Reasi Bus Attack: लश्कर ने रची थी शिव खोड़ी श्रद्धालुओं पर हमले की साजिश? अमेरिकी हथियारों का हुआ इस्तेमाल
जम्मू के रियासी (Reasi Terror Attack) में शिवखोड़ी से लौट रहे श्रद्धालुओं पर हमले का षड्यंत्र लश्कर ए तैयबा ने रची थी। इस आतंकी हमले को पाकिस्तानी आतंकियों ने अंजाम दिया। आतंकी हमले में अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल हुआ था। मामले की जांच के लिए 11 टीमें बनाई गई हैं। वहीं 30 से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है।
जागरण टीम, जम्मू। जम्मू संभाग के रियासी में शिवखोड़ी से लौट रहे श्रद्धालुओं पर हमले का षड्यंत्र पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की शह पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के रचने की संभावना है। आशंका है कि इस नृशंस हत्याकांड को चार आतंकियों ने अंजाम दिया और उनमें से दो पाकिस्तानी हो सकते हैं। यह आतंकी कुछ दिन से क्षेत्र में सक्रिय थे।
गोलियों के खोल से स्पष्ट है कि हमले में अमेरिकी एम-4 कार्बाइन का इस्तेमाल किया गया था। आतंकियों को मार गिराने के लिए व्यापक अभियान चलाते हुए एक हजार से अधिक जवानों ने पूरे क्षेत्र को घेर रखा है। जबकि लगभग 30 से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। बता दें कि रविवार शाम को शिवखोड़ी धाम से दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं की बस पर आतंकियों ने हमला कर दिया था। इस हमले में नौ श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी, जबकि 41 घायल हो गए थे।
आतंकियों को दबोचने के लिए बनाए 11 विशेष दल
पुलिस ने आतंकियों को दबोचने के लिए 11 विशेष दल बनाए गए हैं। ड्रोन और खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है। तलाशी अभियान में सेना के कमांडो दस्ते के अलावा जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान दल एसओजी के जवान भी शामिल हैं। एनआईए की टीम भी घटनास्थल पर पहुंची और सुराग जुटाए। इसके अलावा प्रदेश व अन्य केंद्रीय एजेंसियां भी जांच में जुटी हुई हैं।जम्मू रेंज के एडीजीपी आनंद जैन ने घटनास्थल का दौरा करने के साथ पुलिस, सेना और सीआरपीएएफ अधिकारियों संग भी बैठक की और रियासी में सक्रिय आतंकियों और उनके मददगारों का नेटवर्क खत्म करने की रणनीति पर चर्चा की।ये भी पढ़ें: Reasi Terror Attack: पहले भी आतंकियों ने दिया था ऐसी ही घटना को अंजाम, मेटाडोर पर की थी फायरिंग
जैश की भागेदारी से भी इंकार नहीं
पुलिस के अनुसार, हमले में लश्कर-ए-तैयबा का हाथ हो सकता है, लेकिन घटनास्थल से मिले एम-4 कार्बाइन के कारतूसों के खाली खोल के आधार यह कृत्य जैश-ए-मोहम्मद, अल-बदर व तहरीक उल मुजाहिदीन द्वारा बनाए गए मुखौटा संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) की भागेदारी से इंकार नहीं किया जा सकता। अमेरिका में निर्मित एम-4 कार्बाइन का जम्मू-कश्मीर में इस्तेमाल मुख्यत जैश के आतंकियों द्वारा ही किया जाता रहा है।
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