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Budget 2024: आतंकी हमलों के बीच जम्मू-कश्मीर को बजट में मिली कई बड़ी सौगातें, पर्यटन और ऊर्जा पर भी फोकस

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर का बजट (Budget 2024) पेश किया जिसमें पर्यटन क्षेत्र के लिए 519.70 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। यह आवंटन पिछले वित्तीय वर्ष के आवंटन से 205.45 करोड़ अधिक है जिससे साफ है कि सरकार का पूरा फोकस प्रदेश में ढांचागत विकास व सेवाओं में सुधार के साथ पर्यटकों को आकर्षित करने पर केंद्रित है।

By Jagran News Edited By: Deepak Saxena Updated: Tue, 23 Jul 2024 10:28 PM (IST)
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आतंकी हमलों के बीच जम्मू-कश्मीर को बजट में मिली कई बड़ी सौगातें।
जागरण संवाददाता, जम्मू। पर्यटन उद्योग केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए जीवन रेखा है, जिसका स्थानीय अर्थव्यवस्था में अहम योगदान है। जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद बदलते माहौल के बीच साल 2023 में जम्मू-कश्मीर में 2.11 करोड़ पर्यटकों का रिकॉर्ड आगमन हुआ।

इस साल जून अंत तक भी 1.02 करोड़ पर्यटक जम्मू-कश्मीर की सैर कर चुके है। ऐसे में जम्मू-कश्मीर आने वाले पर्यटकों को यहां पर्याप्त सुविधाएं मिल सके, इसका जम्मू-कश्मीर के बजट में पूरा ख्याल रखा गया है। इसका सीधा लाभ पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को मिलेगा। जम्मू-कश्मीर में मौजूदा पर्यटन स्थलों पर सुविधाओं का विस्तार करने के लिए विशेष प्रावधान रखने के साथ साथ नए टूरिस्ट सर्किट विकसित करने तथा रोपेवे और गोल्फ को बढ़ावा देने पर सरकार ने इस बजट में फोकस किया है।

पिछले साल के मुकाबले 1.2 प्रतिशत की बढोत्तरी की

केंद्र सरकार ने वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में जम्मू कश्मीर को पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 1.2 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करते हुए 42,277.74 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में प्रदेश को 41,751.44 करोड़ रुपये की धनराशि आबंटित की गई थी। इसके अलावा आपदा प्रतिक्रिया कोष में योगदान के लिए भी 279 करोड़ और जम्मू कश्मीर पुलिस को 9,789.42 करोड़ रुपये भी आवंटित किए हैं।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में वर्ष 2024-25 का वार्षिक बजट प्रस्तुत किया है। इसमें जम्मू-कश्मीर में संसाधनों की कमी को पूरा करने के लिए केंद्रीय सहायता के रूप में 40,619.3 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। बजट दस्तावेज में कहा गया है कि इसमें भारत की आकस्मिकता निधि से अग्रिम के रूप में स्वीकृत 7,900 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है, जो 2024-25 के लिए अनुदानों की मांगों को संसद द्वारा पारित किए जाने और संबंधित विनियोग अधिनियम को राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित किए जाने के बाद निधि में वापस आ जाएगी।

आपदा प्रतिक्रिया कोष के लिए 279 करोड़ रुपये आवंटित

सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाली आपदाओं से निपटने के लिए व्यय को पूरा करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश आपदा प्रतिक्रिया कोष में योगदान के लिए जम्मू-कश्मीर को 279 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। बजट में केंद्र शासित प्रदेश को 624 मेगावाट की किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजना (एचईपी) के लिए इक्विटी योगदान के लिए 130 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि 800 मेगावाट की रतले जल विद्युत परियोजना के लिए इक्विटी के लिए 476.44 करोड़ रुपये की राशि दी गई है।

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इसके अलावा, झेलम और तवी बाढ़ पुनर्प्राप्ति परियोजना (जेटीएफआरपी) के लिए व्यय को पूरा करने के लिए 500 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया गया है। दस्तावेज में कहा गया है कि केंद्र ने 540 मेगावाट क्वार जल विद्युत परियोजना के लिए इक्विटी योगदान के लिए अनुदान के रूप में जम्मू-कश्मीर को 171.23 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए संसाधन-अंतर निधि को पूरा करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश के पूंजीगत व्यय के लिए समर्थन के रूप में 101.77 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

कुल 42,277.74 करोड़ रुपये के बजट के अलावा, केंद्र ने जम्मू-कश्मीर पुलिस को 9,789.42 करोड़ रुपये भी आवंटित किए हैं। जम्मू-कश्मीर मामलों के जानकार संत कुमार शर्मा ने कहा कि केंद्रीय बजट में जम्मू कश्मीर का आबंटन स्थानीय भौगोलिक,सामाजिक व आर्थिक विषमताओं को ध्यान में रखते हुए बढ़ाया जाना चाहिए था। यहां के सुरक्षा परिदृश्य को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

पुलिस के लिए जो राशि आबंटित की गई है, उससे जम्मू-कश्मीर पुलिस के अत्याधुनिकीकरण, जम्मू कश्मीर पुलिस के लिए नए हथियारों की खरीद, उसने प्रशिक्षण में सुधार व अन्य मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। कई बार देखा गया है कि सुरक्षा संबंधी ढांचे में सुधार की प्रक्रिया धनाभाव के कारण रुक जाती है, या लंबित रहती है, वैसा अब नहीं होगा, यही उम्मीद है।

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75 अनछुए पर्यटन स्थलों को विकसित करने का लक्ष्य

