Jammu Kashmir: आतंकियों को नहीं मिलेगी पैर रखने की जगह, जम्मू-कश्मीर में 4200 दहशतगर्दों की संपत्ति होगी जब्त
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के नेटवर्क को पूरी तरह से नष्ट करने की तैयारी कर ली गई है। प्रशासन और पुलिस ने कमर कस ली है। जम्मू-कश्मीर में 4200 आतंकियों की संपत्ति जब्त की जाएगी। माना जा रहा है कि यह आतंकी पारिस्थतिकी तंत्र पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। सभी जिलों में थाना स्तर पर आतंकियों की सूची बनाई जा रही है।
जम्मू, नवीन नवाज। Jammu Kashmir Terrorist News आतंकियों को जम्मू कश्मीर में अब पांव रखने के लिए भी जमीन नहीं मिल रही है। उन्हें अब हथियार फेंककर स्वयं को कानून के हवाले करना होगा। कश्मीर में उनके पारिस्थितिकी तंत्र (इकोसिस्टम) पर निर्णायक प्रहार की तैयारी कर ली गई है। प्रशासन और पुलिस ने पाकिस्तान और गुलाम कश्मीर में बैठकर अपनी गतिविधियां चलाने वालों और कश्मीर में छिपे आतंकियों की संपत्ति जब्त करने की तैयारी कर ली है।
आतंकियों को मदद देने वाले ओजीडब्ल्यू या उनसे लाभ लेने वाले रिश्तेदारों पर भी शिकंजा कसना तय है। लगभग 4200 ऐसे तत्वों की सूची बनाई गई है और इस पर कार्रवाई शुरू भी हो चुकी है। यही लोग आतंक के प्रसार के अलावा उनके ठिकाने व हथियार की व्यवस्था करते हैं। पुलिस और अन्य सभी सुरक्षा एजेंसियों को कार्रवाई में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
एक महीने में दो दर्जन आतंकियों की संपत्ति जब्त
बता दें कि कश्मीर और जम्मू के डोडा जिले में एक माह में ही दो दर्जन आतंकियों की संपत्ति जब्त की गई है। जम्मू-कश्मीर में आतंकी हिंसा में शामिल आतंकियों के साथ उनका पूरा पारिस्थितिकी तंत्र काम करता है। उनके मददगार सरकारी तंत्र में छिपे रहते हैं। आतंकियों को आश्रय और वित्तीय आक्सीजन के साथ हथियार तक उपलब्ध करवाते हैं।
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प्रशासन ने दिए आतंकियों की लिस्ट बनाने के निर्देश
प्रदेश प्रशासन ने सभी जिलों में एसएसपी से लेकर थाना स्तर पर पुलिस अधिकारियों से अपने क्षेत्रों में सक्रिय आतंकियों, उनकी संपत्ति और उनके खिलाफ मामलों की मौजूदा स्थिति का विवरण एकत्रित करने के लिए कहा गया है। उन्हें निर्देश हैं कि उन आतंकियों की भी सूची तैयार करें जो कुछ वर्ष से गायब हैं या कहीं छिपे हैं। पुलिस अधिकारियों को यह भी बताना होगा कि उन्होंने इन आतंकियों को पकड़ने या फिर कानून के सामने आत्मसमर्पण कराने के लिए क्या कार्रवाई की गई है।
इन आतंकियों पर सबसे पहले कसी जाएगी नकेल
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फिलहाल उन आतंकियों की संपत्ति प्राथमिकता से जब्त की जा रही है जो कई वर्षों से फरार हैं या पाकिस्तान, गुलाम जम्मू कश्मीर या फिर किसी अन्य देश में बैठकर जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को हवा दे रहे हैं। यह आतंकी विभिन्न तरीकों से पैसा, हथियार और नशीले पदार्थ जम्मू कश्मीर में भेज रहे हैं। मरणासन्न आतंक को जिंदा करने के लिए ये आतंकी स्थानीय युवाओं को आतंकी संगठनों में भर्ती करने का षड्यंत्र रच रहे हैं। इनमें से काफी को अदालत से फरार घोषित करवाया जा रहा है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी, प्रदेश जांच एजेंसी और पुलिस की जिलेवार विशेष जांच इकाइयां इस अभियान को गति दे रही हैं। आतंकियों पर बनेगा दबाव, स्थानीय नेटवर्क टूटेगा कई फरार आतंकियों ने आतंक से उगाही रकम को अपने रिश्तेदारों के जरिए रियल इस्टेट और अन्य क्षेत्रों में लगाया है। रिश्तेदारों के नाम पर उन्होंने संपत्तियां बनाई है। इन सभी संपत्तियों को भी जब्त किया जाएगा। इससे न सिर्फ आतंकियों का स्थानीय नेटवर्क नष्ट होगा बल्कि उनसे किसी भी तरह से संपर्क रखने वाले भी दूर भागेंगे। नियंत्रण रेखा के उस पार बैठे आतंकियों की संपत्ति जब्त होगी तो उनका लौटना मुश्किल हो जाएगा। इससे बचने के लिए उनके स्वजन आतंकियों पर आत्मसमर्पण का दबाव बनाएंगे।
उपराज्यपाल दे चुके चेतावनी
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (LG Manoj Sinha) पहले ही सीधे और स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दे चुके हैं कि आतंकियों के लिए किसी भी तरह की रियायत की कोई गुंजाइश नहीं है। आतंक के पारिस्थितिक तंत्र को पूरी तरह नष्ट करना ही हमारा लक्ष्य है। आतंकियों को हथियार डालने ही होंगे, उन्हें कानून का सामना करना होगा।
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