Krishna Janmashtami 2021: जन्माष्टमी पर कृष्णमय हुआ मंदिरों का शहर जम्मू, बाल गोपाल का जन्मदिन मनाया
सोमवार तड़के से ही शहर कृष्णमय नजर आ रहा था। हर कोई नंदलाला के जन्मदिन की खुशियों में डूबा दिखा। मंदिरों में कोरोना महामारी को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते श्रद्धालु के दर्शनों की व्यवस्था की गई थी। हालांकि इस वजह से मंदिरों में पहले जैसी रौनक नहीं है।
जम्मू, जागरण संवाददाता । हाथी घोड़ा पालकी, जय-जय कन्हैया लाल की..., गोबिंद बोले हरि गोपाल बोल, राधा रमण श्री गोपाल बोले जैसे भक्तिगीतों के बीच मंदिरों के शहर जम्मू में जन्माष्टमी पूरी श्रद्धा और धार्मिक भाव के साथ मनाई गई। कृष्णमयी हुए जम्मू शहर के अधिकतर मंदिरों में सुबह से रात तक श्रद्धालुओं की रौनक रही।
सोमवार तड़के से ही शहर कृष्णमय नजर आ रहा था। हर कोई नंदलाला के जन्मदिन की खुशियों में डूबा दिखा। मंदिरों में कोरोना महामारी को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते श्रद्धालु के दर्शनों की व्यवस्था की गई थी। हालांकि इस वजह से मंदिरों में पहले जैसी रौनक नहीं है। फिर भी देर रात तक श्रद्धालुओं मंदिरों में नत्मस्तक होते रहे। हर तरह मंदिरों में भगवान कृष्ण के भजन गूंजते रहे।
इस बीच युवाओं ने जन्माष्टमी पर जमकर पतंगबाजी की। घरों में भी लोग पूरी तरह से कान्हा के रंग में रंगे दिखे। खासकर जिनके घरों में छोटे बच्चे हैं, उन्होंने उन्हें बाल कृष्ण की तरह ही तैयार किया। हालांकि श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाइयों का दौर तड़के से ही शुरू हो गया था। सोशल मीडिया पर शायद ही कोई ऐसा हाेगा जिसने जन्माष्टमी की शुभकमाना को लेकर कोई पोस्ट न डाली हो। व्हाट्सऐप पर भी बधाइयां देने का सिलसिला जारी रहा। कोरोना संक्रमण के डर से काफी लोग मंदिरों में जाने से परहेज करते नजर आए। उन्होंने घरों में ही परिवार सहित उत्सव मनाने की तैयारी कर रखी थी। अपनी-अपनी आस्था अनुसार घरों में लड्डू गोपाल का झूला सजाया गया है। भजन-कीर्तन हो रहे हैं।
कृष्ण लाल पर जन्मदिवस पर पूजा स्थलों को भी उसी तरह सजाया गया है जैसे बच्चों के जन्मदिन पर सजाया गया होता है। यही वजह है कि घर के छोटे-छोटे बच्चे भी कान्हा के जन्मदिन को मनाने के लिए उत्साहित नजर आए। कई घरों में तो बच्चों ने नंद गोपाल के जन्मदिन का केक भी काटा। बृज मेहरा ने बताया कि उनके घर में विधिवत रूप से कृष्ण जन्म का उत्सव मनाया गया। बड़ों से अधिक बच्चे इसे लेकर उत्साहित रहे। बहुत से श्रद्धालुओं ने जन्माष्टमी पर व्रत रखकर भगवान के प्रति आस्था जताई। उन्होंने कहा कि घरों में नंद गोपाल का झूला लगाया हुआ है जिस वजह से बच्चे बहुत उत्साहित हैं। बच्चे घर में कृष्ण की लीलाएं करके दिखा रहे हैं। बहुत अच्छा लग रहा है। सुबह और शाम भगवान कृष्ण की पूजा की गई।
इस्कॉन मंदिर में देखते बनी रौनक
मुट्ठी स्थित इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी पर रौनक देखते ही बनी। भजन-कीर्तन के बीच गोपियां भगवान कृष्ण के रंग में यूं रंगी कि पूरा माहौल कृष्णमय बन गया। सैकड़ों की संख्या में यहां कृष्ण प्रेमी भगवान के रंग में रंगे नजर आए। कृष्ण नाम की मदहोशी में झूलते और जयघोश करते श्रद्धालुओं को देखकर हर कोई दिल से भगवान के आगे नतमस्तक हो गया। भगवती नगर स्थित लक्की बाबा मंदिर में भी जन्माष्टमी के मौके पर कलाकारों ने कृष्ण की बाल लीलाओं से हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
गांधीनगर स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में भी शाम ढलते ही श्रद्धालुओं की रौनक उमड़ पड़ी। गोल मार्केट स्थित साई बाबा मंदिर में भी जन्माष्टमी पर श्रद्धालुओं की धूम रही। यहां कन्हैया के झूलों को झूलाकर भक्तजन उत्साहित होते दिखे। नानक नगर स्थित राम दरबार मंदिर में भी श्रद्धालुओं को उत्साह देखते ही बना। ऐतिहासिक रघुनाथ मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर न्यू प्लाट, गीता मंदिर बख्शी नगर समेत शहर के समस्त मंदिर भगवान कृष्ण के रंग में रंगे रहे।
आरती के साथ नंद किशोर के जन्म को मनाया गया भगवान विष्णु और कृष्ण कन्हैया की आरती के साथ रात 12 बजे जन्माष्टमी समापन की ओर बढ़ी। 9 बजे के बाद ही से मंदिरों में पूजा-अर्चना तेज हो गई। कृष्ण लीलाएं दिखा रहे कलाकारों ने समा बांधा। ठीक 12 बजे जैसे ही भगवान कृष्ण के जन्म की घड़ी आई तो पुष्पवर्षा करते हुए भगवान की आरती उताई गई। लल्ला को झूले झूलाने के साथ उनके चरणों को छूकर गौरवान्वित महसूस करते श्रद्धालुओं को उत्साह देखते ही बना। कइयों की आंखें भी नम हो गईं। कृष्ण भक्ति में डूबे बहुत से भक्त मंदिरों में ही बैठ कर पूजा-अर्चना कर जन्म के समय का इंतजार करते नजर आए। भगवान के जन्म होने के बाद एक-दूसरे को बधाई देते हुए लोग खुशी-खुशी घरों को लौटे। हालांकि कोरोना के चलते पहले जैसी भीड़ नहीं थी।
आज मनाई जाएगी गुग्गा नवमीं
जन्माष्टमी के दूसरे दिन देश के अन्य हिस्सों की तरह जम्मू-कश्मीर में भी गुग्गा नवमी का त्योहार पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। लोग अपने कुलदेवता विशेषकर राजा मंडलीक, कालीबीर, नार सिंह की पूजा-अर्चना करते हैं। विभिन्न बिरादरियां इस दिश कुलदेवता के भंडारे लगाती हैं। जम्मू में राजा मंडलीक जिन्हे गोगा पीर भी कहा जाता है, के ऐतिहासिक देवस्थल, नरवाल, राजीव नगर चौक में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक यहां कार्यक्रम चलेगा। दोपहर को भंडारे का भी आयोजन होगा। ऐसे ही सुंजवां स्थित कालीबीर के देवस्थान में भी श्रद्धालु नतमस्तक होने पहुंचेंगे। ऐसे ही विभिन्न स्थानों पर गुग्गा नवमीं पर कुलदेवताओं के यहां कार्यक्रम होंगे।