Lok Sabha Election 2024: ...तो जम्मू-कश्मीर में पहचान बचाए रखने के लिए चुनाव में उतर रही हैं ये पार्टियां!
Lok Sabha Election 2024 जम्मू-कश्मीर में चुनावी बिगुल बज चुका है। तारीखों की घोषणा के बाद से ही केंद्रशासित प्रदेश में तैयारियां तेज हो गई हैं। यहां कभी जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स (JKNPP) पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (BSP) भले ही ऊधमपुर-डोडा संसदीय सीट जीत कभी न पाए हों। लेकिन इन पार्टियों का दबदबा कम नहीं था। बसपा और पैंथर्स पार्टी कभी यहां अच्छी करती थीं।
रोहित जंडियाल, जम्मू l Jammu Kashmir Lok Sabha Election: जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी और बहुजन समाज पार्टी भले ही ऊधमपुर-डोडा संसदीय सीट जीत कभी न पाए हों, लेकिन एक समय दोनों ही राजनीतिक दलों का इस क्षेत्र में काफी प्रभाव था। ये दोनों दल किसी भी उम्मीदवार की जीत-हार का सियासी गुणा-भाग बदल देते थे। बाद में चुनाव-दर-चुनाव दोनों दलों पर मतदाताओं पर विश्वास कम होता चला गया।
पार्टियां पहचान बनाने के लिए लड़ेंगी चुनाव
अब ये पार्टियां अपनी पहचान बचाए रखने के लिए इस चुनाव (Lok Sabha Election) में लड़ेंगी। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में पैंथर्स पार्टी को मात्र 2.06 और बसपा को 1.41 प्रतिशत मत मिले थे, जबकि कभी इस सीट के 18 विधानसभा क्षेत्रों में से तीन पर पैंथर्स का कब्जा होता था। बसपा भी विधानसभा में अच्छा वोट हासिल कर लेती थी।
पैंथर्स पार्टी के संस्थापक थे काफी लोकप्रिय
बता दें कि बसपा ने इस सीट पर अमित भगत को प्रत्याशी बनाया है। पैंथर्स पार्टी के संस्थापक स्व. प्रो. भीम सिंह ऊधमपुर-डोडा-कठुआ संसदीय क्षेत्र में वह काफी लोकप्रिय थे। वर्ष 1988 में वह 30 हजार से अधिक वोटों से जीत रहे थे। हालांकि, बाद में विवाद हुआ और मामला कोर्ट में तक जा पहुंचा।इसके बाद भी पार्टी को इस संसदीय क्षेत्र से इतने वोट मिल जाते थे कि वह किसी भी राजनीतिक दल की हार-जीत के समीकरणों को बदल सकते थे। वर्ष 2004 के संसदीय चुनावों में जब भाजपा को हराकर लाल सिंह सांसद बने थे, उस समय पैंथर्स के प्रत्याशी प्रो. भीम सिंह को 8.20 प्रतिशत वोट मिले थे।
इसके बाद 2019 में यह आंकड़ा गिरकर 2.06 प्रतिशत रह गया। बसपा इस संसदीय सीट पर कभी भी जीत दर्ज नहीं कर पाई, लेकिन इस सीट के अंतर्गत आने वाले कुछ विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी का अच्छा जनाधार होता था। रामनगर विधानसभा क्षेत्र में बसपा दो बार उपविजेता भी रही। वर्ष 2004 के संसदीय चुनावों में बसपा को इस सीट पर 3.12 प्रतिशत मत मिले थे। 2019 में मत प्रतिशत गिरकर 1.41 प्रतिशत रह गया।
ऐसे कमजोर हुए पैंथर्स पार्टी
- वर्ष 2004: 8.20 प्रतिशत
- वर्ष 2009: 11.36 प्रतिशत
- वर्ष 2014: 2.43 प्रतिशत
- वर्ष 2019: 2.06 प्रतिशत
बहुजन समाज पार्टी
- वर्ष 2004: 3.12 प्रतिशत
- वर्ष 2009: 3.51 प्रतिशत
- वर्ष 2014: 1.58 प्रतिशत
- वर्ष 2019: 1.41 प्रतिशत
पैंथर्स ने 2002 में तीन विस सीटें जीती थीं
पैंथर्स पार्टी ने वर्ष 2002 के विधानसभा चुनावों में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया था। पार्टी ने चार सीटों में से तीन सीटें इसी संसदीय क्षेत्र से जीती थीं। रामनगर, ऊधमपुर, चिनैनी-घोरड़ी जैसे क्षेत्रों में अभी भी पार्टी का एक जनाधार है, लेकिन संसदीय चुनावों में कम, विधानसभा चुनावों में यह कम दिखता है। अंतिम बार हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी सभी सीटें हार गई थी।
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