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Jammu Tirupati Balaji Temple: जम्मू में भी होंगे तिरुपति बालाजी के दर्शन, 8 जून को होगा भव्य मंदिर का उद्घाटन

जम्मू हाईवे से सटे गांव मजीन में इस समय तिरुपति बालाजी मंदिर का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। उत्तर भारत के लोगों की तिरुपति बालाजी मंदिर में बहुत आस्था है। श्री माता वैष्णो देवी की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु सर्वप्रथम बालाजी मंदिर के भी दर्शन करेंगे।

By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Wed, 17 May 2023 12:28 PM (IST)
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जम्मू में भी होंगे तिरुपति बालाजी के दर्शन

जम्मू, जागरण संवाददाता। आंध्र प्रदेश के जिला तिरुपति में विराजमान भगवान वेंकटेश्वर अब जम्मू के भक्तों को 8 जून से दर्शन देंगे। मंदिर का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर सिद्धड़ा जम्मू के मजीन गांव में निर्माणाधीन इस भव्य मंदिर के कपाट विधिवत पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। श्री माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु अपनी यात्रा के दौरान भगवान वेंकटेश्वर जिन्हें तिरुपति बालाजी के नाम से भी जाना जाता है, के दर्शन कर सकेंगे। वेंकटेश्वर के मुख्य मंदिर के अलावा परिसर में श्री अंदाल और श्री पद्मावती के मंदिर भी होंगे।

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड द्वारा 496 कनाल भूमि में दो चरणों में बनाए जा रहे इस विशाल मंदिर पर 33.22 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। पहले चरण में भगवान बालाजी का मंदिर, मंदिरों के पुजारियों व बोर्ड के स्टाफ सदस्यों के रहने के लिए आवास, शौचालय व पार्किंग स्थल बनाया जा रहा है। इनका काम लगभग अंतिम चरण में है। इसी माह के अंत तक मंदिर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा, जबकि 8 जून को विधिवत पूजा-अर्चना के साथ मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा। बोर्ड के अनुसार, दूसरे चरण में वेद पाठशाला, आध्यात्मिक केंद्र बनाए जाएंगे।

जम्मू हाईवे से सटे गांव मजीन में इस समय तिरुपति बालाजी मंदिर का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। आपको बता दें कि उत्तर भारत के लोगों की तिरुपति बालाजी मंदिर में बहुत आस्था है। ऐसे में वह जम्मू में दर्शनों के लिए सरलता से आ सकते हैं। श्री माता वैष्णो देवी की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु सर्वप्रथम बालाजी मंदिर के भी दर्शन करेंगे। इससे धार्मिक पर्यटन को भी मजबूत मिलेगी और जम्मू-कश्मीर के विकास की गति तेज होगी।

आस्था केंद्र है कलाकारों की कलाकृतियां

जम्मू में बन रहे तिरुपति बालाजी मंदिर को हुबहू आंध्र प्रदेश में स्थित भगवान वेंकटेश्वर मंदिर का रूप दिया गया है। यहां काम कर रहे कलाकार तमिलनाडु व आंध्र प्रदेश के कलाकारों की नकाशी व कलाकृतियां देखने वाली है। यहां देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को यही महसूस होगा कि वे तिरुपति में विराजमान भगवान वेंकटेश्वर के भव्य मंदिर के दर्शन कर रहे हैं। मंदिर निर्माण में शामिल 50 से अधिक कारीगर शामिल हैं। मंदिर निर्माण में जिस पत्थर का इस्तेमाल किया जा रहा है वह भी कर्नाटक व आंध्र प्रदेश से ही लाया गया है।

आंध्र प्रदेश से लाई जाएगी भगवान वेंटकेश्वर की भव्यू मूर्ति

मुख्य मंदिर में स्थापित की जाने वाली भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति विशेषतौर पर आंध्र प्रदेश से लाई जा रही है। भगवान तिरुपति को देख श्रद्धालुओं को यही अनुभूति होगी कि वे तिरुपति में विराजमान भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन कर रहे हैं। मंदिर निर्माण पर 17.40 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। मंदिर के अलावा यहां दो करोड़ की लागत से पुजारियों व बोर्ड स्टाफ के लिए आवास भी बनाए गए हैं। इसके अलावा, शौचालय निर्माण पर 35 लाख जबकि सड़क व पार्किंग स्थल पर 2.50 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

8 जून को होगा मंदिर का उद्घाटन

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड के चेयरमैन वायवी सुब्बा रेड्डी ने कहा कि मंदिर उद्घाटन का कार्यक्रम 4 जून को शुरू हो जाएगा जबकि श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के द्वार आठ जून को खोले जाएंगे। तिरुपति बालाजी मंदिर जम्मू का उद्घाटन 8 जून को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अलावा तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड के चेयरमैन वायवी सुब्बा रेड्डी, एग्जीक्यूटिव आफिसर धर्मा रेड्डी की मौजूदगी में किया जाएगा। तिरुपति बालाजी मंदिर जम्मू-कश्मीर में आस्था के अलावा अध्यात्मिक केंद्र के तौर पर भी विकसित होगा।

हर राज्य में होगा तिरुपति बालाजी का मंदिर

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड के चेयरमैन वायवी सुब्बा रेड्डी ने अपने जम्मू दौरे के दौरान जारी निर्माण का निरीक्षण करते हुए यह घोषणा की कि भगवान वेंकेटेश्वर का मंदिर हर राज्य में स्थापित किया जाएगा। आंध्र प्रदेश के बाद जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद, दिल्ली, कन्याकुमारी, चिनैनी, भूवनेश्वर, मुंबई, रायपुर और अहमदाबाद में भी इसी तरह के मंदिरों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर के तिरुपति मंदिर में भी उसी विधिविधान के साथ पूजा-अर्चना होगी जैसे तिरुपति में की जाती है। यही श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र होगी।