जम्मू-कश्मीर के लिए गर्व की बात, सात वीरों को राष्ट्रपति ने दिया कीर्ति और शौर्य चक्र; यहां देखें पूरी लिस्ट
Jammu Kashmir News नई दिल्ली में शुक्रवार को रक्षा अलंकरण समारोह-2024 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सेना में पैरा कमांडा अब्दुल माजिद को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। जम्मू कश्मीर के लिए गर्व की बात है। राष्ट्रपति ने जम्मू कश्मीर के सात वीरों को कीर्ति और शौर्य चक्र दिया है। जवानों को उनकी वीरता के लिए ये पुरुस्कार दिए गए।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को नई दिल्ली में रक्षा अलंकरण समारोह-2024 (चरण-1) में आतंकवाद से लोहा लेने वाले जम्मू-कश्मीर के सात शूरवीरों को कीर्ति व शौर्य चक्र से सम्मानित किया। इनमें पुंछ के रहने वाले सेना में पैरा कमांडो अब्दुल माजिद को मरणोपरांत कीर्ति चक्र व जम्मू-कश्मीर पुलिस के सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल सैफुल्ला कादरी को मरणोपरांत शौर्य चक्र उनके स्वजन ने प्राप्त किया।
इनके अलावा रियासी जिला के रहने वाले एसपी मोहन लाल शर्मा, सब इंस्पेक्टर अमित रैना, सब इंस्पेक्टर फिरोज अहमद डार, कठुआ के निवासी सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल वरुण सिंह और राजौरी के ग्राम सुरक्षा ग्रुप (वीडीजी) सदस्य पुरुषोत्तम लाल ने शौर्य चक्र हासिल किया।
अब्दुल माजिद
पुंछ के रहने वाले हवालदार अब्दुल माजिद सेना की पैराछूट रेजिमेंट की नौवीं वाहिनी में तैनात थे। वह उस दस्ते में शामिल थे जो 22 नवंबर 2023 को राजौरी के कालाकोट में छिपे पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराने के लिए निकला था। घेराबंदी में लश्कर के दो पाकिस्तानी आतंकी फंसे हुए थे।यह भी पढ़ें: Jammu Kashmir News: रणदीप कुमार बने राजौरी के एसएसपी, कई आतंकरोधी अभियानों में ले चुके हैं भाग
उन्हें मार गिराने के अभियान के दौरान सेना के दो कैप्टन बलिदान हो चुके थे। दो जवान भी जख्मी हो गए थे। अब्दुल माजिद भी आतंकियों की गोली लगने से जख्मी होकर वहीं मुठभेड़स्थल पर गिर गए थे, लेकिन माजिद ने आतंकी की गोली का जवाब देते हुए न सिर्फ अपने अन्य साथियों को बचाया बल्कि एक आतंकी को भी मार गिराया। माजिद ने अंतिम सांस तक आतंकियों का मुकाबला किया। इस मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए थे।
मोहन लाल
14 जून, 2022 को श्रीनगर पुलिस को सूचना मिली थी श्री अमरनाथ यात्रा पर हमले के लिए दो आत्मघाती आतंकी परिंपोरा के पास छिपे हुए हैं। श्रीनगर में पुलिस के आतंकरोधी दस्ते में डीएसपी मोहन लाल (अब एसपी) के नेतृत्व में एक पुलिस दल ने हाईवे पर नाका लगाया। आतंकी जैसे ही अपने ठिकाने से निकल हाईवे पर पहुंचे नाका पार्टी ने उन्हें देख लिया। आतंकियों ने नाका पार्टी पर फायरिंग करते हुए निकटवर्ती अस्पताल की तरफ भागने का प्रयास किया। मोहन लाल ने अपने दस्ते के साथ आतंकियों का पीछा किया।
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आतंकियों ने उन पर ग्रेनेड फेंका और अंधांधुध गोलीबारी की। इसमें मोहन लाल और उनका एक साथी जख्मी हो गए, लेकिन मोहन लाल ने अपने जख्मों की परवाह किए बिना पहले अपने घायल साथी को वहां से निकाला। आतंकियों का मकसद किसी तरह अस्पताल में पहुंचकर वहां लोगों को बंधक बनाने का था।
मोहन लाल इसे भांप गए और उन्होंने आतंकियों की फायरिंग की परवाह किए बिना एक आतंकी को बिल्कुल नजदीक जाकर मार गिराया और दूसरे को जख्मी कर दिया। बाद में दूसरा आतंकी भी मारा गया। मारे गए आतंकियों में लश्कर का पाकिस्तानी आतंकी राही भाई उर्फ अब्दुल्ला गोजरी और अनंतनाग का रहने वाला आदिल हुसैन मीर था। गोजरी पर 10 लाख और आदिल पर सात लाख का इनाम था। रियासी के निवासी मोहन लाल शर्मा को पहले भी कई पुरस्कार मिल चुके हैं।
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