जम्मू-कश्मीर में पांच सीटों पर 68 फीसदी उम्मीदवारों को मिले नोटा से कम वोट, 34 हजार से ज्यादा लोगों ने दबाया NOTA
जम्मू-कश्मीर की सभी संसदीय सीटों पर बंपर वोटिंग हुई। खास बात है कि संसदीय चुनावों की पांच सीटों में 68 प्रतिशत उम्मीदवारों को उपरोक्त में से कोई नहीं (नोटा) से कम वोट मिले हैं। संख्या में देखें तो पांच सीटों पर कुल मिलाकर 34788 मतदाताओं ने नोटा पर बटन दबाया। नोटा का अर्थ कि मतदाता किसी भी राजनेता या पार्टी को वोट नहीं देना चाहते।
राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में संसदीय चुनावों की पांच सीटों में 68 प्रतिशत उम्मीदवारों को उपरोक्त में से कोई नहीं (नोटा) से कम वोट मिले हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार कुल 100 उम्मीदवारों में से 68 को नोटा से कम वोट मिले हैं।
इतने मतदाताओं ने दबाया नोटा
आंकड़ों के अनुसार पांच सीटों पर कुल मिलाकर 34,788 मतदाताओं ने नोटा पर बटन दबाया। नोटा का अर्थ कि राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव में उतारे गए उम्मीदवारों में से किसी को भी मतदाता पसंद नहीं करते हैं।
सबसे ज्यादा 12,938 नोटा वोट उधमपुर सीट पर पड़े। इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार जितेंद्र सिंह ने जीत दर्ज की। उधमपुर-डोडा से 11 अन्य उम्मीदवार मैदान में थे और नोटा को उनमें से नौ से अधिक वोट मिले।
जम्मू सीट पर इतने लोगों ने दबाया नोटा
जम्मू-रियासी सीट पर 4,645 मतदाताओं ने नोटा बटन दबाया जो 18 उम्मीदवारों को व्यक्तिगत रूप से मिले वोटों से अधिक है। इस सीट से 22 उम्मीदवार मैदान में थे। भाजपा के जुगल किशोर ने इस सीट को अपने पास बरकरार रखा। श्रीनगर सीट पर नोटा वोटों की संख्या 5,998 थी।
इस निर्वाचन क्षेत्र से 24 उम्मीदवार मैदान में थे और उनमें से अधिकांश 18 को नोटा से कम वोट मिले। अनतंनाग-राजौरी सीट पर कुल 6,223 मतदाताओं ने नोटा बटन दबाया। इस सीट पर कुल 20 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे जिनमें से नौ को नोटा से कम वोट मिले।
बारामुला सीट पर नोटा को 4,984 वोट मिले। इस सीट पर कुल 22 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे और 14 को नोटा से कम वोट मिले। इस तरह कुल 100 उम्मीदवारों में से 68 को नोटा से कम वोट मिले।
वहीं केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में नोटा को मात्र 912 वोट ही मिले। इस सीट पर तीन ही उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे और तीनों को नोटा से अधिक वोट मिले।
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