Terror Attack: पढ़े-लिखे युवाओं को आतंकी बना रहा कश्मीर टाइगर्स, डेढ़ साल तक नहीं थी कोई भनक; अब सेना के लिए बनी बड़ी चुनौती
कश्मीर टाइगर्स नामक संगठन इन दिनों जम्मू-कश्मीर में चर्चाओं का विषय हुआ है। मई से डोडा और कठुआ में हुए आतंकी हमलों की कश्मीर टाइगर्स ने जिम्मेदारी ली है। इस संगठन की शुरूआत में सुरक्षा एजेंसियां इसके अस्तित्व को लेकर इंकार करती रहीं लेकिन अब ये संगठन सुरक्षाबलों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। कश्मीर में पहला कमांडर मुफ्ती अल्ताफ जो दिसंबर 2021 में मुठभेड़ में मारा गया।
नवीन नवाज, जम्मू। डोडा के देस्सा में आतंकी हमले में एक कैप्टन समेत चार सैन्यकर्मियों के वीरगति को प्राप्त होने के बाद कश्मीर टाइगर्स नामक संगठन एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। वर्ष 2020 में गठित यह आतंकी संगठन भी पीपुल्स एंटी फासिस्ट फोर्स (फासिस्ट फ्रंट , पीएएफएफ) की तरह ही जैश-ए-मोहम्मद का एक हिट स्क्वाड है जो पहले सिर्फ दक्षिण कश्मीर और मध्य कश्मीर में ही सक्रिय था।
कश्मीर में मौजूदा समय में इसकी कमान संभाल रहे आतंकी को सुरक्षा एजेंसियां चिह्नित करने का प्रयास कर रही है, लेकिन उनके हाथ कोई सुराग नहीं लग रहा है। अलबत्ता, इसका कश्मीर में पहला कमांडर मुफ्ती अल्ताफ था जो दिसंबर 2021 में एक मुठभेड़ में मारा जा चुका है।
कश्मीर टाइगर्स ने ली थी डोडा और कठुआ हमले की जिम्मेदारी
विगत मई से डोडा और कठुआ में सुरक्षाबलों पर हुए आतंकी हमलों की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स ने ही ली है। गत वर्ष नवंबर में अखनूर में एक नाके के पास हुए संदिग्ध बम विस्फोट की जिम्मेदारी भी इसी संगठन ने ली थी। इस संगठन के कश्मीर में बीते चार वर्ष में अब तक छह से आठ स्थानीय आतंकी मारे जा चुके हैं।सुरक्षा एजेंसियां नकारती रहीं कश्मीर टाइगर्स की उपस्थिति
कश्मीर टाइगर्स में जैश-ए-मोहम्मद ने पहले सिर्फ स्थानीय आतंकियों को भर्ती कर उनकी गतिविधियां टारगेट किलिंग और बम धमाकों तक सीमित रखी। इसके साथ ही इंटरनेट मीडिया पर इस संगठन के बयान जारी होते थे। पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियां इसकी उपस्थिति लगभग डेढ़ वर्ष तक नकारती रही।
दिसंबर 2021 में दर्ज किया गया पहला मामला
दिसंबर 2021 में पहली बार इसकी उपस्थिति को दर्ज किया गया। वहीं, सुरक्षा बलों की एक बस पर हुए हमले के बाद इसकी उपस्थिति को अधिकारिक तौर पर स्वीकारा गया। शुरुआत में कश्मीर में इस संगठन की कमान मुफ्ती अल्ताफ उर्फ अबु जार ने संभाली थी। वह दक्षिण कश्मीर में पीरपोरा नाठीपोरा का रहने वाला था। वह अगस्त 2020 में घर से लापता हुआ था।मुफ्ती अल्ताफ बेरीनाग मदरसे का था संचालक
कश्मीर टाइगर्स में सक्रिय होने से पहले मुफ्ती अल्ताफ बेरीनाग में एक मदरसे का संचालक था, जहां वह बच्चों को इस्लाम की तालीम देने के साथ-साथ उनमें हिंदुस्तान और गैर मुस्लिमों के प्रति जहर भरता था। उसने कश्मीर टाइगर्स की कमान संभालने के बाद उसने सवा चार मिनट का एक वीडियो जारी कर कश्मीरियों को कश्मीर में जिहाद और इस्लाम की दुहाई देतेकिसी भी गैर कश्मीरी को अपनी जमीन मकान इत्यादि ना बेचने का फरमान सुनाया था।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।