जम्मू-कश्मीर में 75 अनछुए पर्यटन स्थलों को विकसित करने का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया था, उसे इस साल पूरा करने का संकल्प लिया गया है। फरवरी 2024 में पेश हुए अंतरिम बजट में भी सरकार ने इसके लिए अलग से प्रावधान रखा था और इन्हीं प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए इस बार के बजट में भी नए पर्यटन स्थलों के विकास को प्राथमिकता दी गई है। बजट में कश्मीर व जम्मू संभाग में ऑफबीट पर्यटन स्थलों में सुविधाओं के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

बजट में इन खास बिंदुओं पर रहेगा फोकस

केरन को सीमावर्ती पर्यटक गांव के रूप में विकसित करना, तोसा मैदान व सीतारण टूरिस्ट सर्किट विकसित करना, सांबा में डुग्गर दावी गांव का विकास, पत्नीटाप में 130 मीटर ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज की स्थापना, प्रदेश में आठ सांस्कृतिक केंद्रों की स्थापना, प्रताप सिंह संग्रहालय श्रीनगर का विकास व आधुनिकीकरण, सभी पुस्तकालयों का डिजिटलीकरण तथा जम्मू-कश्मीर में सूफीवाद का प्रचार-प्रसार करना इस बजट के प्रमुख बिंदु है।

पर्यटन क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों की माने तो इससे जम्मू-कश्मीर में पर्यटन ढांचा मजबूत होगा, जिससे इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मुख्य रूप से सरकार की ओर से ग्रामीण व अनछुए क्षेत्रों में जो 75 पर्यटन स्थल चिन्हित किए गए हैं, उनके पूरी तरह से विकसित होने से इन क्षेत्रों में रोजगार की नई संभावनाएं उत्पन्न होगी।

बजट पर क्या बोले व्यापारी

ऑल जम्मू होटल एंड लाज एसोसिएशन के प्रधान पवन गुप्ता ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को सरकार ने इस बजट में भी जारी रखा है। पर्यटन क्षेत्र में खर्च को बढ़ाकर सरकार ने जाहिर किया है कि पर्यटन क्षेत्र जम्मू-कश्मीर के लिए कितना महत्वपूर्ण है। बजट में नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने के साथ सुविधाओं का विस्तार करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे पर्यटकों को अच्छी सुविधाएं उपलब्ध हो पाएगी और इससे लोगों का आगमन बढ़ेगा।

व्यापारी मुनीष महाजन के कहा कि पर्यटन ही एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जहां सबसे अधिक लोगों को रोजगार मिलता है। इसलिए इसे लगातार बढ़ावा देने की जरूरत है। जम्मू में पर्यटन ढांचा मजबूत करने की जरूरत है। उम्मीद कर सकते हैं कि सरकार ने जो राशि प्रस्तावित की है, उसमें जम्मू के लिए उचित राशि का प्रावधान होगा। आज जम्मू को पर्यटन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है। इसके लिए कुछ विशेष कदम उठाने की आवश्यकता है।

रघुनाथ बाजार बिजनेसमैन एसोसिएशन के पूर्व प्रधान सुरेंद्र महाजन ने कहा कि सरकार की ओर से पेश इस बजट में पिछले बजट के प्रयासों को ही आगे बढ़ाया गया है। जम्मू के पर्यटन, धार्मिक स्थलों व ऐतिहासिक धरोहरों के प्रोत्साहन व संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है। पर्यटन ढांचा विकसित करने के साथ जम्मू के पर्यटन स्थलों के उचित प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता है जिसके लिए उचित बजट मंजूर होना चाहिए।

ऊर्जा उत्पादन और विद्युत अवसंरचना के लिए 2020.67 करोड़ रुपये आवंटित

ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ वर्तमान विद्युत अवसंरचना को मजबूत बनाने और विद्युत सुधार पर ध्यान केंद्रित करते हुए वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में 2020.67 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह राशि पिछले वर्ष आबंटित धनराशि से 698.28 करोड़ रुपये अधिक है।

वर्ष 2026-27 तक जल विद्युत उत्पादन क्षमता को 3500 मेगावाट से बढ़ाकर 6500 मेगावाट करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही प्रदेश में सौर ऊर्जा के दोहन को भी बढ़ाने के साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा की योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए 150 करोड़ और बिजली खरीद के लिए 9400 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

बिजली घाटा जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को सबसे बड़ी चोट देता है। इससे बिजली ढांचे का मजबूती पूरे क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देने और रोजगार के नए अवसरों को पैदा करने मे पूरी तरह समर्थ है। पर्यटन और औद्योगिक विकास में इसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि प्रदेश प्रशासन ने 624 मेगावाट क्षमता वाली कीरू, 850 मेगावाट क्षमता वाली रातले, 1000 मेगावाट क्षमता वाली पाकल दुल और 540 मेगावाट क्षमता वाली क्वार परियोजनाओं को विकसित करने के लिए एनएचपीसी के साथ साझेदारी की है।

केंद्र सरकार ने इन परियोजनाओं के लिए जम्मू-कश्मीर के इक्विटी योगदान के लिए 2430.60 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। इसके अलावा 3284 मेगावाट क्षमता की चार और पनबिजली परियोजनाओं सावलकोट (1856 मेगावाट), दुल हस्ती चरण-॥ (258 मेगावाट), उरी चरण-II (240 मेगावाट), और किरथाई ॥ (930 मेगावाट), पर काम किया जा रहा है। इनमें लगभग 50,000 करोड़ रुपये का निवेश अपेक्षित है।

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