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Jammu News: सावधान! 9 सितंबर को अगर आपकी बिजली गुल हुई तो कोई नहीं आएगा ठीक करने, जान लीजिए वजह

जम्मू व कश्मीर पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड में कार्यरत कर्मचारियों एक दिवसीय विरोध अवकाश पर जाने की घोषणा की है। आंदोलन की शुरूआत इंजीनियरों ने अपनी मांगों के समर्थन की परंतु विभाग के अन्य कर्मचारियों ने भी उनके आंदोलन को सफल बनाने के लिए अपना समर्थन देने का एलान किया है। हड़ताल के दिन इंजीनियर पीडीडी कांपलेक्स जम्मू व श्रीनगर में बेमिना में धरना भी देंगे।

By rahul sharmaEdited By: MOHAMMAD AQIB KHANUpdated: Tue, 29 Aug 2023 04:02 PM (IST)
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एक दिवसीय विरोध अवकाश पर जाएंगे बिजली कर्मचारी

जम्मू, जागरण संवाददाता: जम्मू व कश्मीर पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड में कार्यरत 15 हजार कर्मचारियों जिनमें चीफ इंजीनियरों से लेकर फील्ड कर्मचारी 9 सितंबर को एक दिवसीय विरोध अवकाश पर जाने की घोषणा की है। हालांकि इस आंदोलन की शुरूआत इंजीनियरों ने अपनी मांगों के समर्थन की परंतु विभाग के अन्य कर्मचारियों ने भी उनके आंदोलन को सफल बनाने के लिए अपना समर्थन देने का एलान किया है।

घबराने वाली बात यह है कि इंजीनियरों के समर्थन में बिजली निगम के अन्य कर्मचारियों जिनमें क्लर्क से लेकर फील्ड स्टाफ भी शामिल है, के हड़ताल पर चले जाने से प्रदेश की बिजली सप्लाई व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। 24 घंटे तक चलने वाली इस हड़ताल के दौरान जम्मू व कश्मीर बिजली निगम के सभी 15 हजार कर्मचारी कोई काम नहीं करेंगे।

अगर मौसम ने साथ नहीं दिया और भीषण गर्मी के बीच किसी भी क्षेत्र में तकनीकी खराबी के कारण बिजली गुल होती है तो वहां रहने वाले लोगों को 24 घंटों तक बिना बिजली ही रहना पड़ेगा। उस समय न तो कोई लाइनमैन आपकी बात सुनेगा और न ही कोई चीफ इंजीनियर। हालांकि इमरजेंसी सर्विसिस को हड़ताल से बाहर रखा गया है।

जे एंड के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स एसोसिएशन के प्रधान सचिन टिक्कू ने आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों से प्रशासन उनकी मांगों को लेकर टालमटोल का रवैया अपनाए हुए है। जूनियर इंजीनियर के रिक्त पदों को भरने का मामला हो या फिर इंजीनियरों की पदोन्नति का, उनकी फाइलें पिछले एक साल से सचिवालय में दबकर रह गई हैं।

एसोसिएशन के बार-बार पूछने पर भी कोई उत्तर नहीं दिया जा रहा। यही वजह है कि एसोसिएशन के जम्मू व कश्मीर के पदाधिकारियों ने आम राय बनाकर 9 सितंबर को एक दिवसीय विरोध अवकाश पर जाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में उन्होंने कार्रवाई शुरू भी कर दी है।

जूनियर इंजीनियर से लेकर चीफ इंजीनियर तक के पदों पर तैनात अधिकारियों ने 9 सितंबर को अवकाश पर जाने के लिए आवेदन देना शुरू कर दिए हैं। हड़ताल के दिन इंजीनियर पीडीडी कांपलेक्स जम्मू व श्रीनगर में बेमिना में धरना भी देंगे।

ये यूनियन भी देंगी साथ

अपने अधिकारियों की मांगों को प्रशासन से मनवाने के लिए बिजली निगम के अन्य कर्मचारी भी समर्थन में उतर आए हैं। सचिन टिक्कू ने बताया कि डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन, प्रोवेंशियल पावर इंप्लाइज यूनियन, लाइनमैन एंड वर्कर्स यूनियन, टेक्निकल इंप्लाइज फेडरेशन, पीडीएल-टीडीएल सहित अन्य यूनियन भी इंजीनियरों के समर्थन में 9 सितंबर को चौबीस घंटों तक अपना कामकाज ठप रखेंगे। टिक्कू ने बताया कि धरने के दौरान ही एसोसिएशन आंदोलन की अगली रणनीति की भी घोषणा करेगी।

बिजली विभाग के निजीकरण का लगाया आरोप

एसोसिएशन के प्रधान टिक्कू ने कहा कि पीडीडी को जेपीडीसीएल और केपीडीसीएल बनाते समय प्रशासन ने जिन नीतियों को लागू करने का आश्वासन दिया था। अभी उनमें से एक भी लागू नहीं हुआ है।

बिजली निगम में जूनियर इंजीनियर से लेकर एमडी तक करीब 750 पद खाली पड़ें हुए हैं। उन्हें भरने के लिए गंभीरता न दिखाना यह साफ दर्शाता है कि प्रशासन बिजली कर्मचारियों को गुमराह कर इसके पूरी तरह से निजीकरण का मन बना चुकी है। इसी वजह से नई नियुक्तियां नहीं की जा रही हैं। अगर ऐसा है तो प्रशासन की इस मंशा को कतई पूरा नहीं होने दिया जाएगा। कर्मचारियों से धोखा बर्दाश्त नहीं होगा।