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ज्ञानोदय एक्सप्रेस से ज्ञान की तीर्थ यात्रा पर रवाना हुईं छात्राएं, जम्मू कश्मीर में पहली बार ऐसा आयोजन

जम्मू कश्मीर से ज्ञानोदय एक्सप्रेस का आयोजन पहली बार किया गया है जिसमें प्रदेश की छात्राएं देश के विभिन्न राज्यों में जाकर ज्ञान अर्जित करेंगी। जल्द ही जम्मू कश्मीर के अन्य विद्यार्थियों के लिए भी ज्ञानोदय एक्सप्रेस रवाना की जाएगी। ज्ञानोदय एक्सप्रेस में जम्मू कश्मीर की 700 छात्राएं और करीब 75 प्रोफेसर रवाना हुए। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।

By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Mon, 20 Nov 2023 05:00 AM (IST)
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700 छात्राएं और करीब 75 प्रोफेसर रवाना हुए (फाइल फोटो)

संवाद सहयोगी, कटड़ा। 'जम्मू कश्मीर के विद्यार्थियों के लिए ज्ञानोदय एक्सप्रेस केवल भारत भ्रमण ही नहीं, यह ज्ञान की तीर्थ यात्रा होगी। विद्यार्थी एक ओर जहां देश की समृद्ध संस्कृति से रूबरू होंगे, वहीं विकास के ज्ञान को भी समझेंगे। आने वाले समय में जम्मू कश्मीर देश के लिए विज्ञान का केंद्र होगा।' उपराज्यपाल मनोज सिन्हा रविवार को कटड़ा में श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन परिसर में ज्ञानोदय एक्सप्रेस को झंडी दिखाने के बाद छात्राओं को संबोधित कर रहे थे।

ज्ञानोदय एक्सप्रेस में जम्मू कश्मीर की 700 छात्राएं और करीब 75 प्रोफेसर रवाना हुए। ये लोग दो सप्ताह तक ट्रेन का सफर कर दिल्ली के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक आदि राज्यों का दौरा करेंगे। छात्राएं राष्ट्रपति भवन, सांसद भवन, इंडिया गेट, साबरमती आश्रम सहित कई ऐतिहासिक स्थलों पर जाकर उनकी महत्वता को समझेंगी। इससे पहले उपराज्यपाल ने ज्ञानोदय एक्सप्रेस में बैठे विद्यार्थियों के साथ बातचीत कर उन्हें शुभकामनाएं दीं।

जम्मू कश्मीर से ज्ञानोदय एक्सप्रेस का आयोजन पहली बार किया गया है, जिसमें प्रदेश की छात्राएं देश के विभिन्न राज्यों में जाकर ज्ञान अर्जित करेंगी। जल्द ही जम्मू कश्मीर के अन्य विद्यार्थियों के लिए भी ज्ञानोदय एक्सप्रेस रवाना की जाएगी।

कॉलेज आन व्हील्स जम्मू कश्मीर ज्ञानोदय एक्सप्रेस में रवाना हुई जम्मू कश्मीर के विभिन्न विश्वविद्यालयों व सरकारी डिग्री कॉलेज की छात्राएं विद्यापीठ यूनिवर्सिटी, नेवल एयरक्राफ्ट कैरियर, नेवल बेस, नेवल डाकयार्ड, नेहरू प्लैनेटोरियम, आइआइटी मुंबई, नेवल शिपयार्ड, हंसा नेवल एयर स्टेशन, बेंगलुरु स्थित इसरो, आइआइएससी बेंगलुरु, पोनर आश्रम, सेवाग्राम आदि ऐतिहासिक स्थलों का दौरा कर ज्ञान प्राप्त करेंगी। छात्राओं को विभिन्न प्रकार के प्रोजेक्ट भी दिए गए हैं, जिन पर वे काम करेंगी।

कहा-कश्मीर को फूलों की घाटी बनाना है 

सरकारी डिग्री कालेज बिजबिहाड़ा के प्रोफेसर शेख अब्दुल शकूर ने बताया कि उनके कालेज की छात्राएं तहसीम मंजूर, मुस्कान रफीक, मेहविश मकबूल, उजमीना, मुस्कान, तबिया आदि बागवानी प्रोजेक्ट पर कार्य करेंगी। वे देश के विभिन्न राज्यों में फूलों की खेती के बारे में जानेंगी, ताकि कश्मीर को फूलों की घाटी बनाया जा सके।

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छात्राएं बोलीं-हमारे जीवन का अनमोल तोहफा 

डिग्री कालेज दरमाड़ी (रियासी) की गुलशन अख्तर, डिग्री कालेज बिश्नाह (जम्मू) की रणधीर कौर, डिग्री कालेज पुंछ की रमणित कौर, जसवीर कौर, जम्मू विश्वविद्यालय की जानवी शर्मा ने कहा कि वे दौरे के दौरान इको टूरिज्म, फूड प्रोसेसिंग, रिसर्च फील्ड मैपिंग आदि प्रोजेक्ट पर कार्य करेंगी। उन्होंने कहा कि यह एतिहासिक दौरा उनके लिए जीवन का अनमोल तोहफा है, क्योंकि इस दौर से अपार ज्ञान प्राप्त होगा। इसके आधार पर जम्मू कश्मीर को विकास की ओर ले जाने में मदद मिलेगी।

ये भी रहे मौजूद 

इस मौके पर हायर एजुकेशन काउंसिल के वाइस चेयरमैन प्रोफेसर दिनेश सिंह, जम्मू विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर उमेश राय, कालेज आन व्हील्स जेएंडके ज्ञानोदय एक्सप्रेस के कोआर्डिनेटर प्रोफेसर नरेश पादा, श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर प्रगति कुमार, श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ अंशुल गर्ग, ऊधमपुर-रियासी रेंज के डीआईजी सुलेमान चौधरी के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों तथा कालेज के प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।

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