Jammu Kashmir: गिरदारी लाल डोगरा की पुण्यतिथि पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दी श्रद्धांजलि
कठुआ जिले की हीरानगर तहसील के भैया गांव में किसान भीम मल के घर 17 जुलाई 1915 में जन्मे गिरधारी लाल डोगरा अपने गांव में दसवीं कक्षा पास करने वाले पहले विद्यार्थी बने थे। लाहौर के पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी करने के साथ स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लेते रहे।
By Vikas AbrolEdited By: Updated: Sat, 27 Nov 2021 01:04 PM (IST)
जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू-कश्मीर के पूर्व वित्त मंत्री और पूर्व सांसद स्व. गिरधारी लाल डोगरा की 34वीं पुण्यतिथि पर गिरदारी लाल डोगरा मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से शनिवार को श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गुलशन ग्राउंड के सामने गिरदारी लाल डोगरा चौक में आयोजित इस कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समेत कई गणमान्य लोगों ने उनकी तस्वीर पर फूल-मालाएं अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
कठुआ जिले की हीरानगर तहसील के भैया गांव में किसान भीम मल के घर 17 जुलाई 1915 में जन्मे गिरधारी लाल डोगरा अपने गांव में दसवीं कक्षा पास करने वाले पहले विद्यार्थी बने थे। लाहौर के पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी करने के साथ-साथ वह देश के स्वतंत्रता आंदोलन में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते रहे। जम्मू-कश्मीर की सियासत में गिरदारी लाल डोगरा उन चंद नेताओं में शामिल है जिन्हें हर राजनीतिक पार्टी से सम्मान मिला है और उनके प्रति जनता के प्रेम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अपने सियासी जीवन में वह कभी कोई चुनाव नहीं हारे।
इस मौके पर उन्हें याद करते हुए ट्रस्ट के सदस्यों ने कहा कि स्व. गिरधारी लाल डोगरा भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, फिर भी लोग उनके द्वारा लंबे राजनीतिक कार्यकाल में किए गए उल्लेखनीय योगदान की वजह से याद करते हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार में वित्त मंत्री और सासद रहते हुए स्व. डोगरा ने जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए काफी कुछ किया है। वह सादगी पसंद और गरीबों के मसीहा थे। सभी समुदाय के लोगों को साथ लेकर चलते थे। उनकी जम्मू-कश्मीर ही नहीं, बल्कि केंद्र की राजनीति में भी अलग पहचान थी। ऐसे नेता राजनीति में बहुत कम मिलते हैं। उन्होंने कहा कि डोगरा की सादगी पसंद जीवनशैली सभी को अपनाना चाहिए। साथ ही लोगों की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए।
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