Jammu Terror Attack: आतंकियों के सफाए के लिए चलेंगे अभियान, सेना के टारगेट पर हैं जम्मू के 55 स्थान
जम्मू संभाग में आतंकी वारदातों पर विराम लगाने के लिए सेना विशेष अभियान चलाएगी। राजौरी पुंछ रियासी रामबन ऊधमपुर किश्तवाड़ व कठुआ में भी अतिरिक्त जवानों की तैनाती की जाएगी। सोमवार देर रात जवानों पर आतंकी हमले से जाहिर हो गया है कि जम्मू में भी आतंकी अपनी पैठ जमा चुके हैं। इनके खात्मे के लिए सेना का तलाशी अभियान जारी है।
नवीन नवाज, जम्मू। राजौरी-पुंछ के बाद कठुआ और डोडा के पर्वतीय इलाकों में पैर पसार रहे आतंकियों के सफाए के लिए सेना की फिर से वापसी की जा रही है। इसके अलावा पुलिस और केंद्रीय बल की अतिरिक्त टुकड़ियों की तैनाती भी बढ़ेगी।
यह सुरक्षाबल न सिर्फ आतंकियों को खोजकर उनके सफाए के लिए अभियान चलाएंगे बल्कि स्थानीय ग्रामीणों को भी आतंकियों व उनके पारिस्थितिक तंत्र को नष्ट करने के अभियान में भागीदारी बनाएंगे।
जम्मू संभाग में भौगोलिक परिस्थितियों और आतंकी गतिविधियों के आधार पर आठ जिलों राजौरी, पुंछ, रियासी, रामबन, डोडा, किश्तवाड़, उधमपुर व कठुआ के पहाड़ों में लगभग 55 स्थानों को चिह्नित किया गया है।
नई रणनीति के तहत जम्मू कश्मीर पुलिस भीतरी क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका के साथ अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच मुख्य समन्वयक की भूमिका निभाएगी।
ITBP के विशेष दस्ते भी होंगे अभियान में तैनात
निचले क्षेत्रों में सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती अधिक रहेगी। सेना की राष्ट्रीय राइफल्स की टुकड़ियों को भी फिर से तैनात किया जाएगा। आइटीबीपी के विशेष दस्तों को भी पर्वतीय इलाकों में आतंकरोधी अभियानों में शामिल किया जाएगा।यह भी पढ़ें- Jammu News: अस्पताल से अचानक गायब हुई गर्भवती महिला, चिनाब नदी में लगाई छलांग; आखिर क्या है मामलाउच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि यह निर्णय सोमवार रात डोडा के जंगल में आतंकी हमले में चार जवानों के बलिदान होने के बाद उपजे हालात का जायजा लेने के बाद लिया गया है।
रक्षा मंत्रालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संबंधित अधिकारियों को इस विषय में आवश्यक निर्देश जारी कर दिए हैं। सेना, पुलिस और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल से जुड़े अधिकारियों को संवेदनशील दर्रों व पहाड़ी चोटियों में अतिशीघ्र नाके, शिविर और चौकियां स्थापित करने की प्रक्रिया पूरा करने को कहा गया है।उन्होंने बताया कि प्रस्तावित चौकियां और शिविर एक दूसरे से समान दूरी पर होंगे और उसमें सुरक्षा ग्रिड मजबूत बनाकर उन क्षेत्रों में पूरा नियंत्रण मजबूत बना कर रखें।
केंद्र सरकार ने तीन वर्ष के दौरान जम्मू-कश्मीर के विभिन्न इलाकों में सुरक्षाबलों पर हुए आतंकी हमलों का आकलन करते हुए जम्मू कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और राष्ट्रीय राइफल्स के आतंकरोधी प्रशिक्षण में भी आवश्यक सुधार पर जोर दिया है।जंगल की लड़ाई के साथ पहाड़ पर लड़ाई के लिए भी संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। आतंकियों के खिलाफ तैनात सुरक्षाबलो को अत्याधुनिक ड्रोन, विस्फोटकों का पता लगाने व उन्हें निष्क्रिय करने में समर्थ अत्याधुनिक सेंसर व जैमर, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित रक्षा उपकरण और संचार उपकरण प्रदान किए जा रहे हैं।
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