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e-Governance National Conference : जम्मू कश्मीर के लिए महत्वपूर्ण अवसर होगा ई-गवर्नेंस सम्मेलन: सिन्हा

27 नवंबर को समापन समोराह की अध्यक्षता उपराज्यपाल मनोज सिन्हा करेंगे। समापन सत्र में जम्मू-कश्मीर विजन डाक्यूमेंट के साथ जम्मू-कश्मीर साइबर सुरक्षा नीति लांच होनी है। सम्मेलन में 28 राज्यों व 8 केंद्र शासित प्रदेशों के डेलीगेट आ रहे हैं।

By vivek singhEdited By: Rahul SharmaPublished: Fri, 25 Nov 2022 06:45 AM (IST)Updated: Fri, 25 Nov 2022 06:45 AM (IST)
सरकार डिजिटल परिवर्तन का लाभ लोगों और समाज तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि उत्तर भारत में पहली बार कटड़ा में 26 नवंबर से शुरू हो रहा राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण अवसर है। दो साल के कम समय में प्रदेश में ई-आफिस व्यवस्था से जन केंद्रित सेवाएं शुरू करने की दिशा में बड़े कदम उठाए गए हैं। पेपरलैस प्रशासनिक व्यवस्था बनाई जा रही है। तकनीक की मदद से कामकाज में जवाबदेही व पारदर्शिता लाई है। नियमों, काम के तरीकों में बदलाव ने प्रभावी व कुशलता से सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाया है। उन्होंने कहा कि सरकार डिजिटल परिवर्तन का लाभ लोगों और समाज तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

उपराज्यपाल ने कहा कि श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय में होने वाले दो दिवसीय सम्मेलन में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मौजूदगी में जम्मू कश्मीर आइटी विभाग व हरियाणा के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग में आइटी क्षेत्र में एक दूसरे से सहमति पत्र पर हस्ताक्षर होंगे। मुझे विश्वास है कि राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन लोगों तक सेवाओं को बेहतर तरीके से पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएगा। 27 नवंबर को समापन समोराह की अध्यक्षता उपराज्यपाल मनोज सिन्हा करेंगे। समापन सत्र में जम्मू-कश्मीर विजन डाक्यूमेंट के साथ जम्मू-कश्मीर साइबर सुरक्षा नीति लांच होनी है। सम्मेलन में 28 राज्यों व 8 केंद्र शासित प्रदेशों के डेलीगेट आ रहे हैं।

दरबार मूव पर सालाना खर्च 400 करोड़ को बचाया : उपराज्यपाल ने कहा कि सम्मेलन में नए ई-भागीदारी विचार-विमर्श करने के साथ लोगों को बेहतर सेवाएं देने की दिशा में काम होगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने हाल ही में एकीकृत सेवा पोर्टल शुरू किया है। सभी सरकारी सेवाओं को डिजिटल मोड में उपलब्ध करवाने के लिए डिजिटल जम्मू और कश्मीर कार्यक्रम भी शुरू हुआ है। वर्ष 2021 में प्रशासनिक सुधार, जनशिकायत विभाग ने ई-गवर्नेंस जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेशों में पहला स्थान दिया था।

ई- आफिस से सरकारी कामकाज में बेहतरी आई है : प्रदेश में सरकारी विभागों में ई- आफिस से कामकाज में बेहतरी आई है। ई-आफिस पर 330 कार्यालयों में 96 प्रतिशत फाइल निपटारे के साथ जम्मू कश्मीर, केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे आगे है। ई-आफिस व्यवस्था से दरबार मूव पर सालाना खर्च होने वाले 400 करोड़ को बचाना संभव हुआ। प्रदेश 227 आनलाइन सेवाओं के साथ रैपिड असेसमेंट सिस्टम में पहले स्थान पर है। प्रदेश में पहली डिजिटल आनलाइन लाइब्रेरी शुरू की है। जम्मू-कश्मीर कर्मचारी निगरानी पोर्टल देश में पहला पोर्टल है। इससे कर्मचारियों के कामकाज की निगरानी होती है। प्रदेश में अक्टूबर में 2 करोड़ से अधिक ई-लेन-देन हुआ है। जबकि गत वर्ष अक्टूबर 10.5 लाख का ई-लेन-देन हुआ था।

पंचायत प्रतिनिधि भी बदलाव के साक्षी होंगे

राष्ट्रीय ई गवर्नेंस सम्मेलन की तैयारियां तेजी से जारी हैं। सम्मेलन में पंचायत प्रतिनिधि भी देश में ई गवर्नेंस से आ रहे बदलाव के साक्षी बनेंगे। देश में इस समय ई गवर्नेंस से शहर से लेकर गांव तक ग्रामीणों को सशक्त बनाने की दिशा में प्रयास हो रहे हैं। ऐसे में जम्मू कश्मीर के ब्लाक, जिला परिषदों के 70 प्रतिनिधि सम्मेलन में मौजूद रहेंगे। उन्हें विशेष रूप से आमंत्रित किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय, सूचना एवं तकनीक मंत्री डा. जितेंद्र सिंह सम्मेलन का शुभारंभ करेंगे। 


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