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Kashmir: कुलगाम के शख्स का एप्पल ने माना लोहा, आतंक के गढ़ से निकला दुनिया को साइबर हमलों से बचाने वाला सितारा

दक्षिण कश्मीर का कुलगाम आतंकी घटनाओं के लिए नहीं बल्कि अब एक होनहार युवा मुनीब अमीन बट की काबिलियत से है। मुनीब को एप्पल इंक ने अपने हॉल ऑफ फेम में शामिल किया है। मुनीब ने एप्पल की प्रौद्योगिकी में उन कमियों का पता लगाया जिनके माध्यम से कोई भी एप्पल व उपभोक्ताओं के आई क्लाउड डेटा में सेंध लगा सकता है।

By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Thu, 05 Oct 2023 09:55 AM (IST)
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कुलगाम के शख्स को एप्पल इंक ने अपने हॉल ऑफ फेम में शामिल किया है।
 नवीन नवाज, श्रीनगर। Kulgam's Muneeb get Apple 'Hall of Fame': दक्षिण कश्मीर का कुलगाम अक्सर आतंकी वारदातों और आतंकियों को नायक मानने वाले तत्वों के कारण सुर्खियों में रहता था। अब फिर से सुर्खियों में हैं, लेकिन अब किसी आतंकी गतिविधियों के कारण नहीं बल्कि एक होनहार युवा मुनीब अमीन बट की काबिलियत से है। मुनीब को एप्पल इंक ने अपने हॉल ऑफ फेम में शामिल किया है।

मुनीब ने पता लगाईं एप्पल की आई क्लाउड डेटा की कमियां

मुनीब ने एप्पल की प्रौद्योगिकी में उन कमियों का पता लगाया जिनके माध्यम से कोई भी एप्पल व उपभोक्ताओं के आई क्लाउड डेटा में सेंध लगा सकता है। डेटा में व्यक्तिगत तस्वीरें, वीडियो, पीडीएफ फाइलें, प्रेजेंटेशन फाइलें, साथ ही उपयोगकर्ता के नाम और ईमेल पते शामिल हैं। प्रारंभ में, उन्हें लगभग 50,000 उपयोगकर्ताओं का डेटा मिला है।

बदलते कश्मीर में युवा लिख रहे नए कश्मीर की इबारत

21 वर्षीय मुनीब की कामयाबी बदलते कुलगाम का एलान है, क्योंकि वह उसी जंगालपोरा का रहने वाला है जहां करीब 18 साल पहले आतंकी बादशाह खान के जनाजे में लगभग 50 हजार लोगों की भीड़ जमा हुई थी। जंगालपोरा के ग्रामीणों ने अक्टूबर 2015 में पाक आतंकी अबु कासिम के मारे जाने के बाद उसके शव पर हक जताया था।

वर्ष 2014 से 2019 तक कुलगाम में मारे गए आतकियों के जनाजे के पास खड़े हो हवा में गोलियां दागते आतंकी और जिहादी नारे लगाती भीड़ नजर आती थी, लेकिन अब बदलते कश्मीर में युवा वर्ग जिहादियों के बहकावे में न आकर कंप्यूटर व लैपटाप के जरिए नए कश्मीर की इबारत लिख रहे हैं।

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क्या कहा मुनीब ने?

मुनीब ने बताया कि गूगल, एप्पल, फेसबुक समेत कई नामी कंपनियां हैकिंग के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को अपने सिस्टम की खामियों, कमजोरियों का पता लगाने के लिए जिम्मा सौंपती हैं। अगर किसी खामी-कमजोरी का पता चलता है तो उसे जब प्रमाणिक रूप में प्रमाणित किया जाता है तो न सिर्फ संबंधित को इनाम मिलता है बल्कि उसे वह कंपनी अपने हॉल ऑफ फेम में शामिल करती हैं।

एथिकल हैकिंग कई कंपनियों के कामकाज का एक हिस्सा बन गई हैं। टेस्ला जैसी कंपनी भी इनमें एक है जो अपने सिस्टम की कमजोरियों का पता लगाने और जिम्मेदारी से खुलासा करने के लिए हैकर्स प्रोत्साहित करती हैं।

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