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जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान से आए विस्थापितों को मिलेगा संपत्ति का मालिकाना हक, 16 हजार परिवारों को होगा फायदा

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का एलान हो गया है। चुनाव के एलान से पहले 1947 के गुलाम जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान से आकर बसे विस्थापित परिवारों को संपत्ति का हक दिया जाएगा। इसे लेकर मालिकाना अधिकार देने तथा भूमि हस्तांतरण के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। बता दें कि संपत्ति की देखभाल के लिए जम्मू-कश्मीर में कस्टोडियन विभाग बनाया गया है।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Sat, 17 Aug 2024 04:56 PM (IST)
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जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान से आए विस्थापितों को मिलेगा संपत्ति का मालिकाना हक
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर प्रदेश प्रशासन ने शुक्रवार को विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले एक बड़ा निर्णय लेते हुए वर्ष 1947 के गुलाम जम्मू-कश्मीर व पाकिस्तान से आकर यहां बसे विस्थापितों और 1965 व 1971 के विस्थापितों को पहले से अलॉट की गई इवैक्यू (कस्टोडियन) संपत्ति का मालिकाना अधिकार देने व भूमि हस्तांतरण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

इवैक्यू संपत्ति में वह मकान, दुकान, खेत, बाग शामिल हैं, जो 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय जम्मू-कश्मीर से पाकिस्तान गए नागरिकों के नाम पर पंजीकृत हैं।

इस संपत्ति की देखभाल के लिए जम्मू-कश्मीर में कस्टोडियन विभाग बनाया गया है। विभाग की ओर से गुलाम जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान से आकर यहां बसे लोगों में से कइयों को इवैक्यू संपत्ति के तहत मकान, दुकान या जमीन किराए पर दी गई है।

16 हजार से ज्यादा विस्थापित परिवार रहे रहे हैं

ये लोग बरसों से इस संपत्ति के मालिकाना अधिकार की मांग कर रहे थे, जो अब पूरी होने जा रही है। अंतिम समय में विस्थापितों के हित में यह फैसला कर उन्हें खुश करने का प्रयास किया गया है। गुलाम जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान से आकर यहां रह रहे 16 हजार से ज्यादा परिवार जम्मू, सांबा, कठुआ, राजौरी व पुंछ जिलों में रह रहे हैं।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में श्रीनगर में प्रदेश प्रशासनिक परिषद की बैठक हुई, जिसमें इवैक्यू संपत्ति से संबंधित प्रस्ताव को सहमति प्रदान की गई। प्रदेश प्रशासनिक परिषद के निर्णय के अनुसार, संबंधित कस्टोडियन (संरक्षक) समयबद्ध तरीके से विस्थापितों के पक्ष में भूमि हस्तांतरित करेगा।

कस्टोडियन इवैक्यू भूमि के दुरुपयोग, किसी भी तरह के अनाधिकृत अतिक्रमण को रोकने के लिए उचित सुरक्षा उपाय भी सुनिश्चित करेगा।

सबसे ज्यादा इवैक्यू संपत्ति जम्मू में है

प्रदेश प्रशासन ने इवैक्यू भूमि पर विस्थापितों को मालिकाना अधिकार प्रदान करने वाले आवेदनों पर 30 दिन में समयबद्ध तरीके से कार्रवाई करने का निर्देश दिया है और संबंधित प्रकिया अगले छह माह में पूरी होने की उम्मीद है। प्रदेश में सबसे ज्यादा इवैक्यू संपत्ति जम्मू जिला में करीब 5,52,006 कनाल है।

इसके बाद राजौरी जिला में 3,42,162 कनाल, सांबा जिला में 2,53,705 कनाल, पुंछ में 1,72,286 कनाल और कठुआ जिला में 59,826 कनाल इवैक्यू संपत्ति है। प्रशासन के निर्णय से इस संपत्ति का मालिकाना अधिकार विस्थापितों को मिलेगा।

बता दें कि करीब एक माह पहले भी प्रदेश प्रशासन ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए पाकिस्तान से आकर जम्मू-कश्मीर में बसे विस्थापित परिवारों को उन्हें पहले से आवंटित सरकारी भूमि का मालिकाना अधिकार देने का फैसला लिया था।

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