Kargil Vijay Diwas 2024: कठिन रास्ते, 216 KM लंबा सफर, मुश्किलों के बाद भी महिला बाइकर्स ने सियाचिन-कारगिल में बलिदानियों को दी श्रद्धांजलि
Kargil Vijay Diwas 2024 महिला बाइकर्स ने बुलंद हौसले के साथ कठिन सफर तय किया। उन्होंने 216 किलोमीटर खतरनाक सफर तय करके सियाचिन बेस कैंप और कारगिल वॉर मेमोरियल में बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। रास्ते में कई मुश्किलें भी आईं लेकिन उन्होंने हर मुश्किल से पार पा लिया। महिला शक्ति की इस अदम्य साहस को देखकर हर कोई हैरान रह गए।
विकास अबरोल, जम्मू। Kargil Vijay Diwas 2024: बुलंद हौसला, जोश और हर तूफान से टकरा जाने के जज्बे और जुनून के साथ जम्मू से सियाचिन तक का सफर उन बलिदानी जवानों के नाम समर्पित है जो देश के लिए अपनी जान तक देने में सीना तान के खड़े रहे। ऐसे वीर बलिदानियों को शत-शत नमन है, जिन्होंने मां भारती और तिरंगे की आन, बान और शान के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान कर दिया।
ये शब्द उन महिला बाइकर्स के हैं, जो पहाड़ियों के खतरनाक रास्ते, दर्रे और विश्व के सबसे ऊंचे खरदुगलां पास को पार कर वीरवार शाम को लेह से कारगिल पहुंची हैं। इस कठिन और चुनौतीपूर्ण बाइक रैली के दौरान रास्ते में कईं मुश्किलें भी आईं, लेकिन इन महिला बाइकर्स के बुलंद हौसलों के समक्ष बौनी साबित हुई।
हर साल आएंगी महिला बाइकर्स
कारगिल वार मेमोरियल में जब इन महिला बाइकर्स ने बलिदानी जवानों को पुष्प अर्पित करते हुए तिरंगे को सलामी दी जो कुछ पल के लिए उनकी आंखें भी भीग गईं, लेकिन अगले ही पल सभी ने शपथ ली की अब हर वर्ष वे भारत माता के इन वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देने आती रहेंगी।
आपरेशन विजय और मेघदूत में हुए थे बलिदान
शक्ति उद्घोष फाउंडेशन संस्था की संस्थापक डॉ. प्रीति चौधरी, जो 15 निडर महिला बाइकर्स का नेतृत्व कर रही हैं। उन्होंने जागरण संवाददाता से बात करते हुए कहा कि हमेशा से समझा जाता रहा है कि पुरुष बाइकर्स की इस दुगर्म रूट पर आ सकते हैं लेकिन हम महिलाएं भी पुरुषों से कम नहीं हैं।
यही वजह है कि हमने इस बार देश के महान वीरों जो आपरेशन विजय और आज से 40 वर्ष पूर्व आपरेशन मेघदूत में देश के लिए बलिदानी हो गए थे, को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आए हैं। इस सफर के दौरान महिला बाइकर्स में अटूट ताकत और दृढं संकल्प का भी जज्बा पैदा हुआ है जो हम सभी के जीवन में भविष्य में काफी काम आएगा।
जम्मू से सियाचिन का सफर
महिला बाइकर्स ने बुधवार शाम को सियाचिन बेस कैंप और ओपी बाबा मंदिर में पहुंचकर बलिदानों को तिरंगा फहराकर श्रद्धांजलि अर्पित की। वीरवार सुबह 9 बजे 15 महिला बाइकर्स 216 किलोमीटर का सफर तय कर लेह से कारगिल पहुंची।
जहां इन्होंने देश के लिए बलिदान होने वाले शहीदों की स्मृति में बनाए गए कारगिल वार मेमोरियल में श्रद्धासुमन अर्पित किए और भारत की इस महान भूमि को नमन कर स्वयं को भाग्यशाली और गौरवांवित महसूस किया।
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10 दिनों में 1765 किलोमीटर का सफर तय
प्रीति चौधरी ने बताया कि 26 जुलाई की सुबह बाइकर्स का दल 202 किलोमीटर का सफर तय कर कारगिल से श्रीनगर पहुंचेगा या फिर सोनामर्ग में पड़ाव डालेगा। इसके उपरांत अगली सुबह दल 244 किलोमीटर का सफर तक जम्मू लौटेगा। कुल मिलाकर इस 10 दिनों में कुल 1765 किलोमीटर के करीब सफर बाइकर्स तय करेंगी।
चौधरी ने बताया कि अभी तक यह अभियान पूरी तरह से सफल रहा है। एक बाइक थोड़ी खराब हो गई थी जिसका तुरंत समाधान कर दिया गया और दो महिला बाइकर्स की तबीयत कुछ पल के लिए खराब हो गई थी जो अब स्वस्थ हैं। कहीं भी उन्हें किसी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा है।
15 सदस्यीय दल में शामिल महिला बाइकर्स में से अधिकतर विश्वविद्यायल एवं कालेजों में पढ़ने वाली छात्राएं हैं जबकि कुछ पेशे से वकील और डॉक्टर हैं। दल में मेरे साथ 12 वर्षीय नंदिनी सिंह भी हैं जिसने मेरी बाइक में पीछे की सीट पर बैठकर पूरे सफर का आनंद उठाया है।
15 सदस्यीय दल में 12 बाइकर्स जम्मू से हैं जबकि तीन बाइकर्स तमिलनाडु की 21 वर्षीय इंदु वल्लभनेनी, बिहार से 29 वर्षीय ज्योति शर्मा और दिल्ली की 38 वर्षीय शिवानी गौरान प्रमुख हैं।
- 18 जुलाई - पहला दिन - बलिदान स्तम्भ जम्मू से श्रीनगर के लिए दल सुबह 9 बजे रवाना हुआ - 244 किलोमीटर की दूरी तय की
- 19 जुलाई - दूसरा दिन - श्रीनगर से कारगिल - 202 किलोमीटर की दूरी तय की
- 20 जुलाई - तीसरा दिन - कारगिल से लेह - 216 किलोमीटर की दूरी तय की
- 21 जुलाई - चौथा दिन - लेह में विश्राम
- 22 जुलाई - पांचवां दिन - लेह से डिसकिट-पनामिक - 142 किलोमीटर की दूरी तय की
- 23 जुलाई - छठा दिन - पनामिक से एसबीसी और फिर हुंडर में वापसी : 180 किलोमीटर की दूरी तय की
- 24 जुलाई - सातवां दिन - हुंडर से लेह - 119 किलोमीटर की दूरी तय की
- 25 जुलाई - आठवां दिन - लेह से कारगिल - 216 किलोमीटर की दूरी तय की
- 26 जुलाई - नौवां दिन - कारगिल से श्रीनगर - 202 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे
- 27 जुलाई - 10वां दिन - श्रीनगर से जम्मू - 244 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे
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