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Jammu-Kashmir Landslide: जम्मू-कश्मीर के रामबन में भूस्खलन से पांच घरों को पहुंचा नुकसान

जम्‍मू-कश्‍मीर के रामबन में भूस्‍खलन आने से पांच घरों को नुकसान पहुंचा है। यह घटना नई बस्ती गांव में 19 आवासीय घरों एक मस्जिद और लड़कियों के एक धार्मिक स्कूल में भूमि धंसने के कारण दरारें आने के एक पखवाड़े बाद आई है।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 19 Feb 2023 03:52 PM (IST)
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जम्मू-कश्मीर के रामबन में भूस्खलन से पांच घरों को पहुंचा नुकसान
रामबन, पीटीआई: जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के एक दूरस्थ पहाड़ी गांव में भूस्खलन के कारण कम से कम पांच रिहायशी घर क्षतिग्रस्त हो गए। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। रामबन जिला मुख्यालय से 45 किमी दूर गूल अनुमंडल के संगलदान के दुक्सर दल गांव में हुई। यह घटना नई बस्ती गांव में 19 आवासीय घरों, एक मस्जिद और लड़कियों के एक धार्मिक स्कूल में भूमि धंसने के कारण दरारें आने के एक पखवाड़े बाद आई है।

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उप-विभागीय मजिस्ट्रेट गोल तनवीर-उल-मजीद वानी ने कहा कि दुक्सर दल में भूस्खलन के कारण कुल पांच घर क्षतिग्रस्त हो गए और रहने लायक नहीं रहे। प्रभावित परिवारों को स्थानांतरित कर दिया गया और तत्काल राहत के रूप में टेंट, राशन, बर्तन और कंबल प्रदान किए गए। शुक्रवार को जमीन खिसकना शुरू हो गई, जिससे एक स्थानीय कब्रिस्तान भी प्रभावित हुआ, जिसके बाद एक स्थानीय व्यक्ति के शवों को खोदकर निकाला गया और बाद में दूसरी जगह दफना दिया गया।

भूस्खलन जारी रहने से पांच और घरों के प्रभावित होने की संभावना है। हम स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं और लोगों से शांत रहने का अनुरोध किया जाता है। उन्होंने कहा कि नुकसान का आकलन करने के बाद प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान की जाएगी। स्थानीय सरपंच रकीब वानी ने कहा कि अब्दुल गनी और फरीद अहमद के दो घर ढह गए, जबकि तीन अन्य में दरारें आ गईं और वे रहने के लिए अनुपयुक्त हैं।

दहशत में हैं लोग

सरपंच ने कहा कि लोग दहशत में हैं क्योंकि हमने अतीत में ऐसा कभी नहीं देखा है। हम त्वरित प्रतिक्रिया के लिए जिला प्रशासन के आभारी हैं और हमें उम्मीद है कि सभी प्रभावित परिवारों का उचित पुनर्वास किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि फलों के पेड़ों सहित कृषि भूमि भी भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुई है और इसके लिए पर्याप्त मुआवजा भी दिया जाना चाहिए। रकीब ने कहा कि सरकार को जमीन के अचानक धंसने के कारणों का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों से जांच कराने का भी आदेश देना चाहिए।

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अधिकारियों ने कहा कि इस बीच, प्रोफेसर सूर्य प्रकाश की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान की तीन सदस्यीय टीम ने रविवार को एक सर्वेक्षण के लिए थरथरी के नई बस्ती गांव का दौरा किया। इससे पहले, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के विशेषज्ञों सहित कई अन्य टीमों ने भी कंक्रीट संरचनाओं में दरारों के विकास के लिए अंतर्निहित कारकों का पता लगाने के लिए प्रभावित गांव का निरीक्षण किया था।

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