Jammu Terror Attack: 'आतंकी हमलों के मिले अहम सुराग, जम्मू संभाग में तीन महीने के अंदर सभी आतंकियों का होगा सफाया', DGP का बड़ा दावा
Jammu Terror Attack पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन ने जम्मू-संभाग से आतंकियों का सफाया होने का बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कई अहम सुराग मिले हैं। कहा कि इंटरनेट जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद को बनाए रखने का माध्यम बन रहा है। पाकिस्तानी आका प्रदेश में घुसपैठियों को भेजने और हथियारों की तस्करी के लिए इसी का उपयोग करते हैं।
पीटीआई, जम्मू। पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन ने रविवार को कहा कि विदेशी आतंकवादियों का समर्थन करने वाले स्थानीय लोगों के खिलाफ शत्रु एजेंट अध्यादेश के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने दावा किया कि जम्मू संभाग में अगले कुछ महीनों के भीतर सभी आतंकवादियों का सफाया कर दिया जाएगा।
रविवार को तलवाड़ा में रविवार को पुलिस की बार्डर बटालियन के नव आरक्षकों की पासिंग आउट परेड कार्यक्रम में संवाददाताओं से बात करते हुए पुलिस प्रमुख ने कहा कि एनआइए रियासी हमले और पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआइए) कठुआ जिले के हीरानगर में हुई आतंकी मुठभेड़ मामले की जांच कर रहा है। काफी अहम सुराग भी मिले हैं।
अधिनियम यूएपीए से कहीं अधिक कठोर
उन्होंने कहा कि विदेशी आतंकवादियों का समर्थन करने वाले स्थानीय लोगों से शत्रु एजेंट अध्यादेश के तहत निपटा जाएगा, जिसमें उम्रकैद या मौत की न्यूनतम सजा का प्रावधान है। यह अधिनियम यूएपीए से कहीं अधिक कठोर है। मैंने हमेशा कहा है कि हम लोगों की मदद से ग्राम रक्षा गार्डों के साथ, विशेष पुलिस अधिकारियों के साथ और केंद्रीय सशस्त्र बलों के समर्थन से इस लड़ाई को जीतेंगे।
दुश्मन को हरा देंगे हम
आरआर स्वैन ने कहा कि जम्मू से आतंकवाद का 2005 में ही सफाया हो गया था। उन्होंने इसे फिर से खत्म करने का संकल्प लिया। हम अगले दो से तीन महीनों के भीतर सभी आतंकवादियों को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित और आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा कि शत्रु एजेंट अध्यादेश के तहत गिरफ्तार लोगों के खिलाफ सुनवाई के लिए विशेष अदालतें गठित की जाएंगी।
जम्मू क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादियों में पाकिस्तानी सैनिकों की मौजूदगी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इससे शायद ही कोई फर्क पड़ता है। यह रणनीति का मामला है, हमारे लिए वह एक दुश्मन है चाहे वह वर्दीधारी पृष्ठभूमि से आया हो, जेल से या आतंकी फैक्ट्री से। हम दुश्मन को हरा देंगे।
मामलों को एजेंसियों को सौंपने पर विचार
डीजीपी ने कहा कि पुलिस ने कठुआ से छह गिरफ्तारियां की हैं और रियासी आतंकी हमला मामले में एक साजिशकर्ता को गिरफ्तार कर एक सफलता हासिल की है। हम आतंकवादी हमलों के मामलों को पेशेवर एजेंसियों को सौंपने पर सक्रियता से विचार कर रहे हैं।
ताकि साजिश का खुलासा करने के लिए जांच निरंतर की जा सके, अपराध में मदद करने वालों की पहचान की जा सके और दोषियों को सजा दी जा सके। डोडा जिले में हुए दो हमलों में दो पुलिसकर्मियों सहित सात सुरक्षाकर्मियों के घायल होने के बारे में उन्होंने कहा कि ये घटनाएं तलाश और नष्ट करने की कार्रवाई के दौरान हुईं और घटनाओं की जांच जारी है।
आतंक बनाए रखने का जरिया बन रहा इंटरनेट
डीजीपी आरआर स्वैन ने कहा कि इंटरनेट जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद को बनाए रखने का माध्यम बन रहा है। पाकिस्तानी आका प्रदेश में घुसपैठियों को भेजने और हथियारों की तस्करी के लिए इसी का उपयोग करते हैं। पुलिस स्टेशन बाग-ए-बाहु के साथ साइबर पुलिस स्टेशन जम्मू जोन की इमारत का उद्घाटन करने के बाद वह बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि 75 प्रतिशत चुनौतियां इससे जुड़ी हैं। हो सकता है कि कुछ अधिकारी इसे 60 से 80 प्रतिशत के बीच रखेंगे लेकिन मैं सच्चाई से बहुत दूर नहीं हूं। साइबर अपराध अपने आप में व्यापक है और यह अन्य पारंपरिक अपराधों तक पहुंच सकता है। स्वैन ने कहा कि पाकिस्तान स्थित एक हैंडलर ने अपने स्थानीय एजेंटों के माध्यम से इंटरनेट का उपयोग करके हमले की साजिश रची।
उन्होंने कहा कि वे योजना बनाते हैं। आतंकियों की घुसपैठ के लिए एक स्थान चुनते हैं। डीजीपी ने कहा कि वे निजता के खिलाफ नहीं हैं लेकिन निजता के नाम पर अपराध, चाहे व्यक्तिगत स्तर पर या अन्यथा धोखाधड़ी, जबरन वसूली या ब्लैकमेल, सरकार को अस्थिर करने का प्रयास, नागरिक संघर्ष या अलगाववाद को बढ़ावा देना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।