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Jammu: सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं जोजिला व जेड मोड़ सुरंग, चीन से सटे इलाकों में जा सकेंगे जवान

टनल बनने के बाद चीन और पाकिस्तान से सटे इलाकों की सुरक्षा में तैनात सेना के जवान पूरे साल सड़क मार्ग से आ-जा सकेंगे। सीमा तक सैन्य सामान पहुंचाना आसान हो जाएगा। जोजिला टनल एशिया में सबसे अधिक ऊंचाई पर है।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Tue, 11 Apr 2023 06:45 AM (IST)
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Jammu: सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं जोजिला व जेड मोड़ सुरंग, चीन से सटे इलाकों में जा सकेंगे जवान
जम्मू, राज्य ब्यूरो। श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही दोनों सुरंगें सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। कारगिल और पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में सेना व उसके साजो सामान की आपूर्ति को दोनों सुरंगें सारा साल निर्बाध बनाएंगी। इनसे लद्दाख के अलावा सोनमर्ग का भी कश्मीर समेत देश के अन्य भागों से सालभर जमीनी संपर्क सुनिश्चित होगा।

टनल बनने के बाद चीन और पाकिस्तान से सटे इलाकों की सुरक्षा में तैनात सेना के जवान पूरे साल सड़क मार्ग से आ-जा सकेंगे। सीमा तक सैन्य सामान पहुंचाना आसान हो जाएगा। जोजि ला टनल एशिया में सबसे अधिक ऊंचाई पर है। इसके निर्माण में यंग हिमालयन रेंज में होने से भी चुनौतियां आ रही हैं । दोनों सुरंग परियोजनाएं सोनमर्ग, बालटाल, द्रास, कारगिल और लद्दाख में पर्यटन को बढ़ाने के साथ इस पूरे क्षेत्र में आर्थिक-सामाजिक विकास का एक नया दौर शुरू करेंगी।

जानें जोजिला सुरंग के बारे में

• अक्टूबर, 2020 में शुरू हुआ था जोजिला टनल का निर्माण कार्य

• दिसंबर, 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगी, 28 प्रतिशत कार्य पूरा

• गांदरबल जिले में स्थित बालटाल से कारगिल जिले में द्रास के मिनीमर्ग को जोड़ती है

• कश्मीर होते हुए लद्दाख का सालभर सड़क संपर्क बना रहेगा टनल बनने से

• 11.578 फीट की ऊंचाई पर है श्रीनगर- कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर

• 13.14 किलोमीटर लंबी होगी सिंगल ट्यूब की यह सुरंग

• 18 किलोमीटर की एप्रोच रोड भी बन रही, 60% काम पूरा

• एप्रोच रोड मिलाकर पूरी लंबाई 31 किलोमीटर है।

• दोनों सिरों से तीन- तीन किलोमीटर की खोदाई पूरी हो चुकी

• न्यू अस्ट्रियन प्रणाली का इस्तेमाल किया जा रहा खोदाई में

• एप्रोच रोड का 60 प्रतिशत काम पूरा

ऐसी है जेड मोड़ सुरंग मोड़ सुरंग श्रीनगर- जोजिला मार्ग रथाजवास ग्लेशियर के नीचे से गुजरेगी। मध्य कश्मीर में गांदरबल जिले के गगनगीर को सोनमर्ग जोड़ेगी। इस परियोजना की कुछ सुरंगें ‘यू' आकार की हैं। मुख्य सुरंग की ऊंचाई 10.8 मीटर और बचाव सुरंग की ऊंचाई 7.5 मीटर है। डी आकार की वायु संचार सुरंग की लंबाई 8.3 मीटर है। इस सुरंग में 110 मीटर व 270 मीटर लंबी दो पुलिया, 30 मीटर लंबी एक पुलिया है। इस सुरंग परियोजना का 75 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है।

6.5 किमी लंबी सुरंग है जेड मोड़

80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गुजर सकेंगे वाहन

• जेड-आकार के चलते नाम रखा गया जेड मोड़ सुरंग

• इस वर्ष अंत तक पूरा होने की उम्मीद है

• आने-जाने के लिए दो अलग-अलग सुरंगें उपलब्ध हो सकेंगी

• इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए एक एस्केप टनल भी है

• प्रति घंटे 1,000 वाहनों को निकालने के लिए किया गया डिजाइन

यह होगा लाभ

मौजूदा परिस्थितियों में मौसम व रास्ता अनुकूल होने की स्थिति में वाहनों को जोजि ला पार करने में सिर्फ 20 मिनट लगेंगे। अभी कम से कम तीन घंटे लगते हैं।

• इसके बनने से ईंधन की बचत होगी। साथ ही पर्यावरण संरक्षण भी सहायक होगा

• आम लोगों पर और सरकारी खजाने पर बोझ कम होगा

• जोजिला में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर भी रोक लगेगी

यह होंगे लाभ

• हिमस्खलन और भारी हिमपात से यात्रियों को बचाएगी

• साल भर कनेक्टिविटी मिलेगी, सोनमर्ग का आर्थिक विकास होगा

• सोनमर्ग में पर्यटन बहुरेगा, साहसिक पर्यटन के विकल्प खुलेंगे

• विकास होने से क्षेत्र में रोजगार के नए विकल्प खुलेंगे

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