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Ladakh Khubani Fruit: लद्दाख के किसानों में खुशहाली ला रहा खुबानी फल, हर साल होती है 16 हजार टन की पैदावार

लद्दाख में हर साल 16 हजार टन खुबानी की पैदावार होती है। इनमें से करीब आधी खुबानी ही अच्छी क्वालिटी की है। मिठास के लिए मशहूर लद्दाख की खुबानी को देश के विभिन्न बाजारों में बेच कर क्षेत्र की किसान दोगुनी कमाई कर रहे हैं। पहले जो खुबानी 75 से 100 रुपये किलो तक बिकती थी अब किसानों को 150 रुपये से भी अधिक मिल रहे हैं।

By vivek singhEdited By: Rajat MouryaUpdated: Mon, 21 Aug 2023 07:25 PM (IST)
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लद्दाख में किसान बाग में तोड़े गए खुबानी फल चुनते हुए। जागरण
जम्मू, राज्य ब्यूरो। Ladakh Khubani Fruit केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में खुबानी फल किसानों के जीवन में खुशहाली ला रहा है। लद्दाख की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में खुबानी अब किसी भी हाल में कश्मीर के केसर से पीछे नहीं हैं। इस समय लद्दाखी पुरुष बागों से खुबानी फल को तोड़ कर देश के विभिन्न बाजारों तक पंहुचाने की दिशा में काम कर रहे हैं। वहीं, महिलाएं धूप में खुबानी को सुखा कर इसे बिक्री के लिए तैयार कर रही हैं।

बता दें कि सुखाई गई खुबानी से निकले बादाम भी व्यर्थ नहीं जाएंगे। इनकी गिरी से निकाले जाने वाला तेल भी बाजार में बेचा जाएगा। ऐसे में सितंबर महीने तक खुबानी का फल लद्दाख के किसान परिवारों को व्यस्त रखेगा। लद्दाख में खुबानी फल का सीजन करीब चालीस दिन का होता है। ऐसे में फल के पकने के बाद पांच दिन के बाद यह खराब होने लगता है।

प्रोसेसिंग और कोल्ड स्टोरेज पर बढ़ावा

इस समय लद्दाख में इस फल की प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने के साथ कोल्ड स्टोरेज बनाने और कोल्ड चैन बरकरार रखने वाले वाहनों की बिक्री को बढ़ावा दिया जा रहा है। लद्दाख बागवानी विभाग के निदेशक सिवांग फुंत्सोग ने जागरण को बताया कि अगस्त महीने में अब तक लद्दाख के लेह व कारगिल जिलों से से देश के विभिन्न बाजारों तक 50 मीट्रिक टन से अधिक ताजी खुबानी पहुंचाई गई है। खुबानी को देश के विभिन्न हिस्सों में भेजने का सिलसिला अभी चलेगा।

हर साल होती है इतनी पैदावार

लद्दाख में हर साल 16 हजार टन खुबानी की पैदावार होती है। इनमें से करीब आधी खुबानी ही अच्छी क्वालिटी की है। मिठास के लिए मशहूर लद्दाख की खुबानी को देश के विभिन्न बाजारों में बेच कर क्षेत्र की किसान दोगुनी कमाई कर रहे हैं। पहले जो खुबानी 75 से 100 रुपये किलो तक बिकती थी, अब किसानों को 150 रुपये से भी अधिक मिल रहे हैं। खुबानी की हलमन किस्म उगाने वाले किसान खूब कमाई कर रहे हैं। उनकी खुबानी देश के बाजारों में 400 रुपये प्रति किलो तक भी बिकती है। वहीं रक्तसे कारपो किस्म की खुबानी को जियो टैग भी मिल चुका है।

क्या बोले खुबानी उगाने वाले किसान?

लेह में खुबानी फल पैदा करने वाले किसान ताशी का कहना है कि हम समूह बनाकर खुबानी को लद्दाख से बाहर बेचने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस समय सरकार सड़क व विमान से खुबानी को देश के अन्य हिस्सों में भेजने के लिए सब्सिडी भी दे रही है। लद्दाख प्रशासन खुबानी फल की पैकेजिंग, प्रोसेसिंग यूनिटों को बढ़ावा दे रहा है। पिछले चार सालों में खुबानी को लद्दाख से बाहर ले जाकर बेचना आसान हो गया है। इसके साथ सुखाई गई खुबानी भी बेची जाती है।

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