पाकिस्तानी एजेंडे को कश्मीरियों ने दिखाया आइना, कश्मीर सालिडेरिटी डे' को ठेंगा दिखाकर युवाओं ने लहराये तिरंगे
पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर में बदलाव के बाद से यहां पाकिस्तान के एजेंडे हवा हो गए हैं। उसके एजेंडे सालिडेरिटी डे को धता बताते हुए रविवार को पूरे कश्मीर में तिरंगों की बयार रही। जिंदगी सामान्य रूप से चली। पर्यटन स्थलों पर भीड़ रही।
By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Sun, 05 Feb 2023 11:06 PM (IST)
जम्मू, विवेक सिंह। कश्मीर के मुद्दे पर पूरी दुनिया में मजाक बने पाकिस्तान को कश्मीर की जनता ने फिर आइना दिखाया है। कश्मीरियों ने पाकिस्तान के 'कश्मीर सालिडेरिटी डे' को न सिर्फ ठेंगा दिखाया, बल्कि हाथों में तिरंगे लेकर अपनी खुशहाली का संदेश भी दिया। कश्मीर के युवाओं ने कहा है कि वह पाकिस्तान के ऐसे किसी झांसों में नहीं पड़ते बल्कि इन्हें भुला देते हैं।
पाकिस्तान के इशारे पर कभी इस दिन कश्मीर में होते थे प्रदर्शन व धरने
कश्मीर सालिडेरिटी डे की शुरुआत 1990 में जमाते इस्लामी पाकिस्तान ने वहां की सरकार के समर्थन से की थी। इसका मकसद भारत विरोधी एजेंडे को हवा देना था। तब पाकिस्तान के आह्वान पर घाटी में कश्मीर एकजुटता दिवस पर धरने, प्रदर्शन, पाकिस्तान के झंडे लहराए जाते थे। लेकिन आज लाल चौक समेत पूरे जम्मू कश्मीर में तिरंगे फहराये जा रहे हैं।
पाकिस्तान के एजेंडे हो गए हैं हवा
पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर में बदलाव के बाद से यहां पाकिस्तान के एजेंडे हवा हो गए हैं। उसके एजेंडे सालिडेरिटी डे को धता बताते हुए रविवार को पूरे कश्मीर में तिरंगों की बयार रही। जिंदगी सामान्य रूप से चली। पर्यटन स्थलों पर भीड़ रही। श्रीनगर का संडे बाजार गुलजार रहा। इस दौरान लोगों को यह तक याद नहीं था कि कभी पांच फरवरी के दिन हालात खराब होते थे। यही तो नया कश्मीर है। यहां अब पथराव का नामोनिशान नहीं है।ददसारा के सरपंच अल्ताफ ठाकुर का कहना
आतंक का गढ़ रहे पुलवामा जिले के त्राल के ददसारा के सरपंच अल्ताफ ठाकुर का कहना है कि कश्मीर के लोगों ने बुरे दिन भुला दिए हैं। आज पुलवामा जिले के कई जगहों पर तिरंगे लहरा रहे हैं। वर्ष 2016 में मारा गया आतंकी वुरहान वानी त्राल के ही ददसारा गांव का था। कश्मीर के लोगों ने देशविरोधी तत्वों को उनकी औकात दिखा दी है। श्रीनगर के बशारत हुसैन का कहना है कि अब 26 जनवरी कश्मीर में एक त्योहार है। पहले माना जाता था कि यहां तिरंगा नहीं लहराया जा सकता है। बेहतर हालात में ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी तिरंगा फहरा सके हैं।
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