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जम्मू-कश्मीर में भूमि अधिग्रहण अब ग्राम सभाओं की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकेगा

जम्मू-कश्मीर में भूमि अधिग्रहण अब ग्राम सभाओं की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकेगा। प्रदेश में केंद्रीय भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को जम्मू कश्मीर में प्रभावी बना जा रहा है। यह कानून गजट में प्रकाशित होने के 15 दिन बाद लागू होगा।

By Vikas AbrolEdited By: Updated: Sat, 25 Jun 2022 08:38 AM (IST)
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फिलहाल इसके प्रारूप और नियमों को जम्मू कश्मीर के राजस्व विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू-कश्मीर में भूमि अधिग्रहण अब ग्राम सभाओं की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकेगा। प्रदेश में केंद्रीय भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को जम्मू कश्मीर में प्रभावी बना जा रहा है। यह कानून गजट में प्रकाशित होने के 15 दिन बाद लागू होगा। फिलहाल इसके प्रारूप और नियमों को जम्मू कश्मीर के राजस्व विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। इस दौरान संबंधित पक्ष इस कानून पर अपने सुझाव और आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे।

यहां बता दें कि जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के बाद प्रदेश में ब्रिटिश काल से लागू भूमि अधिग्रहण और स्वामित्व कानूनों में तेजी से बदलाव लाया गया है और नए और पारदर्शी कानून लागू किए जा रहे हैं। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार इस कानून की धारा 109 और 112 के तहत मिले अधिकारों के तहत जम्मू कश्मीर सरकार ने कानून का मसौदा तैयार किया है। इससे पूर्व जम्मू कश्मीर में 1894 का भूमि अधिग्रहण कानून लागू था। हालांकि नए कानून 2005 के सेज कानून और रेलवे कानून 1989 पर लागू नहीं होंगे।

नए केंद्रीय भूमि अधिग्रहण कानून में ग्राम सभाओं को अतिरिक्त अधिकार दिए गए हैं। इसमें प्रविधान है कि ग्राम सभाओं की अनुमति के बिना अनुसूचित क्षेत्रों में भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जा सकता। साथ ही मुआवजा वितरण और पुनर्वास के लिए वैकल्पिक जगह दिए जाने तक किसी को बेदखल नहीं किया जा सकता।

इस कानून के तहत भूमि मालिकों को भी अधिकार दिए गए हैं कि भूमि अधिग्रहण से पहले असल मालिकों की अनुमति लेनी होगी। अगर सरकार लोगों के लिए विकास का ढांचा खड़ा करना चाहती है तो उसमें भूमि मालिकों से इजाजत की जरूरत नहीं है। इस कानून का फायदा यह होगा कि किसानों और भूमालिकों के साथ इंसाफ होगा। ड्राफ्ट के बाद सुझावों व आपत्तियों पर विचार करने के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। प्रवक्ता के अनुसार आपत्तियां या सुझाव जम्मू या श्रीनगर नागरिक सचिवालय में राजस्व विभाग के आयुक्त सचिव को भेजे जा सकते हैं या पीएसजेकेरेवन्यू17 एट द रेट जीमेल डाट काम पर भेज सकते हैं। 

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