J&K News: आतंकी वारदातों का नया केंद्र बने राजौरी और पुंछ, ऑपरेशन पीर के लिए सुरक्षाबल पूरी तरह तैयार
आतंकी पीड़ा का नया केंद्र बने राजौरी-पुंछ और रियासी में आतंकवाद के समूल नाश के लिए ऑपरेशन पीर के लिए सुरक्षाबल पूरी तरह तैयार हो चुके हैं। सजगता संवाद समन्वय और संहार इस अभियान का मूल मंत्र रहेगा।राजौरी-पुंछ में नियंत्रण रेखा से लेकर पीर पंजाल की पहाड़ियों की दोनों तरफ चलने वाले इस अभियान में ग्राम व ढोक सुरक्षा समूहों की भूमिका काे बढ़ाया जाएगा।
नवीन नवाज, जम्मू। Security Forces working on Operation Peer: आतंकी पीड़ा का नया केंद्र बने राजौरी-पुंछ और रियासी में आतंकवाद के समूल नाश के लिए ऑपरेशन पीर के लिए सुरक्षाबल पूरी तरह तैयार हो चुके हैं। सजगता, संवाद, समन्वय और संहार इस अभियान का मूल मंत्र रहेगा।राजौरी-पुंछ में नियंत्रण रेखा से लेकर पीर पंजाल की पहाड़ियों की दोनों तरफ चलने वाले इस अभियान में ग्राम व ढोक सुरक्षा समूहों की भूमिका काे बढ़ाया जाएगा। स्थानीय जनता के साथ संवाद-संपर्क और समन्वय को बढ़ाया जाएगा ताकि जमीनी स्तर पर खुफिया नेटवर्क को विस्तार के साथ साथ मजबूती दी जा सके।
बीते साल 28 आतंकी मारे गए
वर्ष 2020 के बाद से जम्मू कश्मीर में राजौरी-पुंछ और रियासी आतंकी हिंसा का एक नया केंद्र बनकर उभरा है। बीते तीन वर्ष के दौरान इन्हीं तीन जिलों में सुरक्षाबलों को सबसे ज्यादा जनहानि हुई है। बीते वर्ष भी इसी क्षेत्र में 20 सुरक्षाकर्मी बलिदानी हुए हैं। बीते वर्ष मारे गए 76 आतंकियों में से 28 आतंकी भी राजौरी-पुंछ व रियासी में ही मारे गए हैं। गत दिसंबर में पुंछ के डेरा की गली इलाके में ही आतंकियों के हमले में चार सैन्यकर्मी बलिदानी हुए हैं।
पीरपंजाल से सटे हुए हैं रजौरी और पुंछ
पीर पंजाल की पहाड़ियां जम्मू और कश्मीर प्रांत के बीच एक प्राकृतिक दीवार का काम करती हैं। पीरपंजाल के दाहिने तरफ राजौरी, पुंछ और रियासी व रामबन है जबकि बाएं तरफ कश्मीर घाटी के शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग हैं। राजौरी-पुंछ जिले नियंत्रण रेखा के साथ सटे हुए हैं। पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षित आतंकी जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के लिए इस क्षेत्र का इस्तेमाल करते हैं।राजौरी-पुंछ-रियासी में तैनाती बढ़ाई
संबधित सूत्रों ने बताया कि राजौरी-पुंछ और रियासी में ही नहीं बल्कि पीरंपजाल के बाएं तरफ शोपियां,कुलगाम और अनंतनाग के उच्चपर्वतीय इलाकों में भी आतंकियों पर कड़े प्रहार के अभियान को शुरु किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह अभियान कश्मीर घाटी में चलाए गए आप्रेशन आल आऊट से थोड़ा हटकर रहेगा,क्योंकि यह ज्यादा बड़े क्षेत्र में चलेगा। इस अभियान के तहत पहले राजौरी-पुंछ-रियासी के उन सभी क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाई जाएगी, जहां हालात सामान्य होने का हवाला देकर उन्हें हटाया गया था।
गुफाओं में 30 आतंकियों के छिपे होने की आशंका
ग्राम सुरक्षा समहों और ढोक सुरक्षा समूहों को पूरी तरह से सक्रिय किया जाएगा जो अपने अपने इलाके में सुरक्षा व्यवस्िाा को सुनिश्चित बनाने के अलावा संदिग्ध तत्वों की निगरानी भी करेंगी। यह अपने आस पास के जंगलोंख् पहाड़ों और नालों में उन रास्तों की निशानेदही करेंगी जो आतंकयों द्वारा आवाजाही के लिए इस्तेमाल किए जाते रहे हैं या किए जा रहे हैं। इसके अलावा यह पहाड़ों और जंगलों में स्थित गुफाओं का पता लगाने में सहयोग करेंगी, क्योंकि इनके सदस्य स्थानीय होने के कारण स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों से पूरी तरह अवगत रहते हैं। राजौरी-पुंछ व रियासी के पहाड़ों और जगलों में स्थित गुफाओं में ही लगभग 30 आतंकियों के छिपे होने की आशंका है।ओवरग्राउंड वर्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी
उन्होंने बताया कि स्थानीय खुफिया नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए स्थानीय लोगों के साथ संवाद-संपर्क और समन्वय बढ़ाया जाएगा। उन लोगों को चिह्नित किया जाएगा जो आतंकियों और अलगाववादियों के लिए प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से काम करते हैं। पूर्व आतंकियों और पुराने ओवरग्राउंड वर्करों व आतंकियों के गाइडों का पूरा ब्यौरा जमा किया जाएगा । रियल टाइम के आधार पर सभी सूचनाओं का संबंधित सुरक्षा एजेंसियों के बीच आदान प्रदान होगा और उनके आकलन के आधार पर आतंकियों व उनके ओवरग्राउंड वर्करों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
सेना की तरह ही राजौरी-पुंछ में सक्रिय केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी आल टेरेन बुलेट प्रूफ व्हीकल व अन्य साजो सामान प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा गुरिल्ला युद्ध में पूरी तरह प्रशिक्षित सैन्य दस्तों को पीरपंजाल के ऊपरी इलाकों में विशेषकर जहां घना जंगल और पहाड़ हैं, तैनात किया जाएगा। नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ रोधी तंत्र को और मजबूत बनाते हुए पुलिस की भी सीमांत चौकियां बढ़ाई जाएगी और औचक तलाशी अभियान चलाए जाएंगे।
किसी भी बस्ती में औचक तलाशी अभियान के दौरान पुलिस व ग्राम सुरक्षा समूहों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी ताकि किसी भी निर्दाेष नागरिक की किसी भी तरह से प्रताड़ना न हो।
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