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Jammu News: एनएचपीसी रियासी में लगाएगा 25 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजना

हवा से बिजली बनाने के लिए 10 वर्ष पहले की गई घोषणा अब साकार होती नजर आने लगी है। जम्मू कश्मीर में पहली पवन ऊर्जा परियोजना लगाने के लिए भूमि का मुद्दा हल हो गया है। जमीन एनएचपीसी की है इसलिए केंद्र सरकार ने उसे ही परियोजना दे दी है।

By Jagran NewsEdited By: Babli KumariUpdated: Tue, 27 Dec 2022 08:48 AM (IST)
Jammu News: एनएचपीसी रियासी में लगाएगा 25 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजना
एनएचपीसी रियासी में लगाएगा 25 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजना

जम्मू, राहुल शर्माl हवा से बिजली बनाने के लिए 10 वर्ष पहले की गई घोषणा अब साकार होती नजर आने लगी है। रियासी जिले की बिड्डा पंचायत में जम्मू कश्मीर में पहली पवन ऊर्जा परियोजना लगाने के लिए भूमि का मुद्दा हल हो गया है। जमीन एनएचपीसी की है, इसलिए केंद्र सरकार ने उसे ही परियोजना दे दी है। इसके बाद इस परियोजना के लिए कमेटी भी बना दी गई है।

यह कमेटी बहुत जल्द परियोजना रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसमें लागत आदि बिंदुओं को शामिल किया जाएगा। उम्मीद है कि अगले साल परियोजना का काम भी शुरू जाएगा। एनएचपीसी की यह परियोजना 25 मेगावाट क्षमता की होगी। पहले चरण में परियोजना की शुरुआत छह से नौ मेगावाट के साथ की जाएगी।

एनआइडब्ल्यूई ने प्रोजेक्ट को मंजूरी दी

पवन ऊर्जा परियोजना की घोषणा वर्ष 2012 में की गई थी। नेशनल इंस्टीट्यूट आफ विंड एनर्जी (एनआइडब्ल्यूई) ने उस दौरान प्रदेश में 20 जगहों का निरीक्षण किया था। इसमें एनएचपीसी के अधीन आने वाले बिड्डा गांव की भूमि को परियोजना के लिए बेहतर पाया गया। एनआइडब्ल्यूई ने प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। इसे लगाने की जिम्मेदारी जम्मू कश्मीर ऊर्जा विकास एजेंसी को दी गई, क्योंकि बिड्डा में जिस भूमि को परियोजना के लिए चिह्नित किया गया वह एनएचपीसी के अधीन थी।

एजेंसी ने उससे भूमि लीज पर मांगी थी, लेकिन एनएचपीसी ने मना कर दिया था। भूमि के इस मुद्दे पर दोनों विभागों में पिछले 10 सालों से चली आ रही खींचतान को केंद्र सरकार ने कुछ माह पहले ही इस फैसले के साथ समाप्त कर दिया कि भूमि का मालिकाना हक रखने वाली एनएचपीसी ही इस प्रोजेक्ट को स्थापित करेगी। केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय इसमें सहयोग देगा। एनएचपीसी के अनुसार वर्ष 2023 में प्रोजेक्ट की रिपोर्ट तैयार होने और उसे मंजूरी मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।

प्रदेश में 5685 मेगावाट पवन ऊर्जा उत्पादन की है क्षमता

प्रदेश में पहली पवन ऊर्जा परियोजना लगाने के लिए भूमि का मुद्दा हल lडीपीआर के लिए कमेटी बनाई गई, अगले वर्ष काम शुरू होने की उम्मीद lशुरुआत छह से नौ मेगावाट से की जाएगी, 2012 में हुई थी घोषणा प्रदेश में 5685 मेगावाट पवन ऊर्जा उत्पादन की है क्षमता नेशनल इंस्टीट्यूट आफ विंड एनर्जी के अनुसार जम्मू कश्मीर में पवन ऊर्जा की संभावना पर सर्वे में 5685 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता आंकी गई है।

बिड्डा में जिस जगह पवन ऊर्जा परियोजना लगाई जानी है, वहां बांध स्थल नजदीक होने से हवा की रफ्तार काफी तेज है। गुरेज में सेना बना रही हवा से बिजली उत्तरी कश्मीर में बांडीपोरा जिले के गुरेज सेक्टर में सेना पवन ऊर्जा परियोजना से अपनी चौकियों व नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में बिजली पहुंचा रही है। इससे पहले यहां डीजल जेनसेट का इस्तेमाल होता था। इस परियोजना से प्रतिदिन तीन हजार वाट बिजली उत्पादन हो रहा है। एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि आसपास रहने वाले लोगों तक इसका अधिक लाभ पहुंच सके, इसके लिए बहुत जल्द परियोजना का विस्तार किया जा रहा है। इससे आसपास के गांवों को लाभ मिलेगा।

बिड्डा में 3.6 मीटर प्रति सेकेंड है फनलिंग इफैक्ट

जम्मू कश्मीर ऊर्जा विकास एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि एनआइडब्ल्यूई की टीम जब प्रदेश में पवन ऊर्जा की क्षमता का निरीक्षण कर रही थी, तब बिड्डा को अति महत्वपूर्ण माना गया। विशेषज्ञों ने बिड्डा गांव में फनलिंग इफैक्ट 3.6 मीटर प्रति सेकेंड मापा। बिजली उत्पादन के लिहाज से यह उत्साहजनक है। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय से फिलहाल नौ मेगावाट की परियोजना मंजूर है, लेकिन ऊर्जा विकास एजेंसी पहले चरण में छह मेगावाट का प्रोजेक्ट लगाने जा रही है। अब एनएचपीसी तय करेगा कि वह कितनी क्षमता के साथ इसे शुरू करेगा।

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