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Jammu: खनन माफिया की कमर तोड़ रही पुलिस, नाकों पर अलर्ट; नौ महीनों में इतने ट्रैक्‍टर-टिप्‍पर किए गए जब्‍त

Jammu News पुलिस खनन माफिया की कमर तोड़ रही है। वैध खनन को लेकर सबसे ज्यादा मामले दोमाना सतवारी बिश्नाह अखनूर प्लांवाला और नगरोटा इलाके में आए हैं। जम्मू कश्मीर में हाईकोर्ट के निर्देश के बाद नदी नालों में खनन पर प्रतिबंध हैं लेकिन बावजूद इसके खनन माफिया अवैध रूप से खनन कर रहा है। माफिया तीन गुणा से अधिक दाम पर रेत बजरी मुहैया करवा रहा है।

By surinder rainaEdited By: Himani SharmaUpdated: Sat, 23 Sep 2023 02:50 PM (IST)
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खनन माफिया की कमर तोड़ रही पुलिस (फाइल फोटो)
जम्मू, जागरण संवाददाता: जम्मू में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध खनन के खिलाफ पुलिस की सख्ती जारी है। खनन माफिया के खिलाफ पुलिस की सख्ती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2023 के जनवरी से लेकर सितंबर तक नौ महीनों में पुलिस ने 1180 टिप्पर-ट्रालियां व टिप्पर जब्त किए हैं। ये वे वाहन है जिन्हें पुलिस ने अवैध रूप से खनन कर रेत, बजरी लेकर जाते हुए पकड़ा है।

यहां आए सबसे अधिक मामले

अवैध खनन को लेकर सबसे ज्यादा मामले दोमाना, सतवारी, बिश्नाह, अखनूर, प्लांवाला और नगरोटा इलाके में आए हैं। जम्मू कश्मीर में हाईकोर्ट के निर्देश के बाद नदी, नालों में खनन पर प्रतिबंध हैं लेकिन बावजूद इसके खनन माफिया अवैध रूप से खनन कर रहा है। प्रतिबंध होने के चलते माफिया तीन गुणा से अधिक दाम पर रेत बजरी मुहैया करवा रहा है जबकि इससे सरकार के राजस्व को भी चूना लग रहा है।

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अवैध खनन कर उठा

हालांकि सरकार ने कुछ जगहों पर खनन का ठेका कुछ ठेकेदारों को दिया हैं लेकिन खनन माफिया चोरी छिपे नदी नालों में विभिन्न जगहों पर अवैध खनन कर वहां से रेत, बजरी उठा रहा है। एसएसपी जम्मू चंदन कोहली का कहना है कि जिले की पुलिस खनन माफिया को नकेल डालने के लिए विशेष नाके लगा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में नाकों को विशेष अलर्ट पर रखा गया है।

कोई गाड़ी अवैध खनन में मिलती है संलिप्‍त

इसके अलावा पुलिस की गश्त भी जारी रहती है और जहां भी कोई गाड़ी अवैध खनन में संलिप्त मिलती है, उसे जब्त कर लिया जाता है। पुलिस ने कई जगहों पर अवैध खनन में लगी जेसीबी मशीनों को भी जब्त किया है। एसएसपी ने बताया कि जब्त किए गए इन वाहनों को कोर्ट से रिलीज करवाना पड़ता है जिसके लिए मालिकों को काफी बड़ा जुर्माना भी चुकाना पड़ता है।

लाखों रुपयों तक पहुंच जाता है जुर्माना

कई बार यह जुर्माना लाखों रुपयों तक पहुंच जाता है। वहीं खनन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अवैध खनन से नदी, नालों को नुकसान पहुंचता है। उनका स्वरूप बदल जाता है जिस कारण कई बार इन नदी, नालों का पानी रिहायशी इलाकों तक पहुंच जाता है।

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विभाग अगर किसी को खनन का ठेका देता है तो वह एक चयनित स्थान का होता है और वहां कितना खनन किया जा सकता है, उसकी एक हद रहती है लेकिन माफिया को इससे कुछ लेना देना नहीं होता। वे कहीं से भी कितना खनन कर लेते हैं जिससे नदी, नालों में जलस्तर भी प्रभावित होता है।

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