प्रतिभा
उन्हें 13वें कश्मीर संगीत महोत्सव और गुरु नानक देवी जी 550वें प्रकाशोत्सव में भी अपीन प्रतिभा दिखाने का अवसर मिला और इसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया। उन्हें सरहद नामक एक संस्था ने वर्ष 2020 में भाई मरदाना नेशनल अवार्ड से भी सम्मानित किया है।
बाल पुरस्कार के लिए चयनित होने से उत्साहित इश्फाक हमीद बट ने कहा कि मेरे परिवार का रबाब से सदियों से नाता रहा है। यह कश्मीर का एक पुराना पारंपरिक वाद्य यंत्र है,लेकिन अब इसे सीखने वाले और बजाने वालों की तादाद घट रही है। मुझे बाल पुरस्कार के लिए चुने जाने के बाद मेरी या मेरे से छोटे और बड़ी उम्र के लोगों में भी इसे सीखने की ललक पैदा होगी। यह कला आगे बढ़ेगी।