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Jammu News: तवांग में हुई 21 किलोमीटर की Half Marathon, चिनार कोर के धावकों ने दिखाया अपना दम; जीते कई मेडल

Jammu Kashmir News जम्‍मू कश्‍मीर के तवांग में 21 किलोमीटर की हाफ मैराथन आयोजित की गई। वहीं 10 किलोमीटर की दौड़ में दम दिखाकर कई पदक जीत लिए। दूसरी ओर चिनार कोर के सिपाही के रामानजनेयुलु ने दस किलोमीटर की दौड़ में तीसरा स्थान हासिल किया। मेराथन का आयोजन अरूणांचल प्रदेश सरकार ने भारतीय सेना के सहयोग से किया था।

By vivek singhEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 01 Oct 2023 04:54 PM (IST)
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तवांग में हुई 21 किलोमीटर की Half Marathon

राज्य ब्यूरो, जम्मू: सेना की उत्तरी कमान की चिनार कोर के धावकों ने अरुणांचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे तवांग में 21 किलोमीटर की हाफ मेराथन व 10 किलोमीटर की दौड़ में दम दिखाकर कई पदक जीत लिए। करीब दस हजार फुट की उंचाई पर हुई इस पहली हाई एल्टीट्यूड तवांग मैराथन की 21 किलोमीटर दौड़ में कश्मीर की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली चिनार कोर के लांस नायक शिवम पुंडीर ने दूसरा स्थान हासिल किया।

चिनार कोर के सिपाही ने किया तीसरा स्‍थान हासिल

वहीं दूसरी ओर चिनार कोर के सिपाही के रामानजनेयुलु ने दस किलोमीटर की दौड़ में तीसरा स्थान हासिल किया। मेराथन का आयोजन अरूणांचल प्रदेश सरकार ने भारतीय सेना के सहयोग से किया था। लंबी दौड़ों के इन पदक विजेताओं के साथ इस कोर के 7 चिनार योद्धाओं ने भी मैराथन की विभिन्न स्पर्धाओं में हिस्सा लेकर पहले 20 शीर्ष स्थानों में अपनी जगह बनाई।

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पदक विजेताओं को दी बधाई

इसी बीच चिनार कोर ने रविवार को अपने पदक विजेताओं को बधाई देते हुए उम्मीद जताई है कि वे भविष्य में इसी तरह का अच्छा प्रदर्शन कर अपनी कोर के साथ सेना की उत्तरी कमान का नाम भी रोशन करते रहेंगे। सेना की उत्तरी कमान के वीर उच्च्तम इलाकों के दुर्गम हालात में देशसेवा करने के माहिर हैं। ऐसे में लद्दाख के साथ कश्मीर के उच्च्तम इलाकों की सुरक्षा में तैनात ये जवान खेल के मैदान में भी अपने बेहतर होने का सबूत देते हैं।

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भारतीय सेना भी उन्हें साहसिक गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करती है। ऐसे में हाल ही में लद्दाख में संपन्न हुई रेशम मार्ग अल्ट्रा मेराथन के साथ 72 किलोमीटर खारदु्ंग ला चैलेंज व अन्य दौड़ों में भी सेना की लद्दाख स्काउट्स के जवानों से सबसे अधिक पदक जीत कर साबित किया था कि भारतीय सैनिकों का कोई मुकाबला नहीं है।

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