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JK Result 2024: विधायक दल का नेता नहीं चुन सकी कांग्रेस, हार के बाद गिर रहा मनोबल, गठबंधन सरकार में कितना भाव?

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद भी कांग्रेस अपने आप में कोई सुधार लाती नजर नहीं आ रही है। अभी तक विधायक दल का नेता भी नहीं चुन पाई है। नेकां को समर्थन पत्र देने में पार्टी ने चार दिन का समय लगा दिया। नेकां को मिली प्रचंड जीत से कांग्रेस असहज दिख रही है। जम्मू संभाग में कांग्रेस को एक ही सीट मिली है।

By satnam singh Edited By: Sushil Kumar Updated: Sat, 12 Oct 2024 11:32 PM (IST)
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JK Result 2024: विधायक दल का नेता नहीं चुन सकी कांग्रेस, हार के बाद गिर रहा मनोबल।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद भी कांग्रेस अपने आप में कोई सुधार लाती नजर नहीं आ रही है। अभी तक कांग्रेस विधायक दल का नेता भी नहीं चुन पाई है। विधानसभा चुनाव में मात्र छह सीटों के बाद भी कांग्रेस का ढुलमुल रवैया जारी है।

गत दिवस श्रीनगर में विधायक दल का नेता चुनने के लिए बैठक हुई थी लेकिन हैरानी की बात यह है कि मात्र छह सदस्यों में भी विधायक दल का नेता चुनने के लिए आपस में सहमति नहीं बना पाए। पार्टी ने यह फैसला हाईकमान पर छोड़ दिया है। नेकां को समर्थन पत्र देने में पार्टी ने चार दिन का समय लगा दिया।

नेकां को मिली प्रचंड जीत

इस दौरान नेकां को निर्दलीय उम्मीदवारों से मिल रहे समर्थन से कांग्रेस असहज दिख रही है, क्योंकि नेकां भी अब कांग्रेस को तवज्जो नहीं दे रही है जो चुनाव पूर्व गठबंधन के समय में दोनों के बीच तालमेल था। चुनाव में नेकां को 42 सीटें मिली हैं तो कांग्रेस को मात्र छह सीटें।

जम्मू संभाग में कांग्रेस को एक ही सीट मिली है। खराब प्रदर्शन के कारण कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का मनोबल गिर गया है, भले ही वे यह कह रहे हो कि हमारा गठबंधन जीत गया है।

इसमें हिस्सेदारी बहुत कम होगी, इसलिए अब कांग्रेस के प्रदेश प्रधान तारिक हमीद करा कह रहे हैं कि हमने नेकां के साथ मंत्रिमंडल को लेकर कोई कोई औपचारिक बातचीत नहीं की है। न ही हमारी कोई मांग है और न ही कोई शर्त।

पार्टी नेताओं का गिरा मनोबल

यह हालात इसलिए बने हैं क्योंकि नंबर बहुत कम है। जम्मू से कांग्रेस को कोई जनादेश नहीं मिला, दिग्गज रमन भल्ला, ताराचंद, मुलाराम, मनोहर लाल, बलबीर सिंह, लाल सिंह समेत कई नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा है। इस तरह की स्थिति में नेकां अब कांग्रेस पर हावी होती नजर आ रही है। जम्मू से हार के बाद पार्टी नेताओं का मनोबल गिर गया है।

कांग्रेस गतिविधियों पर असर

उनकी रुचि भी सरकार के गठन में नजर नहीं रही है क्योंकि अब विजयी उम्मीदवारों जिसमें प्रदेश प्रधान तारिक हमीद करा, पूर्व प्रदेश प्रधान गुलाम अहमद मीर पर गतिविधियों या सरकार में दखल का दारोमदार रह गया है।

जिस तरह से भाजपा ने जम्मू में 29 सीटें जीत कर यह साफ कर दिया है कि जम्मू संभाग में भाजपा का ही बोलबाला होगा, उससे कांग्रेस की गतिविधियों पर असर होगा।

कांग्रेस नेता निराश

जम्मू में कांग्रेस के नेता इस समय निराश है, अपनी जीत सुनिश्चित लेकर चल रहे कुछ नेता तो सदमे में हैं। ऐसे हालात में नेकां-कांग्रेस के माकपा व निर्दलीय के समर्थन वाली गठबंधन सरकार में कांग्रेस की भूमिका मजबूत हाेने के आसार बहुत कम ही दिखाई दे रहे हैं।

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