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Jammu : सामाजिक न्याय दिवस के रूप में मनाई जाए महाराजा हरि सिंह की जयंती

शुक्रवार को डोगरा सदर सभा में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में इसका खुलासा करते हुए चाढ़क ने कहा कि डीएसएस के कोर ग्रुप और प्रमुख नागरिकों की एक बैठक में तय किया गया कि महाराजा की जयंती को सामाजिक न्याय दिवस के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Updated: Fri, 03 Sep 2021 08:19 PM (IST)
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महाराजा की जयंती को सामाजिक न्याय दिवस के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए।

जम्मू, जागरण संवाददाता : डोगरा सदर सभा ने हर वर्ष 23 सितंबर को महाराजा हरि सिंह की जयंती को ‘सामाजिक न्याय दिवस’ के रूप में मनाने की मांग की है। महाराजा सभी जाति, धर्म या पंथ, क्षेत्र के लोगों को न्याय देने में विश्वास करते थे। सभा उनकी ऐतिहासिक प्रतिबद्धता को देखते हुए यह मांग कर रही है।

डोगरा सदर सभा के अध्यक्ष पूर्व मंत्री गुलचैन सिंह चाढ़क ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महाराजा के द्वारा स्थापित सामाजिक न्याय के लिए सुधारों और कानूनी ढांचे से साफ होता है कि न्याय ही उनके शासनकाल की पहचान थी। शुक्रवार को डोगरा सदर सभा में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में इसका खुलासा करते हुए चाढ़क ने कहा कि डीएसएस के कोर ग्रुप और प्रमुख नागरिकों की एक बैठक में तय किया गया कि महाराजा की जयंती को सामाजिक न्याय दिवस के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए।

महाराजा हरि सिंह ने राज्याभिषेक भाषण में 1925 में स्पष्ट रूप से घोषणा की थी कि मेरे लिए सभी समुदाय, धर्म और नस्ल समान हैं। सभी धर्म मेरे हैं और न्याय मेरा धर्म है।चाढ़क ने कहा कि महाराजा हरि सिंह जी का दृष्टिकोण एक आधुनिक शासक के रूप में था। जो धीरे-धीरे लोकतंत्रीकरण और निरक्षरता, सामाजिक बुराइयों और असमानता को खत्म करने के लिए समर्पित था। जिसने उन्हें जम्मू-कश्मीर की तत्कालीन रियासत के सभी विषयों के लिए वर्ग, धर्म के बावजूद प्रिय बना दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दिवंगत महाराजा की जयंती को सामाजिक न्याय दिवस के रूप में मनाने के लिए यह एक उचित श्रद्धांजलि होगी।

सभी सामाजिक और राजनीतिक संगठनों से अपील की कि वे इस तरह के स्मारक को एक वार्षिक विशेषता बनाने के प्रयासों में हाथ मिलाएं। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 23 सितंबर को अवकाश घोषित करने की मांग भी दोहराई। इस बात पर भी जोर दिया कि ऐतिहासिक मुबारक मंडी के जीर्णोद्धार का कार्य तेजी से होना चाहिए। विरासत के संरक्षण के लिए एक नीति के तहत कार्य होना चाहिए।कर्नल करण सिंह जम्वाल, प्रेम सागर गुप्ता, अजय खजूरिया, ब्रिगेडियर एमएस जम्वाल, समर देव सिंह चाढ़क, गंभीर देव सिंह, कुलबीर सिंह, शंकर सिंह, रवि सिंह और डा. विद्या सागर शर्मा संवाददाता सम्मेलन में मौजूद थे।