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जम्मू-कश्मीर में सेना का जबरदस्त एक्शन... आतंकी हमलों में आई कमी, 4 सालों में 2300 से अधिक गिरफ्तारियां

Jammu and Kashmir News जम्मू-कश्मीर में सेना का जबरदस्त एक्शन को मिला है। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद अब घाटी में हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगे हैं। आतंकी घटनाओं में काफी कमी देखने को मिली है। सरकारी आंकड़ों की मानें तो पिछले चार सालों में ग्रेनेड हमलों आईईडी विस्फोटों और पथराव में भारी कमी आई है। वहीं 2300 से अधिक लोगों की गिरफ्तारियां की गई हैं।

By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Tue, 22 Aug 2023 05:19 PM (IST)
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जम्मू-कश्मीर में सेना का जबरदस्त एक्शन, आतंकी हमलों में आई कमी (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जम्मू, पीटीआई। Jammu Kashmir Article 370 अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से जुड़े मामलों में 2,300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। यह आंकड़ा 2015-2019 की चार साल की अवधि की तुलना में पांच गुना से अधिक है। वहीं, आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि 5 अगस्त, 2019 से लेकर 20 जून, 2023 तक घाटी में ग्रेनेड हमलों, आईईडी विस्फोटों और पथराव में भारी कमी आई है।

केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और पूर्ववर्ती राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। पुलिस द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, अनुच्छेद 370 हटने के बाद कुल 2,327 आतंकवादियों और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 2015-2019 में यह आंकड़ा 427 था।

आतंकवादी भर्ती में भी कमी

पुलिस ने कहा कि आतंकवादी भर्ती में 2015-2019 में 23 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है। अधिकारी ने ये भी बताया कि 5 अगस्त, 2019 से जून 2023 तक सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में 675 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जबकि 2015-2019 तक 740 से अधिक आतंकवादी मारे गए थे।

पुलिस डेटा ने पिछले चार वर्षों में सुरक्षा कर्मियों और नागरिकों के बीच हताहतों की संख्या में महत्वपूर्ण गिरावट देखी है। 2015-2019 में आतंकी हमलों में 329 पुलिस और सुरक्षा कर्मियों की हत्या के मुकाबले, 5 अगस्त, 2019 के बाद 146 मौतों के साथ मौतों की संख्या में 56 प्रतिशत की कमी आई है।

पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी

पुलिस ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बदलावों में से एक पत्थरबाजी की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आना है। 370 से पहले की अवधि में 5,063 घटनाएं दर्ज की गईं, जो 370 के बाद की अवधि में घटकर 434 रह गईं। आंकड़ों में कहा गया है कि अलगाववादी-प्रायोजित हड़ताल कॉलों की संख्या में भी 86 प्रतिशत की कमी आई है।

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