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Jammu Terror Attack: कठुआ में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़, दो दहशगर्द ढेर

Kathua and Kishtwar Terror Attack जम्मू-कश्मीर में पहले चरण के लिए 18 सितंबर को विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में आतंकी वारदातों को देखते हुए सुरक्षाबल चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं। इसी कढ़ी में आज किश्तवाड़ में जंगलों में तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई। इस बीच मुठभेड़ में सेना के चार जवान घायल हो गए हैं।

By Agency Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 13 Sep 2024 08:59 PM (IST)
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Jammu Terror Attack: कठुआ में सेना ने दो आतंकियों को किया ढेर (सेना एक्स हैंडल)

एएनआई, श्रीनगर। Jammu Kashmir News:  जम्मू संभाग के कठुआ में भी सुरक्षाकर्मियों और जवानों के बीच मुठभेड़ हुई। इस हमले में जवानों ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया। भारतीय सेना की ट्रूप्स राइजिंग स्टार कोर के जवानों ने कठुआ के खंडारा में चल रहे ऑपरेशन में दो आतंकवादियों को मार गिराया।

ट्रूप्स राइजिंग स्टार कोर के आधिकारिक ट्वीट के अनुसार, सर्च ऑपरेशन के दौरान दो आतंकियों को सेना के जवानों ने मार गिराया है। उनके पास से बड़ी मात्रा में हथियार का जखीरा बरामद हुआ है। इलाके में अभी भी ऑपरेशन जारी है।

वहीं, दूसरी ओर जम्म-कश्मीर के किश्तवाड़ में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में सेना के चार जवान घायल हो गए हैं। जिनमें उपचार के समय दो जवान बलिदान हो गए।

18 सितंबर को होगा मतदान

ज्ञात हो कि चिनाब घाटी क्षेत्र के डोडा, किश्तवाड़ और रामबन जिलों में फैले आठ विधानसभा क्षेत्रों के साथ-साथ दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जिलों की 16 सीटों पर पहले चरण में 18 सितंबर को मतदान होने जा रहा है।

जम्मू, कठुआ और सांबा जिले 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर चुनाव के दूसरे और तीसरे चरण में मतदान होगा। जम्मू संभाग के पहाड़ी जिलों पुंछ, राजौरी, डोडा, कठुआ, रियासी और उधमपुर में पिछले दो महीनों के दौरान सेना, सुरक्षा बलों और नागरिकों के खिलाफ आतंकवादी घात लगाकर हमले हुए हैं।

4 हजार से अधिक प्रशिक्षित सैनिक करेंगे निगरानी

इन हमलों के लिए 40 से 50 की संख्या में कट्टर विदेशी आतंकवादियों के एक समूह के जिम्मेदार होने की रिपोर्ट के बाद  सेना ने उन जिलों के घने जंगलों में कुलीन पैरा कमांडो और पर्वतीय युद्ध में प्रशिक्षित 4,000 से अधिक प्रशिक्षित सैनिकों को तैनात किए हैं।

सेना और सीआरपीएफ की तैनाती के साथ-साथ स्थानीय निवासियों द्वारा प्रबंधित ग्राम रक्षा समितियों (वीडीसी) को मजबूत करने से आतंकवादियों को इस तरह के हमलों को अंजाम देने के लिए आश्चर्य के तत्व का उपयोग करने से वंचित कर दिया गया है।

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