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Jammu News: सड़कों पर उतरेंगे बिजली निगम के 21 हजार कर्मी, प्रशासन को शनिवार तक मांगें पूरी करने का दिया समय

जम्मू में बिजली निगम के करीब 21 हजार कर्मी कई माह से वेतन नहीं मिल पाने के कारण सड़कों पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन करेंगे। ऐसे में उन्होंने मांगें पूरी करने के लिए प्रशासन को शनिवार तक का समय दिया है। इंप्लॉइज यूनियन के प्रधान कुलबीर सिंह का आरोप है कि प्रशासन स्वयं बिजली निगम की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Thu, 21 Sep 2023 08:17 AM (IST)
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सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे बिजली निगम के 21 हजार कर्मी (फाइल फोटो)

जम्मू, जागरण संवाददाता। बिजली निगम (Electricity Corporation) के करीब 21 हजार कर्मियों को कई माह से वेतन नहीं मिला है। ऐसे में उन्होंने मांगें पूरी करने के लिए प्रशासन को शनिवार तक का समय दिया है। इसके बाद भी मांगें नहीं माने जाने पर वे सोमवार से धरना-प्रदर्शन (Demonstration) शुरू कर देंगे। इंप्लॉइज यूनियन के प्रधान कुलबीर सिंह ने आरोप लगाया कि प्रशासन स्वयं बिजली निगम की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर रहा है।

कर्मचारियों की पारिवारिक परेशानियां बढ़ रही हैं- कुलबीर सिंह

उन्होंने कहा कि निगम बनाते समय जिन वादों को लागू करने का वायदा किया गया था उनमें यह भी शामिल था। उन्होंने कहा था कि कर्मचारियों को हर माह पहली तारीख को वेतन मिल जाएगा परंतु अब ऐसा नहीं हो रहा है। पिछले कुछ महीनों से कर्मचारियों को डेढ़ या फिर दो माह बीत जाने पर वेतन दिया जा रहा है। इससे कर्मचारियों की पारिवारिक परेशानियां बढ़ने लगी हैं। 20 सितंबर तक भी बिजली निगम के कर्मियों को वेतन नहीं जारी हुआ था। वहीं, वित्त विभाग फंड न होने की बात करता है।

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पहले ही कर्मचारी दवाब में काम कर रहे हैं

इंजीनियरों के नेता सचिन टिक्कू ने कहा कि पहले ही कर्मचारी व इंजीनियर दबाव में काम कर रहे हैं। उन पर एक साथ कई डिवीजनों की जिम्मेदारी डाल दी गई है। ऐसे में नियमित वेतन न मिल पाने की वजह से उनके लिए परिवार के खर्च, बच्चों की पढ़ाई आदि की व्यवस्था कर पाना मुश्किल हो गया है। एग्जीक्यूटिव इंजीनियरों पर काम का बोझ भी है वेतन में देरी की वजह इंजीनियरों के प्रधान सचिन टिक्कू ने कहा कि वेतन के लिए फंड जारी न होने की वजह भी बिजली निगम में रिक्त पड़े एग्जीक्यूटिव इंजीनियरों के पद ही हैं।

उन्होंने कहा कि पहले प्रत्येक डिवीजन का वेतन अलग-अलग बनता था और ट्रेजरी में भी उसी तरह जाता था परंतु अब एक इंजीनियर दो से तीन डिवीजन का कार्यभार संभाल रहा है। ऐसे में वेतन की डिमांड भी एक साथ जा रही है जो काफी अधिक होती है। ऐसे में वित्त विभाग इतनी अधिक राशि न होने को वजह बनाकर छोटे विभागों का वेतन तो नियमित रूप से जारी कर देता है परंतु बिजली निगम के कर्मचारियों को डेढ़ से दो महीने इंतजार करना पड़ता है। बिजली निगम की कार्यप्रणाली को पटरी पर लाने के लिए इंजीनियरों के रिक्त पड़े पदों को भरना बहुत जरूरी है।

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