Jammu: बलिदानी इंस्पेक्टर मसरूर अहमद वानी को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दी श्रद्धांजलि, क्रिकेट खेलते समय आतंकियों ने मारी गोली
जम्मू कश्मीर में क्रिकेट खेलते समय इंस्पेक्टर मसरूर अहमद वानी को एक आतंकी ने 29 अक्टूबर को गोली मार दी थी। इसके बाद उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। वहीं उन्होंने गुरुवार को अपनी अंतिम सांस ली। इंस्पेक्टर के बलिदान पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रद्धांजलि दी साथ ही अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। साथ ही उन्होंने कहा कि सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू कश्मीर पुलिस के बलिदानी इंस्पेक्टर मसरूर अहमद को श्रद्धांजलि दी। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत माता के इस वीर सपूत को खोने के दर्द को व्यक्त करने के लिए मेरे पास पर्याप्त शब्द नहीं है। मैं उनके साहस और बलिदान को सलाम करता हूं। दुख की इस कठिन घड़ी में मैं उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।
सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा: उपराज्यपाल सिन्हा
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनका सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हम आतंकी खतरे को कुचलने और आतंकियों को समर्थन और बढ़ावा देने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए संकल्पबद्ध हैं।
क्रिकेट खेलते समय मारी थी गोली
बता दें कि ग्रीष्मकालीन राजधानी में ईदगाह के साथ सटे नारवारा के रहने वाले इंस्पेक्टर मसरूर अहमद वानी पर एक आतंकी ने 29 अक्टूबर को उस समय हमला किया था, जब वह ईदगाह मैदान में अपने दोस्तों संग क्रिकेट खेल रहे थे। आतंकियों ने उन पर नजदीक से गोलियां दागी थी। उनके सिर, चेहरे और पेट में चार गोलियां लगी थी। इंस्पेक्टर मसरुर अली पर हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा का हिट स्क्वाड कहे जाने वाले आतंकी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट टीआरएफ ने ली थी। दावा किया जाता है कि हमले के समय टीआरएफ का ऑप्रेशनल कमांडर बासित डार ईदगाह में ही था।
जम्मू में शोक की लहर
39 दिनों तक जिंदगी और मौत की जंग लड़ते हुए वो गुरुवार को बलिदान हो गए। उनके बलिदान के बाद जम्मू में शोक की लहर दौड़ गई। वहीं, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बलिदानी इंस्पेक्टर मसरूर अहमद को श्रद्धांजलि दी।