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Ladakh Sindhu Darshan 2021: कोरोना से उपजे हालात में लद्दाख में सिंधु दर्शन यात्रा टली

हर वर्ष जून महीनों में होने वाली सिंधु दर्शन यात्रा लद्दाख की समृद्ध संस्कृति के साथ क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा देती है। देश विदेश से आने वाले श्रद्धालु करीब दस दिन तक लद्दाख के लेह में रुकने के साथ सिंधु घाट पर पूजा अर्चन करते हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Fri, 14 May 2021 01:56 PM (IST)
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ऐसे में प्रशासन की ओर से यात्रा को बेहतर बनाने की दिशा में भी लगातार कार्य हाे रहा है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी के चलते जून महीने में होने वाली सिंधु दर्शन यात्रा को टाल दिया गया है। सिंधु दर्शन यात्रा महोत्सव लेह में 19 जून से 27 जून तक चलना था। इस बार यात्रा के पच्चीस साल होने पर प्रथम सिन्धु महाकुंभ के आयोजन की तैयारी थी।

सिंधु दर्शन यात्रा समिति के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार के कोरोना से उपजे हालात में यात्रा को स्थगित करने के फैसले के बाद शुक्रवार को लद्दाख प्रशासन ने भी इस र्वाषिक यात्रा को टालने की घोषणा कर दी। लद्दाख पर्यटन विभाग के सचिव महबूब खान ने कहा कि फिलहाल यात्रा के लिए हालात उचित नही हैं। आयोजक व प्रशासन चाहता है कि इस समय यात्रा का आयोजन न हो, ऐसे स्थिति में हालात सामान्य होने तक सिंधु दर्शन यात्रा को स्थगित रखने का फैसला किया गया है।

सिंधु दर्शन यात्रा के आयोजन को लेकर लेह में बड़े पैमाने पर तैयारियां शुरू हो गई थी। इस संबंध में गत दिनों लद्दाख पर्यटन विभाग के सचिव महबूब खान ने उच्च स्तरीय बैठक में लेह में सिंधु दर्शन महोत्सव को कामयाब बनाने के लिए जिम्मेवारियां दी थी। ऐसे में 31 मई तक लेह के महोत्सव को कामयाब बनाने के लिए बिजली, पानी की व्यवस्था करने, स्थानीय बाजार लगाने, स्टाल स्थापित करने, बस पार्किंग की व्यवस्था, वीआईपी पार्किंग आदि बनाने की रणनीति तय की गई थी।

लद्दाख की संस्कृति, पर्यटन काे बढ़ावा देती है सिंधु दर्शन यात्रा

हर वर्ष जून महीनों में होने वाली सिंधु दर्शन यात्रा लद्दाख की समृद्ध संस्कृति के साथ क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा देती है। देश, विदेश से आने वाले श्रद्धालु करीब दस दिन तक लद्दाख के लेह में रुकने के साथ सिंधु घाट पर पूजा अर्चन करते हैं। यह यात्रा पिछले 24 सालों से चल रही है। ऐसे में प्रशासन की ओर से यात्रा को बेहतर बनाने की दिशा में भी लगातार कार्य हाे रहा है।

इस साल सिन्धु दर्शन तीर्थ यात्रा के 25 साल पूरे होने को रजत जयंती के रूप में मनाते हुए प्रथम सिन्धु महाकुंभ के आयोजन की तैयारी थी। ऐसे में महाकुंभ में 21 जून को निर्जला एकादशी के दिन व 24 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन लेह के सिंधु घाट में शाही स्नान की तैयारी थी। अब कोरोना से उपजे हालात सामान्य होने पर यात्रा के आयोजन पर फैसला होगा।

लद्दाख कल्याण संघ के सहयोग से पहली बार वर्ष 1997 में लेह में सिंधु दर्शन यात्रा का आयोजन किया गया था। इसमें पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी के साथ 67 लोग आए थे। वर्ष 2000 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने लेह में आकर सिंधु घाट का उद्घाटन किया था। 

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