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Jammu Kashmir News: मीरवाइज उमर फारूक के बयान पर कश्मीरी हिंदू हैरान, कहा- 'इनको क्यों होने लगी हमारी चिंता'

नजरबंदी से रिहाई के बाद हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक के द्वारा दिए गए बयान पर कश्मीरी हिंदुओं की घर वापसी की वकालत की थी। इस पर कश्मीरी हिंदुओं को हैरानी हुई है और इस पर कश्मीरी हिंदुओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कश्मीरी हिंदुओं की दुर्दशा के लिए यही सब तंत्र ही तो जिम्मेदार है।

By guldev rajEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Sat, 23 Sep 2023 08:50 PM (IST)
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मीरवाइज के बयान पर कश्मीरी हिंदुओं ने की हैरानी व्यक्त
जम्मू, जागरण संवाददाता। Kashmiri Hindu Reaction on Mirwaiz Omar Farooq Statement नजरबंदी से रिहाई के बाद हुर्रियत कांफ्रेंस (Hurriyat Conference) के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक द्वारा दिए बयानों को लेकर कश्मीरी हिंदुओं (Kashmiri Hindu) ने हैरानी प्रकट करते हुए तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। हुर्रियत नेता ने कश्मीरी हिंदुओं की घर वापसी की वकालत की थी। इस पर कश्मीरी हिंदुओं ने कहा कि यह कैसा बयान है और यही सब तंत्र ही तो कश्मीरी हिंदुओं की दुर्दशा के जिम्मेदार हैं। यह कैसे हमारी घर वापसी की कामना कर सकते हैं।

उसने आगे कहा कि पिछले 32 बरस से अगर कश्मीरी हिंदू अपने घरों से दूर है तो इसके लिए कोई दूसरा कसूरवार नहीं। इसलिए कश्मीरी हिंदुओं को मीरवाइज उमर फारूक का बयान महज मजाक लगता है। वहीं केंद्र सरकार की नीतियों पर भी कई कश्मीरी हिंदू नेताओं ने सवाल उठाए हैं।

क्या कहते हैं कश्मीरी हिंदू

जिन शक्तियों ने कश्मीर के हालात खराब किए और कश्मीरी हिंदुओं को घाटी छोड़ने के लिए मजबूर किया, उनमें मीरवाइज का संगठन भी तो शामिल था। 1989-90 में कश्मीरी हिंदुओं पर खुलकर जुल्म हुए। किसी ने रोकने की कोशिश नहीं की। जहां तक कि बाद में भी किसी ने पूरे मामलों पर जांच बैठाने की वकालत नहीं की। ऐसे में यह लोग कश्मीरी हिंदुओं के हमदर्द कैसे हुए।

यह लोग कश्मीर के चौकीदार कैसे बन रहे हैं। हमें तो बयानों पर ही शंका हो रही है। वहीं भारत सरकार से कहना चाहूंगा कि कश्मीरी में आतंकवाद के स्वरूप को पहचानने की कोशिश की जाए। जिनके कारण हमें विस्थापित होना पड़ा, उन कारणों को मूलरूप से खत्म करना होगा।

चेयरमैन पनुन कश्मीर

हुर्रियत नेता अब कश्मीरी हिंदुओं के साथ पैंतरे खेल रहे हैं। हमें इन हुर्रियत नेताओं के कथनों पर कोई यकीन नहीं। पहले यह जांच हो कि कश्मीरी हिंदुओं को घाटी से निकालने वाले कौन लोग थे। वहीं रही बात घाटी वापसी की तो कश्मीर हमारी जन्म भूमि हैं और कोई अपनी जन्म भूमि को कैसे छोड़ सकता है। हर कश्मीरी हिंदू घाटी में जाकर बसना चाहता है लेकिन हम अपनी शर्तों पर घाटी जाएंगे ताकि दोबारा में विस्थापित न होना पड़े। अभी तक केंद्र सरकार ने घाटी वापसी के लिए कोई रोड मैप तैयार नहीं किया है।

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यूथ ऑल इंडिया कश्मीरी समाज

यूथ ऑल इंडिया कश्मीरी समाज ने कहा कि यह हवाई बयान है और अच्छा दिखने की कोशिश उन्होंने की लेकिन इनके बयान से कश्मीरी हिंदुओं को कतई भरोसा नहीं। क्योंकि कश्मीरी हिंदुओं पर जो घटा था उसके विरोध में कभी भी मीरवाइज नहीं उतरे। कश्मीरी हिंदुओं के हुए जल्मों की जांच की कभी उन्होंने मांग नहीं की। फिर अचानक से कश्मीरी हिंदुओं की याद कैसे आ रही है। उन्होंने आगे कहा कि अगर सच में कश्मीरी हिंदुओं के लिए कोई दर्द है तो पहले ग्रांउड पर काम करके दिखाएं। कश्मीरी हिंदुओं पर हुए जुल्म के लिए माफी भी मांगे।

प्रधान पनुन कश्मीर

कश्मीर में कश्मीरी हिंदुओं के साथ अन्याय होता रहा और अलगाववादी महज देखते रहे। कश्मीरी हिंदुओं को यकीन था कि उनके अढ़ोस पड़ोस के लोग घाटी में उनको सुरक्षित करेंगे लेकिन यह लोग आगे नहीं आए। अब इन लोगों को कश्मीरी हिंदुओं की याद क्यों आ रही है। हमें तो इनकी बातों पर ही अचंभा हो रहा है। अगर यह लोग सच्चे हैं तो कश्मीरी हिंदुओं पर जो अन्याय हुआ तो उसकी जांच की मांग क्यों नहीं करते।

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