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Saffron Cultivation: 14 साल में गिरावट के बावजूद, जम्मू-कश्मीर में खूब फल-फूल रही केसर की खेती; सफलता का ये है कारण

Jammu Kashmir Saffron Cultivation जम्मू कश्मीर में साल 2010-2024 तक केसर के उत्पादन में 67 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। हालांकि इसमें अच्छी बात यह है कि इन 14 सालों के दौरान पिछले एक साल में केसर के उत्पादन में चार फीसदी की वृद्धि हुई है। यह जानकारी केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद में दी है। नेशनल कान्फ्रेंस के सांसद हसनैन मसूदी ने सवाल पूछा था।

By Jagran News Edited By: Monu Kumar JhaUpdated: Wed, 07 Feb 2024 03:47 PM (IST)
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Saffron Cultivation: जम्मू-कश्मीर में खूब फल-फूल रही केसर की खेती। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, जम्मू। Saffron Cutlivation Thriving in Jammu Kashmir जम्मू कश्मीर में वर्ष 2010 से 2024 तक केसर के उत्पादन में 67 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि इन 14 वर्षों के दौरान पिछले एक साल में केसर के उत्पादन में चार प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह जानकारी केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद में दी है।

चौदह सालों में  8.0 मीट्रिक टन से घटकर 2.6 मीट्रिक टन

नेशनल कान्फ्रेंस के सांसद हसनैन मसूदी के एक प्रश्न के उत्तर में कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने बताया कि जम्मू कश्मीर के वित्तीय आयुक्त (राजस्व) कार्यालय द्वारा प्रदान किए गए अनुमान के अनुसार, 2010-11 में प्रदेश में केसर की पैदावार 8.0 मीट्रिक टन से घटकर 2023-24 में 2.6 मीट्रिक टन रह गई है।

उत्पादन में लगभग 67.5 प्रतिशत की गिरावट

इस अवधि में उत्पादन में लगभग 67.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि, पिछले एक साल में केसर उत्पादन में मामूली चार प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के योजना एवं कृषि उत्पादन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार मिशन के तहत स्वीकृत 128 बोरवेलों में से 123 का निर्माण बागवानी विभाग ने किया है। उन्हें दोहन और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणालियों के साथ जोड़ने के लिए मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग कश्मीर को सौंप दिया गया है।

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सिंचाई सुविधाओं का पूरी तरह से नहीं हे रहा उपयोग

मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग कश्मीर ने 73 बोरवेलों को स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणालियों के साथ सफलतापूर्वक जोड़ दिया है। इससे 2187.08 हेक्टेयर भूमि कवर होगी। हालांकि, सिंचाई सुविधाओं का पूरी तरह से उपयोग नहीं किया जा रहा है क्योंकि इन बोरवेलों के प्रबंधन और रखरखाव के लिए उपयोगकर्ता समूह मिशन दिशा-निर्देशों के अनुसार नहीं बनाए गए हैं और किसान उपयोगकर्ता समूहों को नहीं सौंपे गए हैं।

कृषि उत्पादन विभाग राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर ला रहा कानून

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के योजना, कृषि उत्पादन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार किसी भी औद्योगिक प्रतिष्ठान से सीमेंट की धूल जैसे कारणों से केसर के फूलों पर प्रतिकूल प्रभाव की कोई रिपोर्ट नहीं आई है। कृषि उत्पादन विभाग राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर केसर अधिनियम, केसर नियम और अन्य राजस्व कानूनों को लागू कर रहा है ताकि केसर भूमि को किसी अन्य उद्देश्य के लिए उपयोग न किया जाए।

केसर उत्पादन की गिरती स्थिति पर गौर करने के लिए सरकार ने कोई उच्च स्तरीय समिति का गठन नहीं किया गया है। हालांकि, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग भारत सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन से जम्मू-कश्मीर में केसर क्षेत्र के समग्र विकास के लिए राष्ट्रीय केसर मिशन के तहत बनाई गई बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय केसर मिशन के तहत की गई सभी गतिविधियों की विस्तृत समीक्षा करने का अनुरोध किया है।

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