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Jammu Kashmir: औद्योगिक नीति के तहत अगले तीन सालों में 25 हजार करोड़ के निवेश की योजना

जम्मू-कश्मीर में निवेश के लिए न सिर्फ कई स्थानीय बल्कि देश-विदेश के कई निवेशक भी अपनी इच्छा जता चुके हैं लेकिन यह कुछ नीतिगत मामलों के आधार पर रुके हुए हैं। नए प्रस्तावित निवेश को पूरी तरह जम्मू-कश्मीर के अनुकूल बनाने के लिए कई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Thu, 08 Oct 2020 05:39 PM (IST)
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प्रदेश सरकार अगले तीन सालों में 25 हजार करोड़ का निवेश जुटाने की योजना पर काम कर रही है।
श्रीनगर, नवीन नवाज। केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पुन: पटरी पर लाने और औद्योगिक विकास के लिए प्रदेश सरकार अगले तीन सालों में 25 हजार करोड़ का निवेश जुटाने की योजना पर काम कर रही है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इसी माह केंद्रीय औद्योगिक नीति के अनुरुप केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रदेश की नयी औद्योगिकी नीति काे लागू किया जा रहा है। इसके साथ ही औद्योगिक इकाईयों के लिए जमीन अधिग्रहण और जमीन की खरीदो-फरोख्त के संदर्भ में नयी नियमावली की अधिसूचना जारी की जाएगी।

केंद्र शासित जम्मू कश्मीर उद्योग एवं वाणिज्य विभाग से संबधित अधिकारियों न बताया कि प्रस्तावित निवेश व्यापार, पर्यटन, उद्योग और हस्तशिल्प के अलावा रियल इस्टेट और शिक्षा क्षेत्र पर ही मुख्य तौर पर केंद्रित है। केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में निवेश के लिए न सिर्फ कई स्थानीय बल्कि देश-विदेश के कई निवेशक भी अपनी इच्छा जता चुके हैं, लेकिन यह कुछ नीतिगत मामलों के आधार पर रुके हुए हैं। उन्होंने बताया कि नए प्रस्तावित निवेश को पूरी तरह जम्मू-कश्मीर के अनुकूल बनाने के लिए कई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इसके लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया में भी बदलाव लाया गया है। पांच अगस्त 2019 से पूर्व निवेशकों के लिए यह नीति पहले आओ-पहले पाओ पर आधारित थी। अब यह बदल जाएगी। नए प्रारुप के मुताबिक, निवेशकों को कुछ मानदंड पूरे करने होंगे, उनका आंकलन होगा। उसके आधार पर ही उन्हें जमीन आवंटित होगी। निवेशकों की योग्यता, अनुभव का भी संज्ञान लिया जाएगा।

केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रदेश की नयी औद्योगिक विकास नीति भी पूरी तरह व्यावहारिक होगी। यह ईज ऑफ डूईंग बिजनेस काेे प्रभावी बनाएगी। इसमें निवेशकों के प्रोत्साहण के लिए कई पैकेज और रियायतों काे शामिल किया गया है। इसके अलावा यह केंद्रीय याेजनाओं के अनुकूल भी हाेगी। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रदेश की अर्थव्यवस्था काे पटरी पर लाने की इस नयी कार्य योजना की तैयारियों का खुद समय-समय पर जायजा ले रहे हैं। गत दिनों उन्होंने मच्छल सेक्टर में इसका संकेत देते हुए कहा था कि जल्द ही जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने, उद्योग-व्यापार को बढ़ावा देने के लिए 25 हजार करोड़ का निवेश जुटाने की प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाया जाएगा।

संबधित अधिकारियों ने बताया कि 25 हजार करोड़ का यह निवेश कोविड-19 के कारण स्थगित हाे चुके केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रदेश वैश्विक निवेशक सम्मेलन की तैयारियों के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित रोड शो के दौरान विभिन्न निवेशकों के साथ जम्मू-कश्मीर में निवेश के लिए हस्ताक्षरित 200-300 एमओयू के अलावा है। अगले तीन सालों के दौरान जुटाए जाने वाला 25 हजार करोड़ का निवेश पर्यटन, खाद्य पदार्थ प्रसंस्करण, रियल इस्टेट, शिक्षा और स्वास्थ के अलावा हस्तशिल्प क्षेत्र पर ही मुख्य रुप से केंद्रित रहेगा। स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े तीन नामी निवेशकों को जम्मू और श्रीनगर मे मेगा अस्पताल स्थापित करने की इच्छा जतायी है। एक निवेशक ने निजी विश्व विद्यालय और एक अन्य हाउसिंग योजना का प्रस्ताव भेजा है।

केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के सचिवायुक्त मनोज कुमार द्विवेदी ने कहा कि हमने वैश्विक शिखर सम्मेलन के लिए बहुत मेहनत की थी। हम उस मेहनत को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। हालात के पूरी तरह सामान्य होने तक हम चाहेंगे कि वैश्विक निवेशक सम्मेलन की तैयारियों के दौरान जिन लोगों ने निवेश की इच्छा जतायी, उनके प्रस्तावाें काे आगे बढ़ाया जाए। हमारा प्रयास है कि जम्मू-कश्मीर में निवेश के नाम पर रियायतों को दुरुपयोग न हो। इसलिए भूमि आबंटन और औद्योगिक नीति में व्यावक सुधार कियाजा रहा है।

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