Jammu News: गलवान से द्रास तक बलिदानियों को श्रद्धांजलि दे लौटे सेना के साइकिल सवार, कमांडर ने किया स्वागत
गलवान से द्रास युद्ध स्मारक समेत सभी युद्ध स्मारकों पर अपने बलिदानियों को श्रद्धांजलि देने के बाद सेना के साइकिल सवारों का दल अभियान पूरा कर लौटा आया। दल के सदस्यों ने अपने अनुभवों को भी साझा किया। सेना की 14 कोर की द्रास वारियर्स ब्रिगेड के कमांडर ने कारगिल के द्रास युद्ध स्मारक में 805 किलोमीटर की यात्रा कर लौटे सेना के साइकिल सवारों के दल का स्वागत किया।
By vivek singhEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Tue, 26 Sep 2023 08:09 PM (IST)
जम्मू, राज्य ब्यूरो। पूर्वी लद्दाख में गलवान से कारगिल के द्रास (Galvan to Drass) युद्ध स्मारक समेत सभी युद्ध स्मारकों पर अपने बलिदानियों को श्रद्धांजलि (Army paying tribute to the Martyrs) देने के बाद सेना के साइकिल सवारों का दल अभियान पूरा कर लौटा आया। दल के सदस्यों ने अपने अनुभवों को भी साझा किया। सेना की 14 कोर की द्रास वारियर्स ब्रिगेड के कमांडर ने कारगिल के द्रास युद्ध स्मारक में 805 किलोमीटर की यात्रा (Return From 805 KM Travel) कर लौटे सेना के साइकिल सवारों के दल का स्वागत किया।
यात्रा कर बुलंद हौसले का दिया परिचय
सेना के इन जवानों ने लद्दाख के दुर्गम हालात में साइकिल पर उच्चतम इलाकों की यात्रा कर अपने बुलंद हौसले का परिचय दिया। साइकिल अभियान के सदस्यों ने ब्रिगेड कमांडर को अपनी कठिन यात्रा के अनुभवों के बारे में जानकारी दी।साइकिलिंग अभियान का आयोजन कारगिल में सेना की जीत के 25वें वर्ष के उपलक्ष्य में किया गया था। इस दौरान साइकिल सवारों ने रास्ते में जगह जगह उन सैनिकों को सलामी दी जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा करते हुए लद्दाख के विभिन्न हिस्सों में बलिदान दिया था।
17 सितंबर को पहुंचे थे लेह
साइकिलों पर यात्रा के दौरान सेना के जवानों ने कोंगटा ला, नामिका ला और फोटू ला जैसे उच्चतम पहाड़ी दर्रों से गुजरते हुए 800 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय की। सेना के साइकिल सवारों का दल नौ सितंबर को पूर्वी लद्दाख के गलवन से अपने अभियान पर रवाना हुआ था। दल के सदस्य लेह के दूरदराज इलाकों से गुजरते हुए 17 सितंबर को लेह पहुंच गए थे।बलिदान हुए वीर सैनिकों को किया नमन
वहीं, लेह के हाल ऑफ फेम में बलिदानियों को श्रद्धांजलि देने के बाद 18 सितंबर को लेह में उपराज्यपाल ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा ने इस अभियान को हरी झंडी दिखाकर आगे की अपनी यात्रा के लिए रवाना किया था। इस मौके पर सेना की 14 कोर के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। अभियान के दौरान सैनिकों ने लद्दाख में चीन, पाकिस्तान से लड़े गए युद्धों के साथ आपरेशन मेघदूत, अन्य ऐसे आपरेशनों में बलिदान हुए वीर सैनिकों का नमन किया।