Kargil Vijay Diwas 2024: विजय दिवस का जश्न शुरू, लाइट शो के जरिए कारगिल युद्ध का मंजर दोहराएगी सेना
कारगिल में आज से तीन दिवसीय रजत जयंती समारोह की शुरुआत हो चुकी है। जिसमें 26 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हिस्सा लेंगे। इस कार्यक्रम में लाइट एंड साउंड शो के जरिए विपरीत हालात में किए गए युद्ध के मंजर को सेना दोहराएगी। बता दें कि 1999 में लड़े गए इस युद्ध में 527 वीरों ने प्राणों की आहुति दी थी।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। भारतीय सेना की कर्मभूमि कारगिल में आज (बुधवार) से देशभक्ति सिर चढ़कर बोलेगी। कारगिल युद्ध के तीन दिवसीय रजत जयंती समारोह में सेना अपने बलिदानियों को नमन कर देश के लिए मर मिटने के अपने जज्बे को बल देगी। सेना कारगिल की चोटियों को दुश्मन से मुक्त कराने वाले वीरों की शौर्य गाथाओं को याद करेगी।
लाइट एंड साउंड शो से विपरीत हालात में चोटियों पर लड़े गए युद्ध के मंजर को सेना ताजा करेगी। द्रास में युद्ध के नायकों के साथ बलिदानियों के परिजन भी पहुंचे हुए हैं। युद्ध की कमान संभालने वाले पूर्व थलसेना अध्यक्ष जनरल बीपी मलिक भी कारगिल पहुंचे हुए हैं। भारत माता की जय व वीर जवान अमर रहे के नारों से द्रास गूंज रहा है।
भारतीय सेना के 527 वीरों ने दी थी प्राणों की आहुति
बता दें कि कारगिल की चोटियों को पाकिस्तानी सेना से वापस लेने के लिए वर्ष 1999 में लड़े युद्ध में भारतीय सेना के 527 वीरों ने प्राणों की आहुति दी थी। ऐसे माहौल में श्रीनगर से कारगिल के द्रास की 160 किलोमीटर की दूरी को दौड़ कर तय करने वाली सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल बर्षा राय ने कारगिल वार मेमोरियल पर सलामी दी।मुख्य समारोह बुधवार को फूलों से सजाए कारगिल वार मेमोरियल में बलिदानियों को श्रद्धांजलि देने के साथ शुरू हुआ। बुधवार सुबह सेना के हेलीकाप्टर ने वार मेमोरियल पर पुष्प वर्षा की। उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार हिस्सा लिया। पूर्व थलसेना अध्यक्ष जनरल वीपी मलिक ने कहा है कि समारोह में इस बार बहुत अधिक संख्या में बलिदानियों के परिजन व पूर्व सैनिक आ रहे हैं।
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