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Jammu Kashmir : खाद्य सुरक्षा सूचकांक में जम्मू कश्मीर ने एक बार फिर किया पहला स्थान हासिल

यह इंडेक्स सभी प्रदेशों और केंद्र शासित प्रदेशों में उच्च श्रेणी के खाद्य पदार्थों की सुरक्षा को जांचने का तरीका भी है। खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2021-22 का मूल्यांकन सभी प्रदेशों के खाद्य आयुक्तों के साथ चर्चा करने के बाद शुरू किया।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Wed, 08 Jun 2022 10:31 AM (IST)
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ई राइट पहल के तहत 21 हजार शैक्षिक संस्थानों को शामिल किया गया।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : खाद्य सुरक्षा सूचकांक में जम्मू कश्मीर ने एक बार फिर से पहला स्थान हासिल किया है। केंद्र ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त को नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में पुरस्कार प्रदान दिया। इस मौके पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के चेयरपर्सन राजेश भूषण भी मौजूद थे।

यह इंडेक्स सभी प्रदेशों और केंद्र शासित प्रदेशों में उच्च श्रेणी के खाद्य पदार्थों की सुरक्षा को जांचने का तरीका भी है। खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2021-22 का मूल्यांकन सभी प्रदेशों के खाद्य आयुक्तों के साथ चर्चा करने के बाद शुरू किया।

दस मई तक डाटा भेजने की अंतिम तारीख थी। इसमें मानव संसाधन, फूड टेस्ट करने के लिए जरूरी ढांचागत सुविधाएं, प्रशिक्षण और क्षमता विकास, उपभोक्ताओं का सशक्तीकरण जैसे मानक रखे गए थे। सभी खाद्य प्राधिकरणों से चर्चा करने ओर उनसे रिपोर्ट लेने के बाद ही सूचकांक तैयार किया गया।

विभाग ने प्रदेश में 143 रेस्टोरेंट, होटल, बेकरी दुकानों को स्वच्छता के मामले में बेहतर पाया और उनका पंजीकरण किया। दो ई राइट कैंपस, तीन भोग संस्थानों को भी इस पहल के तहत कवर किया गया। खाद्य पदाथों के व्यापार से जुड़े लोगों के लिए एक साल में 87 प्रशिक्षण कार्यक्रम हुए।

ई राइट पहल के तहत 21 हजार शैक्षिक संस्थानों को शामिल किया गया। इसके अलावा 1250 शिक्षकों व विद्यार्थियों को हेल्थ ओर वेलनेस समन्वयक बनाया गया। जागरूकता के लिए 127 कार्यक्रम आयोजित किए गए। विभाग के आयुक्त सकील-उर-रहमान ने पुरस्कार विभाग को समर्पित किया।  

मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में होगा सुनहरा दौर : उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर ने मंगलवार को एक बार फिर दोहराया कि स्वास्थ्य सेवा और मातृ एवं बाल स्वास्थ्य के मामले में प्रदेश में जल्द ही सुनहरा दौर आएगा। उन्होंने ये बातें श्रीनगर के एसकेआइसीसी में आयोजित दो दिवसीय प्रथम मातृ-शिशु स्वास्थ्य सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के लिए बेहतर सेवाओं का मार्ग प्रशस्त करेगा।

उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर ने अपने लिए जो लक्ष्य निर्धारित किए हैं, उन सभी को हासिल किया जाएगा। उन्होंने हर क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर का समर्थन करने के लिए केंद्र सरकार की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन दोनों ही मिलकर काम कर रहे हैं। सम्मेलन के आयोजकों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें हर सत्र का महत्व था और सभी के लिए कुछ सीखने का अवसर भी।

उन्होंने कहा कि इससे जम्मू-कश्मीर में भी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा। उन्होंने कायाकल्प योजना के विजेता अस्पतालों को भी सम्मानित किया। एक दिन पहले ही उप राज्यपाल ने इस सम्मेलन का उद्घाटन किया था। नेशनल हेल्थ मिशन के डायरेक्टर चौधरी मोहम्मद यासीन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव डा. पी अशोक बाबू मौजूद थे।

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