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katra, Vaishno Devi की प्राकृतिक गुफा से लगातार दूसरे दिन भी मिला दर्शन का मौका

वैष्णो देवी की प्राकृतिक गुफा रविवार को लगातार दूसरे दिन भी श्रद्धालुओं के लिए खोली गई। इस दौरान एक हजार श्रद्धालुओं को इस गुफा से दर्शन किए। जब भी श्रद्धालुओं की संख्या दस हजार से कम होती है तो प्राचीन गुफा को दर्शन के लिए खोल दिया जाता है

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Mon, 16 Jan 2023 03:51 PM (IST)
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लगातार दूसरे दिन श्रद्धालुओं के लिए खोली गई प्राकृतिक गुफा

संवाद सहयोगी, कटड़ा: वैष्णो देवी की प्राकृतिक गुफा रविवार को लगातार दूसरे दिन भी श्रद्धालुओं के लिए खोली गई। हालांकि इस गुफा को सिर्फ दो घंटे के लिए 11 बजे से दोपहर एक बजे तक ही खोला गया और इस दौरान एक हजार श्रद्धालुओं को इस गुफा से दर्शन किए। जैसे ही भवन पर श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी, फिर प्राकृतिक गुफा से दर्शन बंद कर दिया गया।

14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन हर साल प्राकृतिक गुफा को विशेष पूजन करने के बाद खोला जाता है। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड प्रशासन ने परंपरा के मुताबिक मकर संक्रांति पर 14 जनवरी को प्राचीन गुफा को खोला और दो घंटे तक श्रद्धालुओं को इससे दर्शन की अनुमति दी गई। ठीक उसी तरह 15 जनवरी रविवार को भी दो घंटे के लिए इस गुफा से दर्शन करने दिया गया।

श्रद्धालुओं की संख्या कम होने पर खोली जाती है गुफा 

अगर रात्रियों की संख्या में आगे भी गिरावट बनी रही तो श्रद्धालुओं को प्राचीन गुफा से दर्शन करने का मौका बीच-बीच में मिलता रहेगा। जब भी श्रद्धालुओं की संख्या दस हजार से कम हो जाती है तो प्राचीन गुफा को दर्शन के लिए खोल दिया जाता है। मकर संक्रांति के बाद पूरे जनवरी में ऐसे कई मौके आते हैं। जब श्रद्धालुओं की संख्या दस हजार तक सिमट जाती है।

ऐसी स्थिति में श्रद्धालुओं को प्राकृतिक गुफा से दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है। दूसरी ओर मां वैष्णो देवी का दर्शन करने के बाद श्रद्धालु रोपवे में सवार होकर भैरव घाटी पहुंचकर भैरवनाथ के चरणों में भी हाजिरी लगा रहे हैं। त्रिकूटा पर्वत की चोटियों पर हुए हिमपात का भी श्रद्धालु आनंद ले रहे हैं।

इन खूबसूरत पलों को मोबाइल और कैमरे में कैद कर रहे हैं। बता दें कि 14 जनवरी को करीब 25 हजार श्रद्धालुओं ने मां वैष्णो देवी के चरणों में हाजिरी लगाई थी। वहीं 15 जनवरी यानी कि रविवार शाम 4:00 बजे तक करीब 15 हजार श्रद्धालु भवन की ओर रवाना हो चुके थे और श्रद्धालुओं का लगातार आना जारी था।