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अब माता वैष्णो देवी भवन पर भी श्रद्धालुओं को परोसा जाएगा लंगर

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड जल्द ही इन भक्तों के लिए भवन में निशुल्क लंगर सुविधा शुरू करने जा रहा है। लंगर घर बनाने के लिए भवन के आसपास उचित भूमि की तलाश की जा रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Mon, 17 Dec 2018 04:44 PM (IST)
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अब माता वैष्णो देवी भवन पर भी श्रद्धालुओं को परोसा जाएगा लंगर
कटड़ा, राकेश शर्मा। श्री माता वैष्णो देवी का शुमार भारत के अमीर धार्मिक स्थलों में होता है। यहां देश से ही नहीं बल्कि विश्व भर से हजारों श्रद्धालु माता के दर्शनों को आते हैं। श्रद्धालुओं की यह संख्या सालाना 80 लाख से एक करोड़ के लगभग पहुंच जाती है। जल्द ही वैष्णो देवी भवन पर इन भक्तों को प्रसाद के रूप में निशुल्क भोजन मिलेगा। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड जल्द ही इन भक्तों के लिए भवन में निशुल्क लंगर सुविधा शुरू करने जा रहा है। लंगर घर बनाने के लिए भवन के आसपास उचित भूमि की तलाश की जा रही है।

दरअसल श्रद्धालुओं को अकसर यह बात खलती थी कि करोड़ों का सालाना चढ़ावा एकत्र करने वाला श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क लंगर की व्यवस्था भी नहीं कर पाया है। ऐसे तो बोर्ड के खोते में अनेक सराहनीय कार्य गिनवाए जा सकते हैं परंतु यह कड़वा सच है कि बोर्ड यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क भोजन का प्रबंध करने में विफल साबित हुआ है। श्री माता वैष्णो देवी पहुंचने वाले सैकड़ों श्रद्धालुओं में निम्न और मध्यम वर्ग के लोग भी शामिल होते हैं।

सरकार नियंत्रित धार्मिक स्थलों में होती है लंगर व्यवस्था

हिमाचल सरकार द्वारा नियंत्रित प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों जिनमें श्री माता चिंतपूर्णी न्यास, श्री माता नैयना देवी, माता ज्वाला जी आदि मंदिर न्यास के अलावा बाबा बालक नाथ मंदिर में देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए लंगर सुविधा है। इसके अलावा दक्षिण भारत में स्थित तिरुपति बाला जी न्यास में भी प्रतिदिन तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं को निशुल्क भोजन परोसा जाता है।

 

वर्षों से टी-सीरिज चला रहा निशुल्क लंगर

श्री माता वैष्णो देवी के पहले पड़ाव बाण गंगा पर प्रसिद्ध दिवंगत उद्योगपति तथा टी-सीरिज के मालिक गुलशन कुमार द्वारा वर्ष 1983 में शुरू किया गया लंगर आज भी श्रद्धालुओं को निशुल्क भोजन करा रहा है। यहां देशभर से आने वाले रोजाना हजारों श्रद्धालु निशुल्क भोजन प्रसाद ग्रहण कर यात्रा शुरू करते हैं। स्वर्गीय गुलशन कुमार की मृत्यु के बाद भी उनके परिजन यह लंगर नियमित रूप से चला रहे हैं। यहां श्रद्धालुओं को शुद्ध घी से बना भोजन परोसा जाता है।

स्थानीय लोगों ने भी बोर्ड के समक्ष रखी थी निशुल्क लंगर की मांग

स्थानीय लोग भी कई बार बोर्ड के समक्ष श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए निशुल्क लंगर सुविधा शुरू करने की मांग रख चुके हैं। उनका कहना था कि मां के दरबार में सालाना सैकड़ों करोड़ों रूपये का चढ़ावा चढ़ता है। ऐसे में बोर्ड को चाहिए कि वह भक्तों के लिए निशुल्क भोजन की सुविधा उपलब्ध कराए। हालांकि समय-समय पर स्थानीय लोगों की ओर से भी मां वैष्णो के भक्तों के लिए मुख्य बाजार या फिर बाण गंगा मार्ग पर लंगर आयोजित किया जाता है।

भोजनाय में भी भोजन में नहीं दी जाती कोई रियायत

श्री माता वैष्णो देवी आधार शिविर कटड़ा से लेकर यात्रा मार्ग पर बोर्ड द्वारा संचालित कई भोजनालय भी चल रहे हैं। यहां भी श्रद्धालुओं को भोजन में कोई रियायत नहीं दी जाती। सच तो यह है कि इन भाेजनालय के माध्यम से भी बोर्ड को करोड़ों रूपये की आमनदी होती है। श्रद्धालु ने यह मांग भी उठाई थी कि बोर्ड कम से कम इन भोजनालयों में ही रियायत दल पर भोजन उपलब्ध कराए ताकि निम्न एवं मध्यम वर्ग के लोगों पर यात्रा भार कुछ कम हो सके। अब जबकि बोर्ड भवन के आसपास निशुल्क लंगर सुविधा शुरू करने जा रहा है तो श्रद्धालुओं को इसका बेसब्री से इंतजार रहेगा।

  • विश्वभर से आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में निशुल्क भोजन मिले यह उनका हक है। जिस को लेकर प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। लंगर किस स्थान पर स्थापित किया जाएगा इसको लेकर वैष्णो देवी मंदिर के साथ ही भवन मार्ग पर उचित स्थान की तलाश की जा रही है। श्राइन बोर्ड की कोशिश है कि जल्द से जल्द श्रद्धालुओं को निशुल्क लंगर उपलब्ध हो। सिमरनदीप सिंह, सीईओ, श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड 
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