Jammu-Kashmir: शिवसेना सांसद संजय राउत न कहा: कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के मुद्दे को हल करने में केंद्र विफल
शिवसेना सांसद संजय राउत ने बृहस्पतिवार को घाटी में हुई हत्याओं के बाद जम्मू में स्थानांतरित करने की मांग कर रहे कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के मुद्दे का समाधान न करने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Thu, 19 Jan 2023 08:38 PM (IST)
जम्मू, पीटीआई : शिवसेना सांसद संजय राउत ने बृहस्पतिवार को घाटी में हुई हत्याओं के बाद जम्मू में स्थानांतरित करने की मांग कर रहे कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के मुद्दे का समाधान न करने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। राउत ने कहा कि केंद्र को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह कर्मचारियों को 'मौत की घाटी' में वापस भेजना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडित कर्मचारियों मुद्दा संसद में गूंजेगा। हम अन्य राजनीतिक दलों को इसमें शामिल करेंगे। हम इस मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं।
कश्मीरी पंडितों पर भाजपा ने अपनी राजनीति की
उन्होंने कहा कि सरकार कश्मीर पंडितों के मुद्दे पर सुस्त रवैया दिखाती है। कश्मीरी पंडितों पर भाजपा ने अपनी राजनीति की पीएम के लिए यह संबोधित करने के लिए एक छोटा मुद्दा है। संजय राउत ने कहा कि पिछले साल आतंकवादियों द्वारा राहुल भट की हत्या के बाद घाटी छोड़ने वाले अधिकांश कश्मीरी पंडित कर्मचारी अपनी मांग के समर्थन में यहां पिछले 255 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
राहुल भट की हत्या के बाद कर्मचारियों ने विरोध किया
बता दें कि कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट की पिछले साल मई में बडगाम जिले के चदूरा स्थित उनके कार्यालय में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों के कर्मचारियों ने विरोध शुरू कर दिया था। कर्मचारियों ने काम पर लौटने से इनकार कर दिया था।भाजपा 2014 में कश्मीरी पंडितों के मुद्दे से जीती थी - राउत
राउत ने कहा कि भाजपा 2014 में कश्मीरी पंडितों और राम मंदिर का मुद्दा उठाकर केंद्र की सत्ता में आई थी। उन्होंने कहा, "लोगों ने उन्हें वोट दिया। उन्होंने तब पीओके वापस लेने का वादा किया था। पहले कश्मीरी पंडितों के मुद्दे को सुलझाया जाए और उनकी जान बचाई जाए। बालासाहेब देश के पहले नेता थे जिन्होंने कश्मीरी पंडितों के लिए आवाज उठाई थी। हमने महाराष्ट्र में कश्मीरी पंडितों का समर्थन किया, उन्हें आरक्षण और नौकरी भी दी। अगर बालासाहेब कर सकते हैं तो मोदी जी या अमित शाह क्यों नहीं।"
मालूम हो कि संजय राउत जम्मू के तीन दिवसीय दौरे पर है और वह कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे और पंजाबी को जम्मू-कश्मीर में आधिकारिक भाषा घोषित करने के लिए सिख प्रतिनिधियों से भी मिलेंगे।
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